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Rajasthan News: पंचायत पुर्नगठन के लिए सरकार ने बनाई मंत्रीमंडल उपसमिति, बढ़ सकता है पंचायतों का कार्यकाल

Rajasthan News: पंचायत पुर्नगठन के लिए सरकार ने मंत्रीमंडल उपसमिति बनाई है. ऐसे में पंचायतों का कार्यकाल बढ़ सकता है.

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Ashish Chauhan|Updated: Jan 10, 2025, 09:40 PM IST
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Rajasthan News: राजस्थान में 7000 से ज्यादा पंचायत का कार्यकाल खत्म होने वाला है. ऐसे में अब राज्य सरकार जल्द ही पंचायत के कार्यकाल पर फैसला ले सकती है. इसके लिए पंचायती राज विभाग तीन सरकारों के फैसले का अध्ययन कर रहा है. जल्द ही तीनों में से एक फैसला राजस्थान में भी लागू हो सकता है.

जल्द पंचायतों पर होगा फैसला

पंचायत पुनर्गठन के फैसले के बाद यह तो साफ हो गया है कि राजस्थान में तय समय पर पंचायतीराज चुनाव नहीं होंगे, लेकिन अभी भी सरपंचों के भविष्य को लेकर निर्णय नहीं हो पाया है. हालांकि राज्य सरकार जल्द ही पंचायतों के कार्यकाल को लेकर फैसला ले सकती है.

पुर्नगठन के लिए सरकार द्वारा मंत्रीमंडल उपसमिति का गठन किया गया है. जिसमें पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर को संयोजक बनाया है. इसके अलावा मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत,अविनाश गहलोत,सुमित गोदारा और जवाहर सिंह बेढम को सदस्य बनाया है.

फिलहाल सरकार मध्य प्रदेश के साथ-साथ झारखंड और उत्तराखंड सरकार के फैसलों का भी अध्ययन कर रही है क्योंकि तीनों ही राज्यों में पंचायत का कार्यकाल बढ़ाया गया है. सबसे ज्यादा संभावनाएं मध्य प्रदेश की तर्ज पर पंचायतों में समिति बना सरपंचों को अध्यक्ष बनाया जा सकता है. हालांकि पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर कह चुके हैं कि जो भी फैसला होगा वो कैबिनेट ही लेगा.

मध्यप्रदेश में प्रशासनिक समितियां बनाई

मार्च 2020 में सरपंचों का कार्यकाल खत्म होने के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने आदेश निकाला. जिसके बाद वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में प्रशासनिक समितियों का गठन किया गया. जिसमें पंचायतों को समितियों का प्रधान बनाया गया. इस दौरान पंचायतों के खातों का परिचालन और आहरण पर पाबंदी लगाई गई.

झारखंड में पंचायतीराज का कार्यकाल बढ़ाया

कोरोना काल में पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव नहीं हो सकते थे, इसलिए झारखंड सरकार ने पंचायतीराज संस्थान के तहत आने वाली पंचायतों,पंचायत समिति और जिला परिषदों का कार्यकाल 6 महीने के लिए बढ़ाया. इसके लिए झारखंड सरकार ने नियमों के संशोधन के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी किया. जिसके बाद इस संशोधन को झारखंड पंचायत राज अध्यादेश 2012 कहा गया.

उत्तराखंड सरकार ने सरपंचों को ही प्रशासक लगाए

उत्तराखंड में नवंबर में सरपंचों यानि पंचायतों के प्रमुखों को 6 महीने के लिए प्रशासक के रूप में नियुक्त किया गया. सरपंचों को प्रशासक के रूप में नियुक्ति के बाद वे सामान्य रूटीन कार्यों का ही निर्वहन कर सकते है. विशेष परिस्थितियों में यदि कोई नीतिगत निर्णय लिया जाता है तो उत्तराखंड पंचायतीराज अधिनियम 2016 की धारा 65 के तहत जिलाधिकारी के निर्देश के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.

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