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Rajasthan Highcourt : बाइक टैक्सी संचालन के लिए क्यों नहीं बनाए नियम और गाइडलाइन, मांगा जवाब

Rajasthan : राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव और प्रमुख परिवहन सचिव को नोटिस जारी कर बाइक टैक्सी संचालित करने वाली कंपनियों ओला, उबर और रेपिडो को भी नोटिस जारी कर इस संबंध में अपना जवाब पेश करने को कहा है.

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Rajasthan Highcourt : बाइक टैक्सी संचालन के लिए क्यों नहीं बनाए नियम और गाइडलाइन, मांगा जवाब
Zee Rajasthan Web Team|Updated: Mar 02, 2024, 09:58 PM IST
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Rajasthan Highcourt : राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव और प्रमुख परिवहन सचिव को नोटिस जारी कर पूछा है कि प्रदेश में बाइक टैक्सी संचालन के लिए अब तक नियम और गाइडलाइन क्यों नहीं बनाई गई है.

इसके साथ ही अदालत ने बाइक टैक्सी संचालित करने वाली कंपनियों ओला, उबर और रेपिडो को भी नोटिस जारी कर इस संबंध में अपना जवाब पेश करने को कहा है.

जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश जयपुर, महानगर तिपहिया वाहन चालक यूनियन की ओर से दायर जनहित याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता राजीव शर्मा ने अदालत को बताया की प्रदेश में हजारों की संख्या में बाइक का उपयोग टैक्सी के तौर पर पर किया जा रहा है. इसके बावजूद भी राज्य सरकार ने इनके संचालन के लिए कोई नियम और गाइड लाइन अब तक नहीं बनाई है.

जबकि केन्द्र सरकार ने वर्ष 2020 में राज्यों को इस संबंध में गाइडलाइन बनाने को कहा था. याचिका में कहा गया की बाइक टैक्सी के रूप में कंपनियां निजी नंबर वाली बाइक को पंजीकृत कर उनका व्यावसायिक उपयोग करवा रही है.

याचिका में कहा गया कि प्रदेश में पीली नंबर प्लेट लगे व्यावसायिक यात्री वाहन ही चलाने की अनुमति है। इसके बावजूद भी नियमों की अवहेलना कर आम निजी बाइक को बाइक टैक्सी के तौर पर संचालित किया जा रहा है. वहीं यदि इस बाइक टैक्सी से दुर्घटना हो जाए तो बीमा कंपनियां निजी वाहन का हवाला देकर क्लेम भी पास नहीं करेंगी.

याचिकाकर्ता यूनियन के सदस्यों को पीली नंबर प्लेट लगे वाहन चलाने के लिए बाध्य किया जा रहा है और बाइक टैक्सी को इसके लिए छूट दी गई है.

ऐसे में यह समानता के अधिकार के भी विपरीत है. याचिका में गुहार की गई है कि बाइक टैक्सी संचालन के लिए नियम और गाइडलाइन तैयार की जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों और बाइक टैक्सी संचालन करने वाली कंपनियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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