Rajasthan News : राजस्थान में BJP सरकार के एक साल पूरा होने के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) ने सरकार की विफलताओं को उजागर करने के लिए विशेष अभियान शुरू किया है. PCC प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा एक प्रेस कांफ्रेंस में BJP पर तीखे आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में बदहाली का माहौल है. उन्होंने आरोप लगाया कि "राइजिंग राजस्थान" के नाम पर सरकार जनता को गुमराह कर रही है.
डोटासरा का BJP पर सीधा हमला
डोटासरा ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और BJP–RSS के नेताओं ने बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन कानून-व्यवस्था और प्रशासन को पूरी तरह विफल कर दिया. 'नहीं सहेगा राजस्थान' का नारा देकर सत्ता में आए, लेकिन अब जबावदेही का समय आ गया है."
उन्होंने BJP विधायकों पर भी गंभीर आरोप लगाए. उनका कहना है कि "BJP विधायक माफियागीरी में शामिल हो गए हैं. सड़कों का निर्माण केवल अवैध खनन के लिए रूट तैयार करने के उद्देश्य से किया जा रहा है."
पेपर लीक मामले में सरकार पर निशाना
डोटासरा ने राज्य सरकार पर पेपर लीक मामलों को लेकर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, "सरकार खुद परीक्षा आयोजित कराकर कोई भर्ती नहीं करा पाई है. वे पेपर लीक की बात करते हैं, जबकि सच्चाई यह है कि सरकार ने पेपर रोके हैं."
ERCP को लेकर सवाल
डोटासरा ने ERCP (ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट) को लेकर भी BJP सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, "हमारी पिछली कांग्रेस सरकार ने ERCP के लिए बजट आवंटित किया था. लेकिन BJP इसे अपनी उपलब्धि बता रही है. केंद्र सरकार बताएं कि उन्होंने इस परियोजना के लिए कितना बजट दिया है और इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा क्यों नहीं दिया गया."
सीएम और मंत्रियों के रिश्तों पर तंज
डोटासरा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके मंत्रिमंडल के बीच संबंधों पर तंज कसते हुए कहा, "सरकार को एक हेलीकॉप्टर खरीद लेना चाहिए ताकि दिल्ली के चक्कर लगाना आसान हो. क्या इस बार मंत्रिपरिषद विस्तार की पर्ची मिलेगी?"
जातिगत राजनीति का आरोप
डोटासरा ने सरकार पर जातिगत राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा, "CMO का OSD जाति विशेष को संबोधित ट्वीट कर रहा है. यह रवैया ठीक नहीं है. हमें सभी 36 काम के लोगों को एकजुट रखना चाहिए."
नेता प्रतिपक्ष का बयान
वहीं, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी सरकार की आलोचना की. उन्होंने कहा, "सरकार ने 100 दिन की कार्ययोजना बनाई थी, लेकिन एक साल बाद भी उसका कोई असर नहीं दिखा. जिन कॉलेजों, स्कूलों और समितियों की बात की गई थी, उनकी रिपोर्ट कहां है?"
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि जो वादे चुनाव से पहले किए गए थे, उनकी हकीकत अब तक सामने नहीं आई है. उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार की 100 दिन की कार्ययोजना कहां गई? जूली ने कहा कि सरकार ने कॉलेज, इंग्लिश मीडियम स्कूल और जिलों के लिए समितियां बनाने की घोषणा की थी, लेकिन पूरे एक साल में किसी भी समिति की रिपोर्ट सामने नहीं आई और न ही उन्हें लागू किया गया.
सरकार की नाकामी पर सवाल
टीकाराम जूली ने बिजली-पानी के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि बारिश के दौरान जल निकासी की कोई ठोस व्यवस्था नहीं हो पाई. आपदा राहत मंत्री कहीं भी सक्रिय भूमिका में नजर नहीं आए. जूली ने किसानों की समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि किसान सम्मान निधि की राशि 12 हजार रुपये करने का वादा पूरा नहीं किया गया. बाजरे की खरीद नहीं हुई और गेहूं की एमएसपी 2700 रुपये तय करने का वादा भी अधूरा रहा. उन्होंने बुजुर्गों की पेंशन में देरी पर नाराजगी जताते हुए सरकार पर तंज कसा, और बोले - "कुर्सी ही है, तुम्हारा जनाजा तो नहीं! कुछ कर नहीं सकते, तो उतर क्यों नहीं जाते?
अमित शाह पर निशाना
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए जूली ने कहा कि आज अगर अमित शाह मंत्री पद की शपथ ले पाए हैं तो उसका श्रेय डॉ. भीमराव अंबेडकर और भारतीय संविधान को जाता है. जूली ने अमित शाह के अंबेडकर पर दिए बयान को निंदनीय बताया. उन्होंने कहा, "आप भगवान का नाम लेकर अपनी विरासत संभाल सकते हैं, लेकिन अंबेडकर के खिलाफ बयान क्यों?" टीकाराम जूली के इन बयानों ने राजनीतिक माहौल गरमा दिया है और सत्तापक्ष को जवाब देने के लिए मजबूर कर दिया है.