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Rajasthan Politics: डोटासरा और जूली ने सीएम भजनलाल शर्मा पर कसा तंज, बोले- हम आपको कल तक भोला आदमी समझ...

Rajasthan Politics: विधानसभा में जोरदार हंगामे के बाद सोशल साइट एक्स पर विपक्ष के नेता डोटासरा और जूली ने पोस्ट कर सीएम भजनलाल पर हमला बोला.    

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Rajasthan Politics: डोटासरा और जूली ने सीएम भजनलाल शर्मा पर कसा तंज, बोले- हम आपको कल तक भोला आदमी समझ...
Zee Rajasthan Web Team|Updated: Feb 08, 2025, 07:44 AM IST
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Rajasthan Politics: राजस्थान में विधानसभा में जोरदार हंगामा देखने को मिल रहा है. बीते दिन विपक्ष नेता और वर्तमान सरकार के बीच खूब घमासान देखने को मिला. दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप लगाए गए. वहीं विधानसभा की कार्यवाही के बाद विपक्ष नेता टीकाराम जूली और पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा ने सीएम भजन लाल शर्मा पर तंज करते हुए एक पोस्ट शेयर किया.

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने एक्स पर पोस्ट करके सीएम भजन लाल शर्मा पर हमला बोला . जूली ने पोस्ट करके लिखा कि मुख्यमंत्री जी यह सच है कि हम आपको कल तक भोला आदमी ही मानकर चल रहे थे, परन्तु आज पता चला कि आपको जासूसी एवं फोन टैपिंग का शौक है. जब आपका अपने कैबिनेट मंत्रियों के प्रति ये रवैया है तो राज्य में आपसे असहमति रखने वाले आम नागरिकों की क्या स्थिति होगी, जो मीडिया चैनल आपकी सच्चाई उजागर करेंगे उनकी आप क्या स्थिति करेंगे.

वास्तव में आज आपका असली चेहरा सामने आ गया. ऐसा लगता है कि आपका लोकतंत्र में विश्वास ही नहीं है. संसद में गृह मंत्री अमित शाह ने बाबासाहब अंबेडकर का अपमान किया और आज राजस्थान के मुख्यमंत्री ने सदन में गांधी जी का अपमान किया. गांधी जी द्वारा बताए गए 7 पापों में से एक सिद्धान्त विहीन राजनीति है, जो मुख्यमंत्री जी कर रहे हैं. जासूसी करना, फोन टैपिंग करना उसी का हिस्सा है.

वहीं पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा का सीएम भजनलाल शर्मा के भाषण पर एक्स पर किया पोस्ट. उन्होंने कहा कि रामचरित मानस में तुलसीदास जी ने लिखा है कि भगवान राम किसी का व्यक्तित्व बताते हुए कहते हैं- "झूठई लेना, झूठई देना, झूठई भोजन, झूठ चबेना". यही पाप राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा कर रहे हैं. आज सदन उन्होंने एक के बाद एक झूठ बोलकर पद की गरिमा को गिराने का काम किया है. अपने कैबिनेट मंत्री का फोन टैप कराने वाले मुख्यमंत्री ने सदन में इन गंभीर आरोपों पर जवाब देने की जगह सिर्फ मनगढ़ंत तथ्यहीन बातें की हैं.

भाजपा सरकार की विफलताओं को छिपाने के लिए उन्होंने सिर्फ सदन को गुमराह करने एवं पिछली सरकार पर दोषारोपण का काम किया है. बजरी चोरी के आरोप, ध्वस्त कानून व्यवस्था, महिला अत्याचार, 1 साल में हुए पेपर लीक और किसानों से किए वादों पर. पर्ची सराकर के मुख्यमंत्री ने एक शब्द नहीं बोला, जो उनके गैरज़िम्मेदाराना रवैये को दर्शाता है. नौकरी को झूठे आंकड़े बताने वाले मुख्यमंत्री ने बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य हर मोर्चे पर जनता को जवाब देने की जगह सिर्फ कांग्रेस नेताओं को कोसते रहे.

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