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Rajasthan News: राजस्थान के 3 लाख पेंशनधारियों की पेंशन हो सकती है बंद ! जानें बड़ी वजह

Rajasthan News: प्रदेश में सामाजिक सुरक्षा योजना के लिए राजस्थान सरकार बड़ा फैसला ले सकती है. यदि जिन उपभोक्ताओं का सालाना 24 हजार या इससे ज्यादा का बिजली का बिल आता है और वे सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना का लाभ ले रहे है तो उनकी पेंशन बंद हो सकती है. सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग इस प्रस्ताव का परीक्षण कर रहा है.

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Ashish Chauhan|Updated: Mar 19, 2025, 06:11 PM IST
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Rajasthan News: राज्य में सामाजिक सुरक्षा योजना में बड़ा बदलाव हो सकता है. ऐसे पेंशनधारी जिनका बिजली का बिल सालाना 24 हजार रुपए या इससे ज्यादा आ रहा तो उनकी पेंशन अब बंद हो सकती है. प्रदेश में करीब 3 लाख बिजली उपभोक्ता ऐसे है, जिनका बिल सालाना 24 हजार प्रतिमाह 2 हजार तक आ रहा है. पेंशन के लिए सालाना पारिवारिक इनकम का क्राइटेरिया 48,000 रुपए है. इसलिए यदि आर्थिक आधार पर सक्षम मानते हुए ऐसे उपभोक्ताओं की पेंशन बंद हो सकती है. आयोजना विभाग के इस प्रस्ताव का सामाजिक न्याय अधिकारिता ने परीक्षण करवाया है, जिसके बाद अब मंत्री अविनाश गहलोत की अंतिम मुहर के बाद पेंशनधारियों की जांच होगी. आर्थिक रूप से सक्षम पाए जाने के बाद पेंशन बंद कर दी जाएगी. हालांकि, पूरे मामले सामाजिक न्याय विभाग को अंतिम मुहर लगानी बाकी है. ऐसे लाभार्थी सबसे ज्यादा जोधपुर, अलवर और बूंदी जिले में है. मंत्री अविनाश गहलोत के गृह जिले पाली में करीब 6 हजार लाभार्थी है.

इन जिलों में सबसे ज्यादा लाभार्थी-

जिला  लाभार्थी जिला  लाभार्थी
अलवर  8400 बांरा 1800
भरतपुर  3600 बूंदी 8,000
दौसा  6200 डीग 1800
झालावाड़  1100 कोटा 2250
कोटपूतली  6200 सवाई माधोपुर 2700
टोंक  3650 ब्यावर 2400
जोधपुर  15500 पाली 6000
बाड़मेर 1700 जालौर 1400

कैसे पता लगा 3 लाख लाभार्थियों का आंकड़ा?
पिछली सरकार में महंगाई राहत कैंप के जरिए सभी योजनाओं के लाभार्थियों को जनाधार नंबर से जोडा था. आयोजना विभाग ने ऐसे बिजली उपभोक्ताओं का डाटा निकाला जिनका बिल 24,000 तक सालाना आ रहा है, जिसमें सामने आया कि 3 लाख लाभार्थी ऐसे है, जिनका बिल 24 हजार आ रहा है. इसके बाद आयोजना विभाग ने सीएमओ को ये प्रस्ताव बनाकर भेजा, फिर सीएमओं ने सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग को इस प्रस्ताव के परीक्षण के निर्देश दिए. सामाजिक न्याय विभाग ने परीक्षण कर फाइल मंत्री को भेजी है. अब मंत्री को अंतिम फैसला लेना है.

सरकार को राजस्व की बचत होगी
यदि ये फैसला लागू होता है तो सरकार को 3 लाख उपभोक्ताओं के हिसाब से प्रतिमाह 34 लाख 50 हजार और सालाना 414 करोड़ राजस्व की बचत होगी. हर साल पेंशन 15 प्रतिशत बढ़ेगी, इसलिए बचत का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता चला जाएगा. विभाग ऐसे सक्षम पेंशनधारियों से वसूली भी कर सकती है.

क्या हो सकता है जांच का दायरा?
सामाजिक न्याय विभाग की मंजूरी की ऐसे उपभोक्ताओं के घर घर जाकर वेरीफाई किया जाएगा कि क्या पेंशनधारी वाकई पेंशन का हकदार है या नहीं. बीडीओ की जांच का दायरा पेंशनधारी की आर्थिक स्थिति, उसका रहन सहन, घर में गाड़ी, एसी या दूसरा पैमाना भी हो सकता है. कुछ ऐसे केसों को भी ध्यान में रखा जा सकता है जो लाभार्थी दूसरे जगह रह रहा हो, लेकिन बिल उसके नाम से आ रहा हो. ऐसे पेंशनधारियों की पेंशन बंद नहीं होगी. इसके अलावा सामाजिक न्याय कई और पहलुओं पर जांच का दायरा तैयार कर रहा है. इस प्रस्ताव के पीछे का उद्देश्य यही है कि आर्थिक रूप से सक्षमों कों पेंशन रोकना और सक्षमों तक पेंशन पहुंचाना.

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