Kanyadaan Yojana: कन्यादान योजना में कुछ अफसरों और कर्मचारियों की बुरी नियत पड़ चुकी है. सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग में मामला अब सामने आया है. कन्यादान योजना में फर्जीवाड़ा कर 2 करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा किया गया है. जानकारी के मुताबिक 655 महिलाओं के नाम पर अब तक गबन किया जा चुका है.
राज्य सरकार की कन्यादान योजना में कुछ अफसरों और कर्मचारियों की मिलीभगत से करोड़ों का फर्जीवाड़ा हुआ है. इतना ही नहीं इस पैसे को विभाग को दोषियों से वसूलने चाहिए, बजाय इसके वह फाइलों में दबाकर मामला ही भूल गया है. मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में अब तक 655 महिलाओं के नाम पर सरकारी पैसा उठाया गया है.
ACB ने प्राथमिक जांच में सरकारी कर्मचारियों की सहायता से हुए गबन को प्रमाणित मानते हुए एफआईआर दर्ज कर ली है. लेकिन हैरानी के बात ये है कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग 3 साल में 35 प्रतिशत राशि भी आरोपियों से अब तक वसूल करने में असमर्थ रहा है.
जानकारी के मुताबिक अब तक सिर्फ 67 लाख यानी मात्र 33 फीसद ही रिकवरी हो पाई है. इस मामले में विभाग के जैसलमेर, बांसवाड़ा के अधिकारियों ने कहा कि कन्यादान योजना में अब कोई वसूली की जा रही है. मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक वर्ग के बीपीएल परिवारों सहित अन्य कैटेगरी में महिलाओं को शादी के बाद तय समय पर आवेदन करना होता था. इसके बाद उन्हें 31 हजार से 51 हजार रुपए तक कन्यादान के तौर पर राशि दी जाती है.
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने जैसलमेर, सम और सांकड़ा ब्लॉक में कन्यादान योजना के 1022 लाभार्थियों को 4 करोड़ दिए थे. इनमें से सिर्फ 300 आवेदनों की रैंडम जांच हुई, जिसमें पाया गया कि 1.31 करोड़ का गबन हुआ था. फिलहाल, एसीबी प्रदेश में कन्यादान योजना में पैसे लेने वाले 1900 आवेदनों की जा हो रही है. एसीबी में जांच अधिकारी एडि. एसपी खींव सिंह ने कहा कि यह केस अंडर इन्वेस्टिगेशन है, सभी आवेदनों की स्क्रूटनी की जा रही है. ई- मित्र से लेकर विभाग और बैंकों से भी जानकारी लेकर जल्द रिपोर्ट दी जाएगी.
बता दें कि जैसलमेर ब्लॉक में 254, सांकड़ा में 255, सम ब्लॉक में 162 खातों में करीब 3 करोड़ का भुगतान किया गया था. इनमें से करीब 290 की जांच में 1.24 करोड़ के घोटाले का खुलासा हुआ है. वहीं 351 आवेदन ऐसे सामने आए हैं, जिनका एक ही खाते में भुगतान किया गया था.
इतना ही नहीं राशि लेने के लिए जैसलमेर के 3 ब्लॉक में गिरोह सक्रियता से काम कर रहा था. इसने ई- मित्र वालों की मिलीभगत से लोगों के दस्तावेज एकत्र किए. कागजातों में कांट-छांट कर आवेदन करे गए. 15 वर्षीय लड़के की उम्र में बदलाव कर 38 साल की महिला से शादी दिखाई और कन्यादान की राशी ले ली. उसी महिला की आईडी को फिर अन्य लोगों के साथ जोड़कर और भी कई आवेदन किए गए.