Rajasthan News: आमजन के साथ यूनिक बिल्डर की ओर से की गई धोखाधड़ी के बाद पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया तो हाईकोर्ट पहुंचे स्थानीय निवासियों ने शिकायत के साथ मूलभूत सुविधाओं की गुहार की. मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट जस्टिस फरजंद अली ने सीजेएम जोधपुर को इस मामले में यूनिक बिल्डर की गोल्फ एस्टेट योजना का निरीक्षण कर स्थानीय लोगों के बयान के साथ पूरी रिपोर्ट मांगी है. अधिवक्ता शिवकुमार, भाटी व स्थानीय लोगों ने सीजेएम जोधपुर शहर को पूरी योजना से अवगत करवाने के साथ ही गंभीर आरोप लगाए है.
यहां के रहने वाले लोगों की माने, तो यूनिक बिल्डर ने साल 2013 जोधपुर शहर के झालामंड क्षेत्र में गोल्फ एस्टेट नाम से रहवासी कॉलोनी के सपने दिखाते हुए लोगों को प्लॉट या घर खरीदने के लिए सपने दिखाए. बिल्डर द्वारा खरीदारों को बुकिंग के समय जो वादे किए गए थे और सुनहरे सपने दिखाए गए थे उनमें से कोई भी कार्य अभी तक पूर्ण नहीं किया गया. लगभग 200 करोड़ की इस योजना में यहां पर 400 भूखंड व मकान के लिए इसका प्रारम्भ 2013 में हुआ और आज 10 साल बाद भी विकास के कार्य अधिकांश अधूरे है. बिल्डर अपने किए गए वादों से मुकर रहा है.
लोगों का आरोप है कि क्लब हाउस, एसटीपी, गोल्फ कोर्स नहीं बनाया है. सड़के अधूरी, सीवरेज लाइन नहीं डाली, पीने के पानी, कचरा संग्रहण की व्यवस्था नहीं, खरीदारों द्वारा पूर्ण भुगतान के बाद भी रजिस्ट्री नहीं करवाई जा रही है. बहुत ही घटिया निर्माण कार्य, एक ही प्रवेश द्वार सहित कई अन्य वादे जो अधूरे है. जिसके खिलाफ कुडी थाने में भी मुकदमा दर्ज करवाया तो पुलिस ने सिविल नेचर का बताकर पल्ला झाड़ दिया है. ऐसे में लोगों को मजबूर होकर हाईकोर्ट का रुख अपनाना पड़ा है.
राजस्थान हाईकोर्ट ने यूनिक बिल्डर द्वारा गोल्फ एस्टेट के नाम से बनाई गई रहवासीय कॉलोनी में उपभोक्ताओं को सुविधा नहीं मिलने पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जोधपुर को इस मामले में निरीक्षण कर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. जस्टिस फरजंद अली की बेंच पूरे मामले की भौतिक रिपोर्ट के लिए सीजेएम को निरीक्षण करने का निर्देश देते हुए 07 अप्रैल को रिपोर्ट मांगी है.
अधिवक्ता शिवकुमार भाटी ने बताया कि शिकायतकर्ता और अन्य कई लोग यूनिक बिल्डर और डेवलपर की धोखाधड़ी का शिकार हुए है. इसको लेकर कुड़ी थाने में अलग अलग एफआईआर भी दिनांक 06 मई 2024 को दर्ज कराई गई है. विज्ञापनों और प्रचार सामग्री में किए गए वादों के बावजूद, न तो संपत्तियों का निर्माण तय मानकों के अनुसार किया गया और न ही वादित सुविधाएं प्रदान की गयी. इस परियोजना में कई गंभीर अनियमितताएं पाई गई हैं, जिसके बावजूद जेडीए ने दिनांक 13 फरवरी 2025 में बिना उचित जांच के पट्टे जारी कर दिए. यह प्रक्रिया संदेह के घेरे में है और इसे गहराई से जांचने की आवश्यकता है.
हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जोधपुर मेट्रो के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को विवादित संपत्ति का भौतिक निरीक्षण करने का निर्देश दिया है. निरीक्षण की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के माध्यम से रिपोर्ट तैयार करें, ताकि वास्तविक स्थिति का आकलन किया जा सके. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कुडी थाना और क्षेत्र के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) को निर्देश दिया कि वे इस प्रक्रिया में पूरी सहायता करें.
अब हाईकोर्ट के आदेश के शुक्रवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जोधपुर ने गोल्फ एस्टेट पहुंचकर वहां का निरीक्षण किया गया है. लोगों से बातचीत करने के साथ ही वहां के हालात भी देखे, जहां क्लब हाउस व गोल्फ कोर्स की बात कर रहे थे वहां कंटीली झाड़ियां लगी है. पेयजल के लिए लोगों को टैंकर मंगवाने पड़ रहे है. बिजली कब आएगी, कब जाएगी इसका भी पता नहीं है. सुरक्षा के नाम पर एक गार्ड गेट पर नजर आता है. सडके अधूरी, निर्माण अधूरा चारों ओर नजर दौड़ाने पर आलीशान भवनों की बजाय ऐसा लगता है जैसे कोई गांव का नजारा हो. स्थानीय लोग परेशान होकर हाईकोर्ट तक पहुंचे है.
रिपोर्टर- राकेश कुमार भारद्वाज
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