Jaipur News: शहीद दिवस पर राजधानी जयपुर में आजादी के नायक क्रांतिकारियों के परिजनों का सम्मान किया गया. इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि वर्तमान में देश में नफरत का माहौल बढ़ रहा है, यह खतरनाक संकेत है. देश में आज जिस तरह का विचार हावी हो रहा है, वह बहुत खतरनाक है.
शहीद ए आजम भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के शहादत दिवस पर रविवार को नारायण सिंह सर्किल पर भट्टारक जी की जैन नसियां में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में देश की आजादी के लिए 1857 से 1947 के बीच अपने प्राण न्यौछावर करने वाले 40 क्रांतिकारियों के परिजनों को सम्मानित किया गया.
इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी कार्यक्रम में शामिल हुए. गहलोत ने कहा कि आजादी की लड़ाई लड़ने वाले क्रांतिकारियों ने उस दौर में बलिदान दिया, जब यह भी नहीं पता था कि उन्हें जीते जी आजादी देखने को मिलेगी या नहीं. 'हंसते-हंसते फांसी पर चढ़ जाना, जेल चले जाना… ये कोई मामूली बात नहीं थी. उस समय अंग्रेजी हुकूमत इतनी ताकतवर थी कि कहा जाता था, उनके शासन में सूरज नहीं डूबता लेकिन क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें आजादी दिलाई.
जो इतिहास याद नहीं रखता, इतिहास नहीं बना पाता
गहलोत ने कहा कि आज की पीढ़ी आजादी के सच्चे नायकों को भूलती जा रही है. गांधी, नेहरू जैसे नेताओं का इतिहास पढ़ना जरूरी है, जो सरकार और प्रधानमंत्री इतिहास को याद नहीं रखता है, वह कभी इतिहास नहीं बना पाता है.
इतिहास को याद रखना, नई पीढ़ी को संदेश देना, त्याग और बलिदान की गाथाओं को उनकी तक पहुंचाना चाहिए. उन्होंने कहा कि देश में अलग-अलग भाषाएं, जातियां, संस्कृतियां हैं, लेकिन सब एक थे और यही भारत की ताकत थी. उन्होंने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के बलिदान को याद करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी ने खालिस्तान बनने नहीं दिया.
देश के मौजूदा हालातों पर चिंता
गहलोत ने देश के मौजूदा हालातों पर चिंता जताई और कहा कि आज जिस तरह का विचार आ रहा है, वह बहुत खतरनाक है. क्रांतिकारियों ने कभी नहीं सोचा होगा कि इस देश में हिंदू-मुस्लिम को लेकर नफरत फैलेगी. समाज में छुआछूत अब भी एक कलंक की तरह है, हमें इस पर सोचने की जरूरत है. गहलोत ने कहा कि हमें आने वाली पीढ़ी को यह बताना होगा कि देश किस तरह आजाद हुआ. फ्रीडम फाइटर्स की सोच सामाजिक सुरक्षा की भी थी, इस पर रिसर्च की जरूरत है.
लोकतंत्र और पत्रकारिता को लेकर भी गहलोत ने चिंता जताई और कहा जिस तरह के बिल आ रहे हैं, वे लोकतंत्र के लिए खतरा हैं. अगर पत्रकारों को जेल भेजा गया और उन पर कानून बनाए गए तो देश कहां जाएगा?
गहलोत ने कहा कि सीमा पर शहीद होने वालों को याद करना जरूरी है. कारगिल के युद्ध में 56 शहीद हुए थे, शहीदों की मूर्ति आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा देती है, कि उनका क्या बलिदान था. आगे से आगे पीढ़ियों में मैसेज जाता है, जज्बा पैदा होता है कि मुझे भी देश के लिए कुछ करना है.
पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि क्रांतिकारियों का जितना सम्मान करें कम पड़ता है. क्रांतिकारी परिवारों का सम्मान करने के लिए शब्द कम पड़ जाएंगे. ऐसे कार्यक्रम के लिए NGO को आगे आना चाहिए. आज शहीद दिवस है, हमारे नौजवान भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव शहीद हो गए. आने वाली पीढ़ियों को तो यकीन नहीं होगा कि आजादी का कोई संघर्ष हुआ था, कोई फांसी के फंदे पर चढ़ा था, वो केवल कहानी मानेंगे.