Rajasthan News: होली और धुलंडी को इस बार गोविंद के दरबार में भक्त अपने ठाकुर जी और राधा रानी के साथ गुलाल नहीं खेल पाएंगे. हर साल गोविंददेवजी मंदिर में होली और धुलंडी पर बढ़ती भक्तों की भीड़ और अलग-अलग जगह धार्मिक स्थलों पर मेलों में हादसों के बाद मंदिर प्रबंधन और पुलिस प्रशासन ने दर्शन व्यवस्था और मंदिर में प्रवेश व्यवस्था में बदलाव कर दिया हैं.
प्रयागराज महाकुंभ सहित अन्य धार्मिक स्थलों पर पर्व विशेष पर श्रद्धालुओं के एक ही स्थान पर कई देर तक डटे रहने से हुए हादसों से सबक लेते हुए पुलिस प्रशासन ने गोविंद देवजी मंदिर में होली 13 मार्च और धुलंडी 14 मार्च के दिन श्रद्धालुओं के प्रवेश और दर्शन व्यवस्था में परिवर्तन किया है. इस बार 13 मार्च को गुलाल होली की जगह फूलों की होली खेली जाएगी. दर्शनार्थियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए डीसीपी नॉर्थ राशि डोगरा सहित अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ मंदिर प्रबंधन से कई चरण में विचार-विमर्श के बाद इस व्यवस्था को अंतिम रूप दिया है. पुलिस के जवानों की हर जगह तैनाती रहेगी.
यह रहेगी व्यवस्था
मंदिर प्रशासन के मुताबिक, यह व्यवस्था कमोबेश जन्माष्टमी की तरह रहेगी. मंदिर में जूते एवं चप्पल खोलने की कोई व्यवस्था नहीं रहेगी. मंदिर में नि:शुल्क जूता घर बंद रहेगा. दर्शनार्थियों से अपील की गई है कि वह अपने जूते-चप्पल खोल कर ही मंदिर में प्रवेश करें. जूते-चप्पल खोलकर आने वाले श्रद्धालु छांवण से दर्शन कर सकेंगे और जो जूते-चप्पल पहनकर आएंगे वे छांवण के बाहर से दर्शन कर सकेंगे. मंदिर में प्रवेश केवल मुख्य द्वार से होगा. जयनिवास बाग से प्रवेश निषेध रहेगा. ब्रह्मपुरी और कंवर नगर से आने वाले दर्शनार्थियों का प्रवेश भी मंदिर मुख्य द्वार से होगा. मंदिर के पीछे कुएं गेट से प्रवेश निषेध रहेगा. दर्शन करने के बाद श्रद्धालुओं का निकास पीछे जय निवास बाग की तरफ से होगा.
इन बातों का भी रखें खयाल:
1. सुरक्षा की दृष्टि से कीमती सामान, बैग, थैला, लेडीज पर्स लेकर नहीं आए.
2.महिलाएं कीमती आभूषण पहन कर नहीं आए.
3. पानी की बोतल साथ लेकर आए.
4. संदिग्ध व्यक्ति और लावारिस वस्तु दिखने पर मंदिर प्रशासन-पुलिस प्रशासन को तुरंत सूचित करें.
मंदिर और पुलिस प्रशासन का दावा है कि बदली हुई व्यवस्था से ठाकुर जी के दर्शन सुगम होंगे. किसी भी तरह की हुड़दंग की स्थिति नहीं बनेगी. लोग ठाकुर जी के दर्शन कर कॉलोनी अथवा घर पर धूमधाम से होली खेल सकेंगे. यह व्यवस्था 13 और 14 मार्च को मंगला से शयन झांकी तक रहेगी.
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, होली वाले दिन कई लोग मोबाइल से रील बनाने के चक्कर में देर तक मंदिर परिसर में अनावश्यक खड़े रहते हैं. इससे भीड़ एक ही जगह एकत्र हो जाती है. दर्शन करने आए लोगों को काफी परेशानी होती है. मंदिर में केवल दर्शन कर आगे बढ़ जाना चाहिए, लेकिन युवाओं की टोलियां वहीं एक ही जगह एकत्र हो जाती है इससे बुजुर्गों, महिलाओं को काफी परेशानी होती है.
केवल फूलों से होली
रंग निषेध होली के दिन 13 मार्च को श्रद्धालु राजभोग झांकी में ठाकुर जी के साथ फूलों की होली खेलेंगे. किसी भी प्रकार के गुलाल, वाटर कलर, कलर सिलेंडर का उपयोग निषेध रहेगा. पुलिस प्रशासन और मंदिर प्रशासन ने अपील की है कि हृदय रोगी, डायबिटीज रोगी, ब्लड प्रेशर रोगी या जिन्हें सांस की तकलीफ है तथा अन्य किसी बीमारी से ग्रसित व्यक्ति भीड़ से अपनी सुरक्षा को देखते हुए मंदिर में नहीं आए. वे ऑनलाइन दर्शन करें.
बहरहाल, साल दर साल जयपुर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में होली और धुलंडी खेलने के बाद भक्तों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है. होली के दिन मंदिर प्रबंधन की ओर से गुलाल होली खेलने का आयोजन होता है, लेकिन धुलंडी के दिन भी भक्त ठाकुर जी और राधा रानी के साथ होली खेलने पहुंच जाते हैं. बढ़ती भीड़ को कंट्रोल करना प्रशासन के सामने चुनौती हो जाता है, क्योंकि गोविंद के दरबार में हर कोई होली खेलना चाहता हैं.
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