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Rajasthan News : हनुमान बेनीवाल के बयान के बाद राजस्थान में सियासत भूचाल, मदेरणा बोली -'क्या मुझे मर जाना चाहिए?'

Rajasthan News : दिव्या मदेरणा ने हनुमान बेनीवाल के बयान को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा, “क्या मुझे सच में कुएं में कूदकर मर जाना चाहिए? मेरे ही समाज के एक चुने हुए सांसद सार्वजनिक सभा में मेरी मृत्यु की कामना कर रहे हैं. उन्हें यह दुख है कि मैं अब तक जीवित कैसे हूं.”

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Shiv Govind Mishra|Updated: Nov 07, 2024, 04:22 PM IST
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Rajasthan News : राजस्थान विधानसभा उपचुनाव के दौरान नेता एक-दूसरे पर तीखे हमले कर रहे हैं. खींवसर उपचुनाव में नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव दिव्या मदेरणा पर बार-बार निशाना साधा. बेनीवाल ने दिव्या मदेरणा के पिता की विवादित सीडी का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसी सीडी आज भी लोग देखते हैं, और दिव्या मदेरणा को शर्म के कारण कुएं में डूब मरना चाहिए.

दिव्या मदेरणा ने बेनीवाल के इस बयान को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए प्रतिक्रिया दी. उन्होंने लिखा, “क्या मुझे सचमुच कुएं में डूबकर मर जाना चाहिए? मेरे ही समाज के एक निर्वाचित सांसद सार्वजनिक सभा में मेरी मृत्यु की कामना कर रहे हैं. उन्हें दुख है कि मैं अब भी जीवित हूं. मैं भी इसी समाज की बेटी हूं, और बेटियां सबकी सांझी होती हैं. मैं पूरे किसान समाज से पूछना चाहती हूं कि मैंने ऐसा कौन-सा अपराध किया है कि मुझे मर जाना चाहिए?”

दिव्या ने अपनी पोस्ट में यह भी लिखा कि उन्होंने ओसियां और राजस्थान के किसानों की आवाज हमेशा ईमानदारी और निष्ठा से उठाई है. उन्होंने कठिन पारिवारिक हालातों का सामना करते हुए भी कभी हार नहीं मानी. घर बैठने के बजाय, उन्होंने मेहनत की और जनता से संपर्क बनाए रखा, जिससे उनका समर्थक समूह बनता गया. उन्होंने संघर्ष करते हुए यह संदेश देने का प्रयास किया कि किसान वर्ग की बेटियां भी राजनीतिक लड़ाई लड़ने में सक्षम हैं. उन्होंने अंत में राजस्थान के सभी किसानों से सवाल किया कि क्या उनकी मेहनत और संघर्ष इतना बड़ा अपराध है कि उन्हें मर जाना चाहिए.

क्या मैं 4 बजे घंटी बजाने गया था?

ओसियां में इलेक्शन प्रचार के दौरान Hanuman Beniwal ने एक जनसभा में कहा, “दिव्या मदेरणा कहती हैं, कि रात्रि के 4 बजे लोग घर-घर जाकर हाथ जोड़ रहे हैं. क्या मैं उनके घर जाकर 4 बजे घंटी बजाने गया था? वे कहां जाती हैं, इससे मुझे कोई मतलब नहीं. यह चुनाव बीजेपी और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के बीच है, लेकिन कांग्रेस के नेता यहां बीजेपी के उम्मीदवारों को जिताने में जुटे हैं. दिव्या बार-बार अपने पिता और दादा की उपलब्धियों का जिक्र करती रहती हैं. मैं कहता हूं कि उनके पिता और दादा ने इस इलाके के लिए कुछ खास नहीं किया. अगर किया होता, तो नागौर के लोग आज दक्षिण भारत में रोजगार तलाशने को मजबूर न होते.”

बेनीवाल और दिव्या मदेरणा के बीच अदावत पुरानी!

इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब दिव्या मदेरणा ने अपने भाषण में कहा कि जो लोग दूसरों को जिताने का दावा करते थे, अब वही लोग रात-रात भर घर-घर जाकर लोगों के आगे हाथ जोड़ रहे हैं. बेनीवाल ने पहले दावा किया था कि उन्होंने ही दिव्या मदेरणा को जिताया था. बेनीवाल और दिव्या मदेरणा के बीच यह अदावत पुरानी है, लेकिन खींवसर उपचुनाव में कांग्रेस की अनुपस्थिति के बावजूद ये दोनों नेता एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं.

वहीं, बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल का बीजेपी के रेवतराम डांगा से कड़ा मुकाबला हो रहा है. इस बीच, बीजेपी नेता ज्योति मिर्धा ने दिव्या मदेरणा का समर्थन करते हुए कहा कि दिव्या सही हैं; हनुमान बेनीवाल समाज के नाम पर राजनीति तो करते हैं, मगर समाज के किसी भी नेता को आगे बढ़ने नहीं देना चाहते.

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