Rajasthan News: जोधपुर केंद्रीय कृषि मंत्री व मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुत्र कार्तिकेय और अमानत का विवाह कल जोधपुर के ऐतिहासिक उम्मेद भवन पैलेस में शुभ विवाह हुआ. देशभर से कई बड़ी हस्तियों ने विवाह समारोह में शिरकत करते हुए कार्तिकेय व अमानत का विवाह आयोजित होने के साथ वर वधू को आर्शीवाद दिया. विवाह समारोह आयोजित होने के बाद आज केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह अपने परिवार सहित दिल्ली के लिए रवाना हुए.
जोधपुर एयरपोर्ट पर दिल्ली जाने से पहले शिवराज सिंह व उनकी पत्नी साधना सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए अपने बेटे बहू की शादी के अनुभव साझा करते हुए कहा कि जोधपुर शौर्य और वीरता की भूमि है. ऐसे में ऐतिहासिक उम्मेद भवन पैलेस में विवाह का आयोजन किया गया, ये यादे जीवन भर बनी रहेगी. खुशी एवं मंगल माहौल पर विवाह आयोजित होने के बाद शिवराज सिंह की पत्नी साधना सिंह ने कहा कि मैं यहां से अपनी प्यारी बिटिया अमानत को लेकर जा रही हूं. सब कुछ अच्छा था उम्मेद भवन बहुत अच्छी जगह है. मेरी बेटी अमानत को लेकर जा रही हूं. एक मां को छोड़कर दूसरी मां के पास आती है, तो बेटी बनाकर रखना चाहिए. मैं भी अमानत को बेटी बनाकर रखूंगी.
केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं जोधपुर की इस पवित्र धरती को प्रणाम करता हूं. यहां हमारे सौभाग्य सूर्य का उदय हुआ है और यही मेरे बेटे कार्तिकेय का बेटी अमानत के साथ पाणिग्रहण संस्कार हुआ है. हम बहू नहीं बेटी ले जा रहे है हमे बेटी मिली है. जोधपुर के साथियों ने भाजपा कार्यकर्ताओं ने जो स्नेह दिया है जो प्रेम दिया है वो अद्भुत है. उसको मैं कभी भुला नहीं सकता. मैं अपने परिवार का आभार प्रकट करता हू.
मीडिया से कहा कि आप लोगों का आभार व स्नेह है कि जाते समय भी आप लोग मिले और आते समय भी मिले. जोधपुर की तो पहचान ही अलग है. स्नेह प्रेम आत्मीयता करूणा दया शौर्य और वीरता की भूमि है कि यहां मेरे बेटे व बहू यानि बिटिया का विवाह हुआ, तो धन्य हुआ. बेटी दुनिया की ईश्वर की सबसे अनमोल निधि है. बेटिया दया, प्रेम, स्नेह, करुणा, आत्मीयता मै तो कहूंगा कि दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती सब बेटिया है. बेटियों के बिना सृष्टि नहीं चल सकती, बेटी है तो कल है बेटी नहीं बचाओगे तो बहु कहा से लाओंगे और इसीलिए मैं तो बचपन से ही बेटियों के लिए काम करता रहा हू.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं तो मध्यप्रदेश में पहली बार मुख्यमंत्री बना, तो लाडली लक्ष्मी योजना बनाई . हमने तय किया कि मध्यप्रदेश की धरती पर बेटी लखपति ही पैदा होगी. पैदा होते ही सरकारी खजाने से इतना पैसा उसके खाते में डालते है कि वो पढ़ाई में काम आता है और बड़ी होने पर एक लाख रुपए उसे मिल जाता है. कन्या विवाह जैसी योजना बनाई. स्थानीय निकायों में पचास प्रतिशत आरक्षण सबसे पहले बहनों को मध्यप्रदेश सरकार ने दिया है. एक नहीं, योजनाओं की श्रृंखला है. हमने यह भी तय किया बेटी, बहन, पत्नी के नाम कोई सम्पति खरीदेगा तो स्टाम्प शुल्क नाम मात्र लगेगा, ताकि बेटियों के नाम भी दुकान, मकान, खेत हो सके.
चौहान ने कहा कि बेटी बचाना हमारे जीवन का मिशन है. लाडली बहना जैसी योजना से आर्थिक सशक्तिकरण किया है. मैं सबसे यह कहना चाहूंगा कि बेटियों को मान सम्मान एवं प्रेम करे. बेटियों को आगे बढाए दहेज तो माह पाप है. मैंने अपने बेट-बहू से सात वचनों के साथ आठवाँ वचन लिया है. जन्मदिन, सालगिरह विवाह की वर्षगांठ कोई भी मंगल कार्य हो एक पेड़ जरूर लगाएं. अपने लिए नहीं, तो देश के लिए समाज के लिए यह पुनीत कार्य करें.
रिपोर्टर- राकेश कुमार भारद्वाज
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