Rajasthan Politics: राजस्थान विधानसभा में उस समय ठहाकों का दौर शुरू हो गया, जब वैर विधायक बहादुर सिंह कोली ने भ्रष्टाचार से जुड़ा एक दिलचस्प वाकया सुनाया. कोली ने बताया कि एक ठेकेदार ने विधायक से बिल पास कराने की बात कही, जिस पर विधायक ने कहा कि पहले मेरा काम कर दो, फिर मैं तुम्हारा कर दूंगा. इस बातचीत में "कुर्ते–पजामे" का कोड वर्ड इस्तेमाल किया गया.
कोली ने कहा कि भरतपुर सीट का नहीं बल्कि भरतपुर के 7 MLA में से एक MLA था. कोली ने बताया कि कोड वर्ड में ठेकेदार ने अपने आदमी से कहा कि 50 कुर्ते–पजामे रखे हुए हैं. मैं रोड पर आऊंगा, तो आप शॉर्टकट आ जाना. ठेकेदार का आदमी कुर्ते-पजामे का थैला लेकर चल दिया. वहीं एक शादी थी और ढोल–नगाड़े वाला भी शॉर्टकट जा रहा था. वह उसी वक्त ढोल बजाने लग गया.
कोली बोले कि वह अरहर की दाल के खेत में होकर जा रहा था, जहां कुछ चोर भी छुपे हुए थे. चोरों ने कहा कि ढोल क्यों बजा रहे हो? वहीं ठेकेदार का आदमी कुर्ता–पजामा का थैला लेकर आ रहा था, तो चोरों ने ढोल वाले को तो छोड़ दिया, लेकिन कुर्ता–पजामे वाले को पकड़ लिया. जब चोरों ने बैग खोला तो कुर्ता–पायजामा की जगह उसमें 'माल' था. चोरों ने बैग छीन लिया और लेकर चले गए. उसके बाद में विधायक जी ढोल वाले को पीटने लगे.
कोली ने कहा कि यह घटना हकीकत है, कोई कहावत नहीं है. इस पूरे वाकये के दौरान सदन में हंसी का माहौल बना रहा. बहादुर सिंह कोली ने कहा कि सुभाष गर्ग साहब हंस रहे हैं. इन्हें पता है कि 'कुर्ते–पजामे का कोड वर्ड' कौन काम में लेता था? सुभाष गर्ग ने बहादुर कोली से कहा कि आप ऐसे बोल रहे हो, तो हंसी तो आएगी. कोली बोले कि गर्ग साहब आपको पता है, कौन था? जिसके बाद पूरे सदन में ठहाके गूंज उठे.
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