Rajasthan Assembly: विधानसभा में एक बार फिर मंत्री पूरी तैयारी के साथ नहीं पहुंच रहे हैं, जिससे सरकार की किरकिरी हो रही है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा विधायक दल की बैठक में लगातार मंत्रियों और विधायकों को पूरी तैयारी के साथ सदन में आने और विपक्ष से मुकाबला करने को लेकर निर्देश दे रहे हैं, लेकिन बावजूद इसके गाहे बगाहे मंत्री सवालों के जवाब ठीक ढंग से नहीं दे पा रहे हैं. मंत्री कभी अपने ही दलों के विधायकों तथा कभी विपक्ष के सवालों में उलझते नजर आ रहे हैं. मंगलवार को भी सदन में सवालों का जवाब नहीं देने पर विपक्ष असंतुष्ट नजर आया, वहीं सत्ता पक्ष के विधायक भी ठीक जवाब देने के लिए कहते नजर आए. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और वन मंत्री संजय शर्मा के बीच नोकझोंक भी हुई.
प्रश्नकाल में विधायक अनिता भदेल ने अजमेर शहर में खाद्य सुरक्षा योजना में प्राप्त आवेदन को लेकर सवाल किया. जवाब में खाद्य नागरिक एवं आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि 5512 आवेदन प्राप्त हुए, 1000 से ज्यादा आवेदन स्वीकृत हुए, 3680 आवेदन लंबित है. इसके बाद पूरक सवाल करते हुए अनीता भदेल ने कहा कि बाकी बचे जो आवेदन है उनका क्या होगा ? इस पर मंत्री सुमित गोदारा ने कहा मुख्यमंत्री के निर्देश है कि एक भी व्यक्ति खाद्य सुरक्षा से वंचित नहीं रहे, 26 जनवरी से पोर्टल खोला गया है, तब से नए नाम जोड़े गए. बीजेपी सरकार बनने के बाद खाद्य सुरक्षा में 21 लाख 87 हजार नए नाम जोड़े गए हैं. इसके बाद नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि आंकड़ों में बड़ा अंतर है, आपने जो पेंडेंसी और स्वीकृत की जो संख्या बताई है उसमें अंतर है ? मंत्री स्थिति स्पष्ट करें. मंत्री जवाब नही दे पाए. इस बीच स्पीकर ने दूसरा नाम पुकारा तो जूली ने कहा कि पूरा जवाब नहीं आया, सरकार आंकड़े नही दे पा रही है.
इससे पहले विधायक श्रीचंद्र कृपलानी ने सवाल किया कि निंबाहेड़ा आज से 40 साल पहले जिला हेडक्वार्टर था, बाद में चित्तौड़गढ़ जिला हेडक्वार्टर बना.यहां जिला स्तरीय संस्थाएं है सीमेंट का हब भी है. जिला तो चला गया, लेकिन महिला थाना कब खोलेंगे ? इस पर गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा की पुलिस जिलों के जिला मुख्यालय पर महिला थाने खोलने का प्रावधान है. जिले के अलावा थाना खोलने पर विचार करेगी सरकार तो, निंबाहेड़ा का विशेष ध्यान रखा जाएगा.
विधानसभा में भीनमाल बागोड़ा सड़क का नवीनीकरण कार्य को लेकर लगे सवाल पर वन मंत्री संजय शर्मा ठीक से जवाब नहीं दे पाए. इस दौरान वन मंत्री संजय शर्मा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के बीच में सवाल जवाब में नोकझोंक भी हुई. विधायक समरजीत सिंह ने सवाल किया कि भीनमाल बागोड़ा सड़क का निर्माण वन क्षेत्र के मध्य हुआ है? वन मंत्री संजय शर्मा ने कहा कि सड़क पीडब्ल्यूडी बनाती है, हम तो सहमति देते हैं. पीडब्ल्यूडी आवेदन करेगी जब हम स्वीकृति दे देंगे. इस पर नेता प्रतिपक्ष असंतुष्ट दिखे और उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी मंत्री भी यहीं है, इस मामले को क्यों लटका रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष जुली ने कहा कि विभागों में सामंजस्य नहीं है, सरकार व्यवस्था करें. इस बीच मंत्री संजय शर्मा ने कहा आप इसमें नहीं बोले, मैं जवाब देने के लिए सक्षम हूं. इस बीच दोनों के बीच नोकझोंक हुई तो विधानसभा अध्यक्ष ने बीच में बोल मामला शांत किया.
प्रश्नकाल में आईबीएम चिकित्सालय भरतपुर के निर्माण को लेकर विधायक सुभाष गर्ग ने सवाल पूछा कि टेंडर की शर्तों में कब तक निर्माण कार्य पूरा होना था ? टेंडर की शर्तों के अनुरूप निर्माण किया गया है क्या ?
भवन इन संबंधित सेवाओं को उपलब्ध करवाने के लिए उपलब्ध है पर्याप्त है क्या ? इस पर चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा अस्पताल के विस्तार का निर्माण कार्य को 17 दिसंबर 2017 को निर्माण शुरू हुआ था. 30 जून 2023 तक निर्माण कार्य कंप्लीट होना था, अब 30 जून 2025 तक कंपनी निर्माण कार्य पूर्ण कर देगी.देरी की वजह से कंपनी पर 30 लाख की पेनल्टी पहले ही लगा दी गई है.मरीज का फुल फॉल ज्यादा होने के कारण अस्पताल का विस्तार किया गया, पिछली सरकार ने मेडिकल सुपर स्पेशलिटी की घोषणा की गई लेकिन काम नहीं किया गया. जितने भी स्वीकृत हैं रिक्त पड़े सभी को भर दिया जाएगा.
इधर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने मीडिया से कहा कि सरकार के मंत्री गोलमाल जवाब देकर जिम्मेदारी से बचना चाह रहे हैं. विधायकों को बोलने नहीं दिया जा रहा है. दो सवालों के बाद डूंगरराम गेदर ने सूरतगढ़ में कुछ कंपनियां रेड कैटेगरी आने का मामला उठाया. उन्होंने इस कंपनी से पॉल्यूशन फैलाने और स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ने की बात कहकर सरकार से कार्रवाई करने की मांग की. नोटिस देकर रेड कैटेगरी में जानबूझकर जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है. इसी तरह नियम समिति का प्रतिवेदन पटल पर नहीं रखा. सदन के अंदर पटल पर रखना चाहिए था नहीं रखा. इस बात को उठाया तो संसदीय मंत्री विधानसभा सचिवालय का नाम गेंद एक दूसरे पर डाल रहे हैं। सदस्यों को हार्ड डिस्क ऑन लाइन ऑफ लाइन चलेगा. सूचना आती राजस्थान सदन दादागिरी करना चाह रहा है. जनता देख रही है, मंत्रियों से जवाब देते नहीं बन रहा है.
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