Rajasthan Assembly: सदन में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली बोल रहे हैं. टीकाराम जूली ने कहा कि पिछले कई दिन से सदन में गतिरोध रहा. जिसकी वजह से हम लोग यहां भी धरने पर रहे और बाहर भी धरने पर रहे. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि हमारे पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर व्यंग्यात्मक रूप में टिप्पणी की गई. उसके बाद से विवाद बढ़ता-बढ़ता यहां तक जा पहुंचा.
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नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सदन के नेता को धन्यवाद दिया. कहा कि मुख्यमंत्री ने पहल करके वार्ता की और हमें बुलाया. मैं सदन के नेता से शिकायत भी करूंगा. यही वार्ता पहले हो जाती है, तो उन्हें सदन में सोना ना पड़ता ना बाहर धरना देना पड़ता. आओ मिलकर ढूंढे कोई-कोई वजह एक होने की, यूं बिखरे-बिखरे ना तुम अच्छे लगते हो ना हम...
यह सदन की खूबसूरती रही है. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सदन के नेता को धन्यवाद दिया. कहा कि अगर आप चाहते, तो यही बात चार दिन पहले हो जाती. ना हमें धरना देना पड़ता, ना यहां पर सोना पड़ता. मैंने पहले भी कहा था क्षमा बड़न को चाहिए छोटन को उत्पाद. हम सब लोगों से मिलकर ही सदन बनता है.
हमारे सदस्य गोविंद सिंह डोटासरा के द्वारा टिप्पणी की गई और आसन की गरिमा के अनुरूप नहीं थी, उसके लिए माफी चाहता हूं. इसमें मुझे कोई संकोच नहीं है. वह आओ मिलकर ढूंढ लेते हैं, एक होने की कोई वजह... चाहे पक्ष हो या विपक्ष आसान सर्वोपरि है. हमने आसन का हमेशा सम्मान किया है. सर्वदल बैठक बुलाई तब कहा था कि गतिरोध पैदा करें, तो आप चेंबर में बुलाएं हम आ जाएंगे.
सदन चलाने की जिम्मेदारी सत्ता पक्ष और हमारी दोनों की है. आगे गतिरोध नहीं बने इसके लिए हमारी तरफ से हम ध्यान रखें और सत्ता पक्ष की ओर से भी ध्यान रखा जाए. उत्तेजना के क्षण आ जाते हैं सदन बाधित होता है वह नहीं आए. सदन के नेता मुख्यमंत्री की यह जिम्मेदारी है.
मुख्यमंत्री ने आज आकर जो पहल की जब भी ऐसी स्थिति बनी तब हमें बुलाएंगे हम आ जाएंगे. राजस्थान और प्रदेश के हित में जो है वह हम करेंगे. जो घटना हुई वह सही नहीं थी. हमारी परंपराओं के अनुरूप नहीं थी. गोविंद सिंह डोटासरा आसन तक आए या टिप्पणी की उसके लिए हमें खेद है.