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Jodhpur News: MSP गारंटी कानून को लेकर दिल्ली कूच का आह्वान, किसान नेता रामपाल जाट ने कही यह बात

Jodhpur News: राजस्थान के किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य के कानून हेतु आर पार की लड़ाई की घोषणा की हुई है. इस हेतु से ट्रैक्टरों से जयपुर पहुंचने का किसानों का संकल्प अटल है. राजस्थान में किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट एवं उनकी टीम आन्दोलन के लिए प्रदेश भर में तैयारी में  जुटी है.

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Jodhpur News: MSP गारंटी कानून को लेकर दिल्ली कूच का आह्वान, किसान नेता रामपाल जाट ने कही यह बात
Bhawani singh bhati|Updated: Feb 26, 2024, 06:12 AM IST
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Jodhpur News: किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट एवं उनकी टीम आन्दोलन के लिए प्रदेश भर में तैयारी में  जुटी है. राज्यव्यापी  11 दिवसीय जागरण अभियान की घोषणा करने के वाद रविवार को जोधपुर सर्किट हाउस में पहुंचे किसान के प्रतिनिधिमंडल को सम्बोधित किया. 

जोधपुर किसान भवन जोधपुर पहुंच कर दिल्ली सीमा पर चल रहे एमएसपी गारंटी कानून के आन्दोलन में शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि दी गई. पूर्व में 21 फरवरी को टैक्टर ट्राली द्वारा किसानों का कूंच आरम्भ हुआ, जिसमें टोंक जिले से 106 ट्रैक्टरों के द्वारा जयपुर कूच किया गया था, जिन्हें पुलिस थाना बरोनी के क्षेत्र में रोकने पर पड़ाव डाला गया, जो रात के 12:30 बजे तक चला था. 

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किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट एवं अजमेर जिले के महामंत्री रामेश्वर कटसूरा की गिरफ्तारी के कारण 21 फरवरी को अजमेर जिले से ट्रैक्टर कूच नहीं हो सका था. अब वही कूच 11 मार्च सोमवार को अजमेर जिले से आरंभ होगा, जिसमें अजमेर, दूदू एवं जयपुर जिले के किसान ट्रैक्टर से जयपुर पहुंचेंगे. इसके लिए पुलिस कमिश्नर जयपुर को स्थान उपलब्ध कराने के लिए युवा प्रदेश महामंत्री पिंटू यादव एडवोकेट द्वारा आवेदन प्रेषित कर दिया गया है.

राजस्थान के किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य के कानून हेतु आर पार की लड़ाई की घोषणा की हुई है. इस हेतु से ट्रैक्टरों से जयपुर पहुंचने का किसानों का संकल्प अटल है. यदि इस प्रकार के आंदोलन को सरकार ने  दबाने या कुचलने या रोकने का तानाशाही ढंग से प्रयास किया तो राजस्थान के 45000 गांव के बंद का आवाहन किया जायेगा. इस अवसर पर किसान अपने गांव में ही रहेंगे. आपातकालीन स्थिति को छोड़कर कोई यात्रा नहीं करेगा, जिनको अनाज, दूध एवं  सब्जी जैसे सामान चाहिए तो उन्हें गांव में आकर ले जाने होंगे. इस क्रम में 22 फरवरी को शहीद स्मारक किसान महापंचायत के पदाधिकारी ने धरना आयोजित कर सरकार को संकेत दे दिया. 

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