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Mahashivratri 2024: हर हर महादेव के जयकारों से गूंजा जयपुर, सुबह 4:00 बजे से हो रहा भोलेनाथ का अभिषेक

Mahashivratri 2024: शिव और शक्ति की आराधना का पर्व महाशिवरात्रि आज देश भर में धूमधाम से मनाया गया. वहीं, जयपुर में सुबह 4:00 बजे मंदिर के पट खुले और पट खुलते ही भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना शुरू हुई. 

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Mahashivratri 2024
Mahashivratri 2024
Anoop Sharma |Updated: Mar 08, 2024, 03:42 PM IST
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Mahashivratri 2024: आज देश भर में महाशिवरात्रि पर्व धूमधाम से मनाया गया. तारकेश्वर महादेव मंदिर, झारखंड महादेव मंदिर, जंगलेश्वर, भूतेश्वर और रोजगारेश्वर महादेव मंदिर सहित राजधानी के अन्य शिवालय में सुबह से ही जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा. मंदिरों में विशेष आकर्षण लाइटिंग और सजावट की गई है.

शिव और शक्ति की आराधना का पर्व महाशिवरात्रि श्रद्धा और भक्ति के साथ आज मनाया गया. इसके लिए मंदिर प्रशासन ने विशेष व्यवस्था की, ताड़केश्वर महादेव मंदिर के महंत अमित कुमार पाराशर ने बताया मंदिर में सुबह 4:00 बजे मंदिर के पट खुले और पट खुलते ही भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना शुरू हुई. 

सुबह 4 बजे से पूरा दिन और पूरी रात भगवान भोलेनाथ के दर्शन भक्तों को हो रहे हैं. रात्रि को विशेष चार पहर की पूजा का विधान है. आज शाम को 6:30 बजे से लेकर 9:30 तक प्रथम पर की पूजा होगी. इसके बाद 9:30 से 12:30 बजे तक दूसरे पहर की पूजा होगी. 12:30 से 3:30 तक तीसरे पहर की पूजा होगी. रात 3:30 से लेकर सूर्योदय तक चौथ पर की पूजा होगी, जो व्यक्ति पूरे साल भर तक भगवान भोलेनाथ की पूजा नहीं करता और शिवरात्रि के दिन पूजा करता है तो उसे पूरे साल भर की पूजा का फल मिलता है. 

भगवान भोलेनाथ को आंकड़े की माला धतूरा और बेलपत्र यह जरूर चढ़ाने चाहिए. इससे भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और भक्त को आशीर्वाद देते हैं. साथ में ऋतु फल गाजर मोगरी भगवान को अर्पित करनी चाहिए. साथ में पंचामृत से अभिषेक भी भगवान भोलेनाथ का करना चाहिए. चार पहर की पूजा के साथ कई अनुष्ठान हुए. 

वहीं, सुबह 4 बजते ही मंदिर के पट खुले और दर्शन करने वालों की भीड़ मंदिर परिसर में जमा होने लगी. तारकेश्वर महादेव मंदिर के बाहर भक्तों की लंबी-लंबी कतार देखने को मिली. मंदिर परिसर भोले बाबा के जयकारों से गूंजायमान रहा. भगवान शंकर का अभिषेक करने वाले भक्तों ने बताया कि सुबह जल्दी नित्य कार्य से निवृत होकर सबसे पहले भगवान के दर्शन करने के लिए मंदिर आए हैं. 

आज की पूजा का विशेष महत्व होता है, हर साल की तरह इस साल भी भगवान भोलेनाथ का पंचामृत से अभिषेक कर मनोकामना मांगी. आज के दिन भगवान शंकर से मनोकामना मांगने पर वह जरूर पूरी होती है. भगवान भोलेनाथ की कृपा सभी पर बनी रहे, घर-परिवार में सुख शांति और समृद्धि आए इसके लिए भगवान से आशीर्वाद लेने के लिए आए हैं. भगवान भोलेनाथ हर साल आशीर्वाद देते हैं और इस साल भी वह आशीर्वाद जरूर देंगे, जिससे उनका जीवन सुचारू रूप से चले. 

शिवरात्रि पर्व पर शिव जी को प्रसन्न करने के लिए अभिषेक दूध , दही , शहद , घी , शक्कर आदि से करना चाहिए और जलाभिषेक करना चाहिए. इस दिन रूद्र अभिषेक का विशेष महत्व है. शिवालय को बांदरवाल, रंगीन रोशनी से सजाया गया. सभी शिव भक्त सुबह का इंतजार करते नजर आए. मंदिर के पट खोलते ही भोले बाबा के जयकारों से मंदिर परिसर गूंजायमान हो गया.

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