Rajasthan News: पानी की कमी हो गई है. गुरुवार को जयपुर जलसंकट से जूझ रहा है,क्योंकि लाइफ लाइन आईसीयू में चली गई.बार-बार बीसलपुर परियोजना के शटडाउन के बाद जलदाय विभाग की इंजीनियरिंग फेल हो गई.जिसका खामियाजा जयपुर की 40 लाख की आबादी को उठाना पड रहा है.खैर लाइन का लीकेज को तो आज ठीक हो गया,लेकिन कल का क्या पता,फिर वही कहानी दोहराई जाए.
सुरजपुरा से 32 किलोमीटर की दूरी पर बीसलपुर की मुख्य लाइन पर वाल्व ही नहीं फटा,बल्कि पूरा सिस्टम ही लीक हो गया.क्योकि ये पहली बार नहीं,दूसरी बार नहीं,तीसरी बार नहीं बल्कि बार बार बीसलपुर परियोजना में छेद हो रहा है.पीएचईडी में राज तो बदल गया,लेकिन रिवाज नहीं बदला.
हर बार ही तरफ अचानक से जलदाय विभाग का फरमान आता है कि असुविधा के लिए हमे खेद है,पानी बचाकर रखे.लेकिन पानी कहां से बचेगा,जब पहले से तैयार ही नहीं की तो.वैसे जब पानी बचाने की बात आ ही गई तो जलदाय विभाग को भी इन लीकेज से सीख लेने की जरूरत है,क्योकि करोडों लीटर पानी की बर्बाद हो रही है और भी ट्रीटेट.जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी कहते है कि ये लीकेज ठीक हो जाए फिर इसका हल निकालेंगे.
अब तो लोग ये भी कहने लगे है कि पेपर लीक से ज्यादा बीसलपुर लाइन में लीकेज हो रहा है.पिछले एक साल में करीब 10 बार लाइन में लीकेज हुआ,लेकिन जिम्मेदारों पर कोई एक्शन नहीं हुआ.हालांकि जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी कहते है कि जिम्मेदारी इंजीनियर्स और जीसीकेसी फर्म पर कठोर कार्रवाई होगी.
वैसे जयपुर बीसलपुर प्रोजक्ट की जिम्मेदारी तो अधीक्षणी अभियंता सतीश जैन के पास है.हालांकि सतीश जैन को तत्कालीन एसीएस सुबोध अग्रवाल भी फटकार लगा चुके है.उन्होंने तो साफ कहा था कि पीएचईडी तुम्हारे लिए पार्ट टाइम जॉब है.बताया जाता है कि एक इंजीनियर का मुंबई में प्रॉपर्टी डीलर का कारोबार है.पिछले शटडाउन से पहले ही ये इंजीनियर मुंबई से सीधे जयपुर लौटे थे.इनका साहब का धौलपुर में लंबा चौड़ा कारोबार बताया जाता है.
बीसलपुर प्रोजेक्ट बीसलपुर प्रोजेक्ट का शटडाउन 16 घंटे से बढाकर 28 घंटे तक किया गया था.17 किलोमीटर की दूरी तक पेयजल लाइन का खाली किया गया.लेकिन सुजरपुरा से जयपुर तक पानी पहुंचने में 10 घंटे का वक्त लगेगा.यानि अब कल से जयपुर में पानी आ पाएगा,हां लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं की नियमित रूप से सप्लाई हो पाएगी या नहीं.
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