Rajasthan News : राजस्थान की राजधानी जयपुर में बने कांस्टीट्यूशन क्लब का 8 मार्च को आधिकारिक उद्घाटन होने जा रहा है. जो दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब की तर्ज पर बनी बिल्डिंग है. यहां पर विधायक बैठक, चर्चा और अध्य्ययन कर सकेंगे. लेकिन कांस्टीट्यूशन क्लब के उद्घाटन पर अशोक गहलोत ने सवाल खड़े कर दिए हैं.
पूर्व सीएम अशोक गहलोत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर X पर पोस्ट किया और कहां कि -स्पीकर लोकसभा वो बहुत बड़ा गरिमामय पद है और उनको शायद जानकारी दी गई कि नहीं दी गई कि इसका उद्घाटन हो चुका है. तत्कालीन स्पीकर डॉ. सीपी जोशी, तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और शांति धारीवाल यूडीएच मंत्री सब मौजूद थे.
गहलोत ने कहा कि प्रोग्राम के अंदर, फोटो छप गए अखबारों के अंदर, तो सबको मालूम है कि ये उद्घाटन हो चुका है और ऐसी परंपरा क्यों डाल रहे हैं लोग कि वापस उसका उद्घाटन करवाओ, शुभारंभ के नाम पर बुलाते हैं. इसी प्रकार आपको याद होगा कि पांच छह साल पहले वसुंधरा जी ने बुलाया था प्रधानमंत्री मोदी जी को, रिफाइनरी का प्रोजेक्ट जो 37 हजार करोड़ का था. प्रोजेक्ट का मैंने शिलान्यास करवाया था,
पूर्व सीएम ने कहा कि शिलान्यास के वक्त डॉ. वीरप्पा मोइली आए थे, सोनिया गांधी जी आईं थीं, और वो टाइम बाउंड प्रोग्राम पूरा हो जाता, पांच साल तक उसको बंद रखा गया कि श्रेय कांग्रेस को नहीं मिले, सिर्फ इसलिए कि श्रेय नहीं मिले, ये प्रोजेक्ट आज वाला जो ये कंस्टीट्यूशन क्लब का है, इसको बंद इसलिए रखा गया कि श्रेय कांग्रेस को नहीं मिले. गांधी वाटिका को भी एक साल इसलिए बंद रखा गया कांग्रेस को श्रेय नहीं मिले.
पूर्व सीएम गहलोत ने कहा कि ये इनकी सोच बहुत ही निम्न स्तर की है और इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि जो स्थिति बनी है, वो जो रिफाइनरी का प्रोजेक्ट पांच साल बंद रखा गया, फिर शुभारंभ के नाम पर बुलाया गया ,प्रधानमंत्री मोदी जी को, आज तक पूरा नहीं हुआ ह. बल्कि 37 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट लगभग अब एक लाख करोड़ का प्रोजेक्ट बनने जा रहा है, अभी तक पूरा नहीं हुआ है ,कहते हैं 80% के आसपास काम पूरा हुआ है, तो कोई डिले हो गया प्रोजेक्ट तो उसका कॉस्ट बढ़ेगी, एस्केलेशन होगा, पब्लिक इंटरेस्ट वो कभी नहीं होता है।.हमनें कोई प्रोजेक्ट को जो बीजेपी राज में शुरू हुए हैं. इंक्लूडिंग ERCP जो वसुंधरा जी ने शुरू करी थी, हमनें किसी प्रोजेक्ट को बंद नहीं किया है.
हमारी सोच में और उनकी सोच में इतना रात दिन का फर्क है. बहुत अनफॉर्चुनेट है कि यहां ये सरकार और यहां के स्पीकर साहब पता नहीं, क्या सोच कर के इसका वापस शुभारंभ करने के नाम पर एक साल तक बंद रखा गया, जो उद्देश्य से बनाया गया है कंस्टीट्यूशन क्लब, हिंदुस्तान में सबसे शानदार कंस्टीट्यूशन क्लब राजस्थान में बना है,और राज्यों में तो होगा भी नहीं, खाली दिल्ली के अंदर लोकसभा, पार्लियामेंट के साथ अटैच्ड एक कंस्टीट्यूशन क्लब.
गहलोत बोले कि एक नया हमनें आयाम स्थापित किया, यहां के इंटेलेक्चुअल ,यहां के पत्रकार, यहां के साहित्यकार, यहां के रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स, यहां के रिटायर्ड ज्यूडिशियरी के लोग, यहां के रिटायर्ड पॉलिटिशियंस, एमएलए, एमपी, एक्स एमपी, एक्स एमएलए सब बैठ के चर्चा कर सकें, इस प्रकार की सुविधाएं मिलें लोगों को, प्लेटफॉर्म मिले,ये सोच के जो इतना बड़ा काम हाथ में लिया, और शानदार बिल्डिंग खड़ी हो गई, अब क्या एक साल से बंद पड़ी हुई है ये अनफॉर्चुनेट है ये मेरा मानना है.
अभी भी समय है ओम बिड़ला जी को खुद ऐसे प्रोग्राम में भाग नहीं लेना चाहिए. इस तरीके से आप खुद ही शुभारंभ कर दें, क्या दिक्कत है उसके अंदर. जिस प्रकार की गोविंद डोटासरा जी बोले भी हैं ये इस प्रकार से जिस सोच के साथ में ये फैसले कर रहे हैं वो दुर्भाग्यपूर्ण है मेरा मानना है कि ये स्थिति अच्छी नहीं है. आपको बता दें कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला 8 मार्च को दोपहर 11 बजे कांस्टीट्यूशन क्लब का उद्घाटन करने आ रहे हैं.
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