Jodhpur News: होली के धूलंडी के साथ ही अब श्लील गायन के साथ गैर नृत्य का दौर शुरू हो चुका है, जो कि अब शीतला अष्टमी के मेले तक चलेगा होलिका दहन के साथ ही मारवाड़ के अलग-अलग क्षेत्र से गैर बनाई जाती है और चंग की थाप के साथ श्लील गायन किया जाता है.
सर पर सिरपेच लगा साफा धोती कुर्ता पहने पैरों में घुंघरू बांध नृत्य करते हैं. श्लील गायन में लोकगीत फाग गीत के साथ देवी को प्रश्नन करने वाले भजन शामिल होते हैं. हाथ में हथियार छड़ी और चंग लिए नृत्य करते है. सप्ताह भर यह गैर नृत्य चलता है. इसके बाद शीतला अष्टमी के दिन लगने वाले मेले में यह सारी गैर जोधपुर के कागा स्तिथ माता के मंदिर तक जाती है और वहां जाकर या गैर समाप्त होती है.
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल आज गैर नृत्य में शामिल हुए और गैर नृतकों का माला पहनकर स्वागत किया. इस अवसर पर मंत्री पटेल ने कहा कि मारवाड़ क्षेत्र में चंग के साथ में होली खेलने का रिवाज है. हजारों वर्षों से इस रिवाज को निभाया जा रहा है और यह संस्कृति इन गैर नृतकों के कारण जीवित है.
सभी एक वेशभूषा में पारंपरिक परिधान में नजर आते हैं और समय के साथ अपने गीतों को भी परिवर्तित करते रहते हैं आज उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी गीत शामिल किया गया है इससे पता चलता है कि गैर के गीत में अब समय के साथ परिवर्तन हो रहा है मैं सभी को बधाई देता हूं
वहीं गैर नृतकों बताया कि यह हमारा पारंपरिक गैर नृत्य है, जो हम होलिका दहन के साथ शुरू करते हैं. श्लील गायन करते हैं और हजारों वर्षों से चली आ रही परंपरा को हम गैर नृत्य के माध्यम से जीवित रखने का प्रयास कर रहे हैं आने वाली पीढ़ी को भी सीखा रहे हैं.
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