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जालोर के सरकारी अस्पताल में डॉक्टर की दर्दनाक मौत, सोते-सोते लगी आग, आंख खुली तो नहीं मिला भागने का समय, जिंदा जले और तोड़ दिया दम...

जिले के बिशनगढ़ थाना क्षेत्र के उम्मेदाबाद स्थित आयुर्वेद अस्पताल में कमरे में सो रहे डॉक्टर की देर रात को आग लगने से जिंदा जलने से मौत हो गई. हालांकि आग लगने के कारणों का फिलहाल पता नहीं लगा है, लेकिन पुलिस प्रारम्भिक रूप से स्मोकिंग के दौरान भड़की चिंगारी की वजह मान रही है.

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Jalore doctor died
Jalore doctor died
Ansh Raj|Updated: Feb 04, 2025, 07:56 AM IST
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Jalore News: जिले के बिशनगढ़ थाना क्षेत्र के उम्मेदाबाद स्थित आयुर्वेद अस्पताल में कमरे में सो रहे डॉक्टर की देर रात को आग लगने से जिंदा जलने से मौत हो गई. हालांकि आग लगने के कारणों का फिलहाल पता नहीं लगा है, लेकिन पुलिस प्रारम्भिक रूप से स्मोकिंग के दौरान भड़की चिंगारी की वजह मान रही है. घटना में पलँग पर सो रहे चिकित्सक का पूरा शरीर जल गया, केवल पैर का एक हल्का हिस्सा व खोपड़ी रही है. घटना के दौरान वहां चिकित्सक डॉ मीणा अकेले ही थे, सूचना पर डीएसपी जालोर गौतम जैन व बिशनगढ़ थानाधिकारी मौके पर पहुंचे, पुलिस ने परिजनों को सूचना दे दी है, उनके आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी.

 

 
डीएसपी ने बताया कि डॉ. मुरारी मीणा सरकारी आवास के कमरे में ही रह रहे थे, बिजली कनेक्शन कटा होने से शार्ट सर्किट की आशंका भी नहीं है. कमरे में खाली पव्वे भी मिले है. जानकारी में आया है कि रात को मोबाइल पर परिजनों से बहस भी की थी. वो स्मोकिंग ज्यादा करते थे, सम्भवतया शराब के नशे में स्मोकिंग करते चिंगारी ने बिस्तरों पर आग का रूप ले लिया हो. फिर भी पुलिस हर पहलू से जांच कर रही है.

जानकारी में सामने आया है कि डॉ .मुरारी मीणा ने भी जीवन को बड़ी लापरवाही से जीया है और यही लापरवाही सम्भवतया उनकी इस प्रकार से मौत का कारण बनी. परिजनों को जानकारी देने के बाद पुलिस हर पहलू की जांच में जुटी हुई है. जानकारी में सामने आया है कि डॉ मुरारी मीणा यहां दो साल से कार्यरत थे. डॉ मीणा अपनी पहली पत्नि के साथ वफादारी नहीं निभा पाए, जिस कारण मामला न्यायालय तक पहुंच गया. न्यायालय के आदेश से पहली पत्नी को उनके वेतनमान से हर्जाना दिया जा रहा है. फिलहाल उसका निस्तारण नहीं हो पाया था. इस सम्बंध में जालोर आयुर्वेद विभाग के उप निदेशक डॉ दिनेश जोशी ने बताया कि डॉ मीणा के वेतन में से उनकी पत्नी के खाते में निदेशालय के निर्देश अनुसार कटौती होकर जमा होती थी.

 

 
डॉ मीणा अपनी सरकारी सेवा में भी बहुत लापरवाह रहे, इसका उदाहरण उनकी सेवा कार्य का सर्विस रेकर्ड दे रहा है. उनके विरुद्ध कई बार 17 सीसीए कार्यवाही की गई. कई बार सर्विस के दौरान मरीजों के साथ दुर्व्यवहार व ड्यूटी के प्रति लापरवाही के कारण विभागीय कार्रवाई की गई. उनका पूरा सर्विस रेकर्ड लाल रंग की लाइनों से भरा हुआ है.
 
मौत के बाद डॉक्टर का वायरल हुआ वीडियो
घटना के बाद डॉ मुरारी मीणा का स्वयं का बनाया एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वो विभाग के उपनिदेशक डॉ दिनेश जोशी पर आरोप लगा रहे है. वो वीडियो में बोल रहे है कि वो काफी बीमार रहे, दवाइयां चल रही है. आर्थिक रूप से भी तंगी है. उम्मेदाबाद में सरकारी आवास नहीं है. विभागीय उपनिदेशक उनका एचआरए नहीं बना रहे हैं.

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