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Jaisalmer News: एक ही फ्रेम में नजर आया राज्य पक्षी, पशु के साथ वृक्ष

Jaisalmer News: राजस्थान के राज्य पक्षी गोडावण के संरक्षण प्रयासों के लिए ऐसे पल बड़े सुखद अनुभव होते हैं, जब राज्य के तीन प्रतीक एक साथ नजर आते हैं.   

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Shankar Dan|Updated: Mar 24, 2025, 03:24 PM IST
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Jaisalmer News: राजस्थान के राज्य पक्षी गोडावण के संरक्षण प्रयासों के लिए ऐसे पल बड़े सुखद अनुभव होते हैं, जब राज्य के तीन प्रतीक राज्य पक्षी गोडावण, राज्य पशु चिंकारा और राज्य वृक्ष खेजड़ी तीनों का एक ही जगह पर नजारा देखने को मिले. 

गौरतलब है कि पिछले चार दशक से जैसलमेर में गोडावण संरक्षण के प्रयास किए जा रहे हैं. कुछ सालों से संरक्षण के प्रयास सफल भी हो रहे हैं. एक तरफ ब्रीडिंग सेंटर में गोडावण की फौज तैयार हो रही है, तो दूसरी तरफ डीएनपी क्षेत्र के क्लोजर में सख्ती करने से वहां भी गोडावण नजर आने लगे हैं. 

इतना ही नहीं गोडावण अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हुए डीएनपी क्षेत्र के बाहर भी नजर आ रहे हैं.  डीएनपी क्षेत्र और उसके आसपास इलाके में वन विभाग के कर्मचारी लगातार गश्त करते हैं और इन वन्यजीवों की सुरक्षा में जुटे हुए हैं. 

चिंकारा को लेकर भी सख्ती है, जिसके चलते अब वन क्षेत्रों में चिंकारा भी बड़ी तादाद में नजर आने लगे हैं. साथ ही खेजड़ी को लेकर तो जैसलमेर के लोग पहले से ही सजग रहे हैं. यहां आज भी सैकड़ों साल पुराने खेजड़ी के पेड़ मौजूद हैं. 

वहीं, जैसलमेर जिले के सम गांव के पास स्थित सुदासरी के गोडावण ब्रीडिंग सेंटर से एक बार फिर खुशखबरी आई है. ब्रीडिंग सेंटर में ग्रेट इंडियन बस्टर्ड यानी गोडावण के एक और चूजे का जन्म हुआ है. राष्ट्रीय संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम के तहत मिली. इस सफलता से वन्यजीव संरक्षण विशेषज्ञों और प्रकृति प्रेमियों में उत्साह है. 

गौरतलब है कि इससे पहले 9 मार्च को भी इसी सेंटर में एक चूजे का जन्म हुआ था. अब सुदासरी और रामदेवरा दोनों जगह मिलाकर गोडावण की संख्या बढ़कर 46 हो गई है. नए चूजे को मादा गोडावण अमन ने जन्म दिया है. 

डीएनपी के डीएफओ बृजमोहन गुप्ता ने बताया कि जैसलमेर के सुदासरी से आई इस खुशखबरी से हम सभी काफी उत्साहित है और सरकार द्वारा किए जा रहे गोडावण संरक्षा के प्रयास सफलता की ओर बढ़ते जा रहे हैं. एक ही महीने में 2 बच्चों का जन्म लेना एक सुखद संकेत है. इससे इनकी संख्या में वृद्धि होगी. गुप्ता ने बताया कि रामदेवरा स्थित दोनों ब्रीडिंग सेंटरों में अब कुल 46 गोडावण हो गए हैं. 

इस सफलता के पीछे 5 साल की मादा गोडावण 'अमन' का हाथ है. उसने 26 फरवरी को एक अंडा दिया था. कृत्रिम रूप से सेने के बाद 21 मार्च को चूजे का जन्म हुआ, जिसे अब विशेष देखभाल में रखा गया है. इससे पहले इसी महीने मादा गोडावण रीवा ने एक चूजे को जन्म दिया था. 

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