Rajasthan News: राजस्थान में ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों के दायरे में बदलाव किया है. अब 3 हजार से कम आबादी पर ग्राम पंचायत बनाई जा सकेगी लेकिन जिन मरुस्थलीय जिलों में पंचायत पुनर्गठन करने में दिक्कत आ रही है, वहां की भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए सरकार ने इन जिलों के लिए विशेष छूट दी है.
परेशानियों से निजात मिलेगी
राजस्थान में 7 मरुस्थलीय जिलों में पंचायत पुनर्गठन के लिए विशेष छूट दी है. इन जिलों में भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने 20 प्रतिशत तक छूट दी है. निर्धारित जनसंख्या से 20 फीसदी तक कम जनसंख्या वाली ग्राम पंचायत का भी प्रस्ताव तैयार करके भिजवाया जा सकता है.
बीकानरे, बाड़मेर, बालोतरा, चुरू, जैसलमेर, जोधपुर, फलौदी की विशेष परिस्थतियों को ध्यान में रखते हुए छूट दी है. पंचायतीराज सचिव और आयुक्त जोगाराम ने इस संबंध में आदेश जारी किए है. इस फैसले के बाद मरुस्थलीय जिलों में पुर्नगठन में आ रही परेशानियों से निजात मिलेगी.
3 हजार से कम आबादी पर 15 प्रतिशत छूट
वहीं, 3 हजार से कम आबादी पर 15 फीसदी तक कम जनसंख्या वाली ग्राम पंचायत का भी प्रस्ताव तैयार करने के आदेश दिए थे. राज्य सरकार ने पहले जब 10 जनवरी को नोटिफिकेशन जारी किया था तब नवनिर्मित, पुनर्गठित या पुनर्सीमांकन वाली ग्राम पंचायत में जनसंख्या 3000 से 5500 तक निर्धारित की थी. वहीं, सहरिया क्षेत्र शाहबाद और किशनगंज और 4 मरुस्थलीय जिलों बीकानेर, बाड़मेर, जैसलमेर और जोधपुर में ग्राम पंचायतों में जनसंख्या न्यूनतम 2 हजार और अधिकतम 4 हजार निर्धारित की थी.
25 मार्च तक सीमांकन किया जा सकता है
प्रदेश में ग्राम पंचायत और पंचायत समितियों के सीमांकन 25 मार्च तक कर किया जा सकता है. वहीं, इन्हें प्रकाशित कर उन पर आपत्तियां 26 मार्च से 25 अप्रैल तक मांगी जा सकेगी. आपत्तियों के निपटारे की समय सीमा 26 अप्रैल से 5 मई निर्धारित की है. आपत्तियों के निपटारा करने के बाद राज्य सरकार को फाइनल प्रस्ताव भिजवाने के लिए 15 मई तक और सरकार के स्तर पर उन प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिए 30 मई तक की समय सीमा निर्धारित की है.