Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा में प्रवर समिति की तरफ से प्रतिवेदित विधेयक को एक बार फिर सेलेक्ट कमेटी को लौटाया गया है. जल संरक्षण और प्रबंधन को लेकर पिछले साल यानी साल 2024 में लाए गए विधेयक को पिछले सत्र में प्रवर समिति के पास भेजा गया था. लेकिन बुधवार को सदन में एक बार फिर विधायकों ने बिल की खामियां बताई, तो जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने बिल को प्रवर समिति के पास दोबारा भेजे जाने का आग्रह किया.
विधानसभा के नियम कहते हैं कि अगर किसी विधेयक में खामी है, तो उसे प्रवर समिति को भेजा जा सकता है, जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के साथ निर्दलीय विधायकों को भी आमतौर पर रखा जाता है और जरूरी बदलाव के बाद विधेयक फिर से सदन में रखा जा सकता है और पारित कराया जाता है, लेकिन राजस्थान विधानसभा में बुधवार को उस वक्त विचित्र स्थिति हो गई जब प्रवर समिति की तरफ से आया बिल एक बार फिर प्रवर समिति को ही भेज दिया गया.
बिल दूसरी बार प्रवर समिति को भेजा गया तो नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली सरकार को घेरते दिखे. जूली ने कहा कि यह सरकार चल रही हैं या सर्कस? उन्होंने कहा कि प्रवर समिति की रिपोर्ट आई और वह भी केवल दो संशोधन के साथ. जूली ने सवाल उठाते हुए कहा कि, क्या सारे प्रावधान आम आदमी पर ही लागू करना चाहते हैं? उन्होंने कहा कि प्रवर समिति को बिल दोबारा भेजा जाना सरकार की तैयारी और विधि मंत्री पर सवाल खड़े करता है.
उधर विधि विभाग का जिम्मा संभालने वाले मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि यह बिल पिछली बार प्रवर समिति को भेजा गया था और वहीं से प्रतिवेदित किया गया. पटेल ने कहा कि सदन में विधायक इसके कुछ और प्रावधानों को देखने की जरूरत बता रहे थे. विधि मंत्री ने कहा कि कई बार कानून में कुछ ऐसी विसंगतियां रह जाती हैं, जो बाद में परेशान करती हैं और सरकार ऐसा नहीं चाहती. पटेल ने कहा पक्ष और विपक्ष दोनों ही बिल को प्रवर समिति के पास फिर से भेजे जाने को लेकर एक राय थे और दोनों पक्षों की सहमति से ही यह फैसला हुआ.
साल 2024 में जिस प्रवर समिति को भूजल संरक्षण का विधेयक भेजा गया था उसमें 17 विधायक सदस्य के रूप में शामिल थे, जिसमें से तीन कांग्रेस के, एक बीएसपी, एक बीएपी और एक निर्दलीय के अलावा बाकी सदस्य भाजपा से विधायक हैं. इसके साथ ही विधानसभा सचिवालय के अधिकारी और जलदाय विभाग के प्रतिनिधि भी इस कमेटी में थे. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या प्रवर समिति ने सही तरीके से काम नहीं किया या फिर आगामी निकाय चुनाव को देखते हुए बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजा गया ? सवाल यह भी है कि क्या बिल फिर से लाया जाएगा या अब इसे ठन्डे बस्ते में ही मान लिया जाए?
ये भी पढ़ें- राजस्थान के 3 लाख पेंशनधारियों की पेंशन हो सकती है बंद ! जानें बड़ी वजह
राजस्थान की ताज़ा ख़बरों के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें Rajasthan News और पाएं Latest Rajasthan News हर पल की जानकारी। राजस्थान की हर खबर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!