Ramdevra, Jaisalmer News: सिरसा हरियाणा से बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन करने आए श्रद्धालुओं के साथ मंगलवार की देर रात्रि को चाचा चौक में सड़क पर बाइक चला रहे बाइक की हल्की टक्कर लगने के बाद दोनों पक्षो की हुई आपस में विवाद हुआ.
ये झगड़ा इतना बड़ा बन गया कि बाइक सवार चालकों ने एक राय होकर श्रद्धालुओं के साथ जमकर मारपीट करनी शुरू कर दी. वहीं, देखते-देखते ही और भी युवक वहां पर एकत्रित हो गए सभी ने उनके साथ मारपीट शुरू की.
ऐसे में सभी श्रद्धालु परिवार ने भाग कर होटल में शरण लेकर अपनी जान बचाई. वहां पर खड़े लोगों ने भी बीच बचाव किया. युवकों ने उन लोगों के साथ लाठी सरियों के साथ मारपीट कर सभी बाइक सवार चालक वहा से भाग छूटे.
घटना की जानकारी मिलने पर रामदेवरा पुलिस थाना घटनास्थल पर पहुंची और घायल लोगों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार करवाया. पुलिस ने नाम जद दो आरोपियों को शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया है.
वहीं, बाकी अन्य लोगों की सरगम से तलाश कर रही है. रामदेवरा में देश भर लोग बाबा की समाधि के दर्शन करने आते हैं, उनके साथ असामाजिक तत्व पिछले लंबे समय से बदसलुकी कर रहे हैं. इस तरह के कई मामले सामने आते हैं.
ऐसे में पुलिस की तरफ से कड़ी कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण लगातार असामाजिक तत्वों के हौसले बुलंद हो रहे हैं, जिसका खामियाजा यहां आने वाले लोगों को उठाना पड़ रहा है.
वहीं, जैसलमेर के रामगढ़ में चिकित्सकों के अभाव में चरमराई चिकित्सा व्यवस्था ने एक युवक की जान ले ली. ऐसे में अब सवाल खड़े हो रहे है कि इसका जिम्मेदार कौन? गौरतलब है कि रामगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत दो चिकित्सकों का पीजी में चयन होने के बाद गत माह तबादला हो गया था और अस्पताल में चिकित्सकों के पद रिक्त हो गए थे.
उसके बाद से चिकित्सा विभाग द्वारा कभी किसी को तो कभी किसी चिकित्सक को रामगढ़ भेज कर खानापूर्ति की जा रही थी और बुधवार को भी एक चिकित्सक अस्थाई रूप से पहुंचे थे. चिकित्सा विभाग की इसी खानापूर्ति ने एक युवक की जान ले ली.
दरअसल पश्चिम बंगाल का रहने वाला धनन्जय नाम का 18 वर्षीय युवक रामगढ़ क्षेत्र के साधना गांव के निकट हाई टेंशन विद्युत लाईन टावर पर कार्य कर रहा था. अचानक उसका सन्तुलन बिगड़ गया और वो नीचे गिर गया. गम्भीर रूप से घायल युवक को 108 एम्बुलेंस में रामगढ़ के अस्पताल लाया गया, जहां मौजूद चिकित्सा कर्मियों ने आनन फानन में प्राथमिक उपचार किया और पुरानी परम्परा के अनुसार जैसलमेर रेफर कर दिया.
चिकित्सकों के अभाव में घायल युवक को उपचार नहीं मिल पाया और उसने बीच रास्ते दम तोड़ दिया. रामगढ़ की लचर चिकित्सा व्यवस्था ने एक युवक की जान ले ली. अगर समय रहते रामगढ़ अस्पताल की सुध नहीं ली गई तो भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति होने की आशंका से नकारा नहीं जा सकता.