Jaipur News: क्या आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव की सीज़ की गई प्रॉपर्टी में घालमेल हो रही है? क्या प्रदेश में भू-माफियाओं का खेल लगातार बढ़ता जा रहा है? और क्या ईडी ने जो ज़मीन सीज़ की है... उस पर एनओसी दी जा रही है? क्या यह एनओसी भी फर्जी है?... आखिर यह खेल क्या हो रहा है?
दरअसल यह सभी सवाल इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि सिरोही के आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव बैंक के मामले में सीज़ की गई सम्पत्तियों के सौदे होने का मामला जानकारी में आया है. अब नेशनल क्रेडिट को-ऑपरेटिव मेम्बर्स वेलफेयर सोसाइटी ने इस मामले में दखल देकर सीज़ की गई ज़मीनों का खरीद-बेचान रोकने के लिए सरकार से गुहार लगाई है. सोसाइटी के अध्यक्ष मांगीलाल का कहना है कि निवेशकों का पैसा लौटाने और उन्हें न्याय दिलाने के लिए यह बेचान रोका जाना ज़रूरी है.
आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी से जुड़ी जमीनों पर अब भूमाफियों की नजर पड़ती दिख रही है. सिरोही में पिछले दिनों हुए ज़मीनों के कुछ सौदों के बाद अब सवाल उठ रहे हैं. आखिर कौन है वो, जो इन जमीनों के बेचने के लिए आमादा हैं. कहा जा रहा है कि अगर ऐसे ही ज़मीनें बिक गई तो निवेशकों को उनका पैसा कैसे वापस मिल पाएगा?
दरअसल यह पूरी कहानी आदर्श क्रेडिट सोसाइटी के वीरेंद्र मोदी की जमीन से जुड़ी है. सिरोही के तहसील दफ्तर में एक ज़मीन की रजिस्ट्री का मामला आया. ज़मीन वीरेन्द्र मोदी के नौकर खसाराम के नाम पर है. शिवगंज स्थित इस ज़मीन को लेकर सवाल इसलिए उठ रहे हैं. क्योंकि इस पर आदर्श क्रेडिट सोसाइटी से लिया लोन बकाया चल रहा है. कुछ जगह कहा जा रहा है? कि कुर्की की कार्यवाही की है. इसमें ईडी का नाम भी आ रहा है. वहीं ईडी के अधिकारी इस ज़मीन पर ईडी की एनओसी को लेकर हैरान हैं.
उधर पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भी इस मामले पर सवाल उठाये हैं. गहलोत ने इस मामले में पीएम नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय सहकारिता मन्त्री अमित शाह से आदर्श सोसाइटी के मामले में की जा रहीं . वित्तीय अनियमितताओं पर संज्ञान लेने और राजस्थान में आदर्श, संजीवनी जैसी सोसाइटियों के पीड़ितों को न्याय दिलवाने की कार्रवाई करने का आग्रह किया है.
गहलोत ने कहा कि ऐसा जानकारी में आया है कि 8 अप्रैल 2019 को आदर्श सोसायटी की संपति अटैच करने के बाद 2024 एवं 2025 में बिना ED की अनुमति के ही सिरोही के अधिकारियों ने कई जमीनों का नामांतरण लिक्विडेटर के नाम पर खोल दिया. इसके अलावा लगभग 22 बीघा जमीन को पिछले दिनों बाजार दर से एक चौथाई कीमत पर नीलाम कर दिया. गहलोत ने कहा कि पूरा मामला यह भी दिखाता है कि भाजपा के नेता और राज्य सरकार के अधिकारी मिलकर निवेशकों के साथ अन्याय कर रहे हैं.
गहलोत आदर्श क्रेडिट के साथ ही संजीवनी का मामला भी उठाया. पूर्व सीएम ने कहा कि राज्य में भाजपा सरकार आने के बाद संजीवनी सोसाइटी मामले की जांच भी लगभग रुक सी गई है. गहलोत ने बिना किसी का नाम लिये कहा कि अब तो कई आरोपियों को SOG अब आरोपी ही नहीं मान रही है.
उधर नेशनल क्रेडिट को-ऑपरेटिव मेम्बर्स वेलफेयर सोसाइटी ने इस मामले में दखल देकर सीज़ की गई ज़मीनों का खरीद-बेचान रोकने के लिए सरकार से गुहार लगाई है. सोसाइटी के अध्यक्ष मांगीलाल का कहना है कि निवेशकों का पैसा लौटाने और उन्हें न्याय दिलाने के लिए यह बेचान रोका जाना ज़रूरी है.
मांगीलाल माली ने ज़मीन को डीएलसी दरों से कम की रेट पर बेचे जाने की बात भी कही. उनका कहना है कि वीरेन्द्र मोदी के पुत्र रोहित मोदी के नाम पर दर्ज ज़मीन को भी खुर्द-बुर्द करने की कोशिश हुई है. इसके साथ ही सोसाइटी ने लिक्विडेटर पर भी सवाल उठाये हैं, तो साथ ही सब-रजिस्ट्रार की भूमिका पर भी सवाल उठाये हैं.