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Rajasthan- गवर्नर की सुरक्षा होगी मजबूत, इंटेलीजेंस ने राज्य सरकार को भेजा प्रस्ताव; नए पद बढ़ाने की मांग

Rajasthan: राजस्थान के राज्यपाल की सुरक्षा में कई खामियां है. गवर्नर की सुरक्षा कर रहे पुलिसकर्मी गैर पेशेवर हैं, साथ ही मौजूदा सुरक्षा बल भी अपर्याप्त है. विशेष सुरक्षा दस्ते के अलावा एक से अधिक एजेंसियों के कारण पुलिस बल नियोजन में भी समस्या हो रही है.

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kalraj Mishra
kalraj Mishra
Vishnu Sharma Jaipur|Updated: May 05, 2024, 05:10 PM IST
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Rajasthan: राजस्थान के राज्यपाल की सुरक्षा में कई खामियां है. गवर्नर की सुरक्षा कर रहे पुलिसकर्मी गैर पेशेवर हैं, साथ ही मौजूदा सुरक्षा बल भी अपर्याप्त है. विशेष सुरक्षा दस्ते के अलावा एक से अधिक एजेंसियों के कारण पुलिस बल नियोजन में भी समस्या हो रही है. राज्य की इंटेलीजेंस पुलिस ने राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजकर इसकी जानकारी दी है. इंटेलीजेंस ने राज्यपाल की सुरक्षा के लिए, कारकेड और विशेष दस्ता में राज्य सरकार से लोग बढ़ाने की मांग की है. फिलहाल प्रस्ताव राज्य सरकार के पास विचाराधीन है.

आईए आपको बताते हैं राज्यपाल की सुरक्षा में क्या - क्या खामियां है और उन्हें दूर करने के लिए इंटेलीजेंस ने क्या प्रस्ताव दिए है 

राजस्थान के राज्यपाल की सुरक्षा विशिष्ट एवं महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा के दायरे में शुमार है. हाल ही में राज्य की इंटेलीजेंस पुलिस की ओर से राज्य सरकार को गर्वनर की सुरक्षा को लेकर प्रस्ताव भेजा है. राजभवन सुरक्षा प्रभारी से सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करवाई गई और उन्होंने हाल ही दो अप्रैल को अपनी रिपोर्ट सौंपी. इसके बाद राज्य सरकार को प्रस्ताव में सुरक्षा व्यवस्था में कमियों की ओर ध्यान दिलाया गया है, वहीं सुरक्षाकर्मियों के नए पद भी मांगे गए हैं. अभी राज्यपाल की सुरक्षा में स्टेट स्पेशल ब्रांच, पुलिस कमिश्नरेट तथा पुलिस दूर संचार की नफरी तैनात है. इनमें 1997 में स्पेशल ब्रांच, 1987 में गर्वनर गार्ड के पद आरक्षित किए गए थे. अभी राज्यपाल की सुरक्षा में राज्य विशेष शखा के एक एएसपी, दो सीआई, दो एसआई, आठ एएसआई, 4 हैडकांस्टेबल, 11 कांस्टेबल, पुलिसकमिश्नरेट के 25 कांस्टेबल तथा दूरसंचार के तीन एएसआई सहित 56 पुलिसकर्मी तैनात हैं. पुलिसकमिश्नेट के कांस्टेबल पायलट, एस्कॉर्ट, टेलकार के साथ राजभवन परिसर में एक्सेस कंट्रोल, निगरानी तथा आगंतुकों की चैकिंग का काम किया जा रहा है.

राज्यपाल सुरक्षा प्रभारी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है -

 राजभवन में एक्सेस कंट्रोल तथा निगरानी और राज्यपाल और उनके परिजनों के वाहनों के काफिले की सुरक्षा ड्यूटी में पुलिस अपर्याप्त है
 मुख्यमंत्री की सुरक्षा में स्पेशल सिक्योरिटी विंग (SSW)ही एक मात्र नजदीकी सुरक्षा के लिए उत्तरदायी है, लेकिन राजभवन सुरक्षा में एक से अधिक एजेंसियाें के कारण पुलिसबल का व्यवहारिक नियोजन समस्या बना हुआ है

 SSW में पुलिसकर्मियों का उम्र प्रशिक्षण, फिजिकल फिटनेसके आधार पर चयन होता है. चयनित कार्मिकों को विशेष प्रशिक्षण, रिफ्रेशर कोर्स, फायरिंग हर तीन महीने में करवाई जाती है
 इधर पुलिसकमिश्नरेट से तैनात कांस्टेबल इन ट्रेनिंग, रिफ्रेशर कोर्स नहीं होने से राज्यपाल सुरक्षा की अति महत्वपूर्ण ड्यूटी में निपुण नहीं है

राज्यपाल और राजभवन की सुरक्षा में लगे 56 वर्तमान परिस्थितियों में अपर्याप्त है.
प्रस्ताव के अनुसार सम्पूर्ण सुरक्षा प्रभारी, शिफ्ट इंचार्ज, सुरक्षा घेरा,कारकेड सहित तीन शिफ्टों में 136 सुरक्षाकर्मियों की जरूरत बताई गई है.

 राज्यपाल के कारकेड के लिए 36 पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों की आवश्यकता बताई गई है
 SSW में एक एएसपी, तीन डीएसपी, आठ सीआई, 21 एसआई, 17 एएसआई सहित 172 पदों का प्रस्ताव भेजा गया है

राजभवन की सुरक्षा में SSW में नए पदों पर 17 करोड़ 82 लाख का खर्च बताया गया है.

पुलिस मुख्यालय से भेजा गया है यह प्रस्ताव फिलहाल राज्य सरकार के पास विचाराधीन है. प्रस्ताव वित्त विभाग से होता हुआ मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के पास जाएगा. मुख्यमंत्री की सहमति के बाद वित्त विभाग अनुमति देगा और इसके बाद गृह विभाग से आदेश जारी किए जाएंगे.

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