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Jodhpur News: राजस्थान में न्याय की नई रफ्तार, राष्ट्रीय लोक अदालत में लाखों केसों का निपटारा, 5.47 लाख मामलों पर सुनवाई शुरू

Jodhpur News: राजस्थान हाईकोर्ट और अधीनस्थ न्यायालयों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन हुआ, जहां 5.47 लाख से अधिक मामलों की सुनवाई हो रही है. न्यायाधीशों ने लोक अदालतों को तेज और प्रभावी न्याय का माध्यम बताया. लंबित मुकदमों में तेजी लाने और कैदियों की रिहाई पर भी जोर दिया गया.

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Jodhpur News
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Zee Rajasthan Web Team|Updated: Mar 08, 2025, 05:25 PM IST
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Rajasthan News: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार इस वर्ष की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत का आज प्रदेशभर में आयोजन किया जा रहा है. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर एवं जयपुर पीठ सहित प्रदेश के सभी अधीनस्थ न्यायालयों, राजस्व न्यायालयों, उपभोक्ता आयोगों एवं अन्य प्रशासनिक अधिकरणों में लोक अदालतें लगाई गई हैं, जहां हजारों मामलों का त्वरित निपटारा किया जा रहा है.

हाईकोर्ट में राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ
राजस्थान हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश एवं राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष श्री चंद्रशेखर ने जोधपुर हाईकोर्ट में राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ किया. इस मौके पर उन्होंने जी मीडिया से खास बातचीत में बताया कि राजस्थान पूरे देश में अग्रणी प्रदेशों में से एक है, जहां राजीनामे के माध्यम से सर्वाधिक मुकदमों का निस्तारण किया जाता है. उन्होंने कहा कि लोक अदालतों में पक्षकारों के बीच आपसी सहमति से विवादों का निपटारा होता है, जिससे न्याय प्रक्रिया सरल और प्रभावी बनती है.

लंबित मामलों को कम करने की कोशिश
न्यायाधीश चंद्रशेखर ने बताया कि लोक अदालतों का मुख्य उद्देश्य लंबित मुकदमों का जल्द से जल्द निस्तारण करना है, ताकि पक्षकारों को समय पर न्याय मिल सके. हाईकोर्ट के न्यायाधीश भी इस अभियान को गंभीरता से ले रहे हैं, जिससे लम्बित मुकदमों के अम्बार को कम किया जा सके.

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कई कैदी जमानत मिलने के बावजूद जेलों में बंद हैं, क्योंकि उनके मामलों की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है. इसे देखते हुए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने सभी अदालतों और जेल प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि वे ऐसे मामलों को प्राथमिकता से निपटाएं और जरूरतमंद कैदियों की रिहाई सुनिश्चित करें.

न्यायाधीश दिनेश मेहता का बयान
राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर विधिक सेवा प्राधिकरण के न्यायाधीश दिनेश मेहता ने भी राष्ट्रीय लोक अदालत की सराहना की. उन्होंने कहा, "लोक अदालतें पक्षकारों के बीच झगड़े को खत्म करने का एक प्रभावी माध्यम हैं. अदालतों में निपटाए गए मामलों में आगे अपील की जा सकती है, लेकिन लोक अदालत में सुलझे विवाद पूरी तरह समाप्त हो जाते हैं." उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि अधिक से अधिक लोग अपने लंबित मुकदमों को लोक अदालत के माध्यम से सुलझाने का प्रयास करें, ताकि विवादों का शांतिपूर्ण समाधान हो सके.

लाखों मामलों की सुनवाई हो रही
इस राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रदेश के अधीनस्थ न्यायालयों में कुल 468 बेंचों का गठन किया गया है, जहां ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से सुनवाई की जा रही है.

1. 339,344 प्री-लिटिगेशन प्रकरणों और
2. 208,605 लंबित न्यायालयी प्रकरणों सहित
3. कुल 5,47,949 मामलों की सुनवाई हो रही है.

हाईकोर्ट जोधपुर में 04 विशेष बेंचों का गठन कर 1,876 लंबित मामलों की सुनवाई की जा रही है, वहीं हाईकोर्ट जयपुर पीठ में 04 सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की बेंचों ने 1,503 मामलों की सुनवाई के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है.

लोक अदालत – न्याय व्यवस्था का प्रभावी विकल्प
राष्ट्रीय लोक अदालत आम जनता के लिए तेज, सुलभ और बिना अतिरिक्त खर्चे का न्याय दिलाने का एक बड़ा माध्यम है. इसमें फैसले आपसी सहमति से होते हैं, जिससे विवाद समाप्त हो जाते हैं और पक्षकारों को लंबी न्यायिक प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ता. इस तरह के आयोजनों से न केवल न्यायपालिका पर बोझ कम होता है, बल्कि आम लोगों को भी राहत मिलती है. राजस्थान की यह पहल पूरे देश के लिए एक मिसाल है.

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Reported By- राकेश कुमार भारद्वाज

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