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शादी के 2 साल बाद पति की हुई मौत, ससुर ने शुरू करवाई पढ़ाई तो बिना कोचिंग हासिल किया ये मुकाम

Phalodi Khushboo Charan Story: राजस्थान की रहने वाली खुशबू चारण ने शिक्षा के क्षेत्र में सर्वोच्च परीक्षा असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर अपने पहले ही प्रयास में इंटरव्यू कॉल तक का सफर तय किया.  

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Phalodi Khushboo Charan
Phalodi Khushboo Charan
Sneha Aggarwal|Updated: Feb 03, 2025, 02:42 PM IST
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Phalodi Khushboo Charan Story: आज हम आपको राजस्थान की रहने वाली एक महिला की कहानी बताने जा रहे हैं, जो आज सबके लिए एक मिसाल बन गई हैं. यह कहानी खुशबू चारण की है, जिनका जन्म फलोदी के एक छोटे से गांव नोखड़ा चारणान में फौज के कैप्टन देवी दान सिंह जी के घर में हुआ था.  अपने चार बहन भाइयों में खुशबू सबसे बड़ी हैं और वह अपने पिता जयप्रकाश सिंह की सबसे लाडली है.  

खुशबू ने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी होने के बाद माता-पिता की इच्छा के अनुसार शादी कर ली. उनका विवाह जैसलमेर के कस्बे पोकरण के एक गांव बारहठ का गांव के नरेंद्र सिंह से साथ हुई. शादी के बाद खुशबू के ससुर विजयदान ने उनको खूब लाड़-प्यार दिया. शादी के डेढ़ वर्ष बाद खुशबू को एक बेटा हुआ. 

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वहीं, खुशबू की हंसती-खेलती जिंदगी में कठोर मोड़ आया. विवाह के सिर्फ डेढ़ वर्ष बाद ही खुशबू के पति का एक्सीडेंट में निधन हो गया. खुशबू के पति अपने पिता के इकलौते बेटे थे. ऐसे में खुशबू के ऊपर सास-ससुर और 2 साल के बेटे को पालने का भार आ गया. 

धीरे-धीरे समय बीतता गया और इसके बाद खुशबू के ससुर ने खुशबू को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया. इस दौरान खुशबू ने कई भूमिकाएं एक साथ निभाने का फैसला लिया. 

विवाह के समय खुशबू अपनी विद्यालय की शिक्षा पूरी करके बीएसटीसी करके पढ़ाई छोड़ चुकी थी, जहां इस तरह की परिस्थितियों में आम औरतें पीहर का सहारा लेकर बैठ जाती है. वहीं, खुशबू ससुराल के सभी दायित्व निभाते हुए पढ़ने की राह पर अग्रसर हुई. 

साल 2008 में 12वीं पास करके पढ़ाई छोड़ चुकी खुशबू ने 2015 में अपना स्नातक पूरा किया. 2016 में बीएड की पढ़ाई पूरी की और इसी साल खुशबू ने अपनी पहली सफलता हासिल की और 2017 में तृतीय श्रेणी अध्यापक के रूप में चयन हुआ. 

साल 2018 में खुशबू ने द्वितीय श्रेणी अध्यापक की परीक्षा को भी उत्तीर्ण कर एक के बाद एक सफलता दर्ज कराई. 2019 में खुशबू ने अधिस्नातक की डिग्री भी पूरी कर ली, 2019 में ही  खुशबू ने UGC NET परीक्षा भी हिंदी विषय से उत्तीर्ण कर फिर से अपनी बुद्धिमता का परिचय दिया. साल 2020 में खुशबू का चयन स्कूल लेक्चरर के पद पर हिंदी विषय से हुआ. 2021 में खुशबू ने पीएचडी करने के लिए पात्रता परीक्षा पास कर उदयपुर विश्वविद्यालय में दाखिला ले लिया और पीएचडी का विषय कथा मनीषा कुलश्रेष्ठ के साहित्य में स्त्री संवेदना को चुना. 

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खुशबू के जीवन की प्रेरणा से सबसे अधिक प्रभावित होकर छोटे भाई ने भी शिक्षा के क्षेत्र में ऐसी रुचि दिखाई और 2023 में छोटे भाई जयंत का आईएएस में टॉप रैंक से चयन हुआ. 

वहीं, खुशबू के  हौसले की यह कहानी रुकी नहीं और शिक्षा के क्षेत्र में सर्वोच्च परीक्षा असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर खुशबू ने अपने पहले ही प्रयास में इंटरव्यू कॉल तक का सफर तय किया और अंतिम चयन दूसरे प्रयास में वर्ष 2024 में प्राप्त किया. खुशबू  ने जनरल केटेगरी से असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर अंतिम चयन करवाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. बता दें कि इन सब तैयारी के लिए खुशबू ने कोई कोचिंग नहीं ली. 

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