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Rajasthan News : कांग्रेस का साथ छोड़ने पर पायलट के समर्थक पर हुआ ये बड़ा एक्शन, नरेश ने अब खेला ये बड़ा दांव

Rajasthan Politics : सचिन पायलट के समर्थक नरेश मीणा को कांग्रेस ने निलंबित कर दिया है. उन्हें देवली उनियारा विधानसभा सीट से टिकट न मिलने के कारण नाराज होकर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला करना पड़ा. कांग्रेस ने कस्तूर चंद मीणा को अपना प्रत्याशी घोषित किया था, लेकिन नरेश मीणा ने इसे कमजोर निर्णय बताते हुए पार्टी से पुनर्विचार की अपील की थी, जिसे अनदेखा कर दिया गया. अब नरेश मीणा कांग्रेस से समर्थन की अपील कर रहे हैं ताकि बीजेपी को हराया जा सके. 

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Shiv Govind Mishra|Updated: Nov 07, 2024, 04:43 PM IST
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Rajasthan News : राजस्थान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के एक प्रमुख समर्थक को बड़ी सजा का सामना करना पड़ा है. पायलट के इस अनुयायी को पार्टी ने निलंबित कर दिया है. कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने निलंबन का आदेश जारी किया है. इस आदेश की प्रति पीसीसी प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जुली और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल को भी भेजी गई है. पायलट के इस समर्थक का नाम नरेश मीणा है. जब उन्हें उपचुनाव के लिए टिकट नहीं मिला, तो उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया.

नरेश मीणा अब देवली उनियारा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में हैं. कांग्रेस ने इस सीट से कस्तूर चंद मीणा (केसी मीणा) को उम्मीदवार बनाया है. नामांकन के समय नरेश मीणा ने प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के नेताओं से निवेदन किया था कि देवली उनियारा से एक मजबूत उम्मीदवार उतारा जाए. उन्होंने केसी मीणा को टिकट देने के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह भी किया, लेकिन पार्टी ने अपनी राय नहीं बदली. इससे नाराज होकर नरेश मीणा ने निर्दलीय रूप से नामांकन दाखिल कर दिया.

उपचुनाव का मतदान 13 नवंबर को होना है, और अब चुनाव में सिर्फ 6 दिन बाकी हैं. निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा अब भी कांग्रेस से समर्थन की मांग कर रहे हैं. देवली उनियारा में प्रचार के दौरान स्थानीय मीडिया से बातचीत में नरेश मीणा ने कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी केसी मीणा चुनाव को प्रभावी ढंग से नहीं संभाल पा रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के पास अब भी मौका है और वे उनके समर्थन की घोषणा कर सकते हैं.

नरेश मीणा ने यह भी याद दिलाया कि लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी ने बीएपी के उम्मीदवार राजकुमार रोत को समर्थन देने का फैसला किया था. वे चाहते हैं कि कांग्रेस इस बार भी ऐसा ही करे ताकि बीजेपी को हराया जा सके.

नरेश मीणा राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ महासचिव हैं और युवाओं का बड़ा समर्थन उनके साथ है. उनका राजनीति करने का अंदाज भी अलग है. पहले वे डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के अनुयायी थे. काफी समय तक डॉ. मीणा के साथ रहने के बावजूद उन्हें कभी चुनाव लड़ने का अवसर नहीं मिला.

बाद में वे सचिन पायलट से प्रभावित होकर उनके साथ हो गए. सचिन पायलट हमेशा युवाओं का समर्थन करते हैं, इसलिए नरेश उनके पास चले गए. कई साल तक वे पायलट के शिष्य के रूप में कांग्रेस में सक्रिय रहे, लेकिन जब कांग्रेस ने उन्हें चुनाव लड़ने का मौका नहीं दिया, तो वे बागी होकर आजाद प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतर गए.

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