Mauni Amavasya 2024: मौनी अमावस्या माघ मास की पूर्णिमा तिथि को कहा जाता है. मौनी अमावस्या पर स्नान, दान, पूजा और तप का काफी महत्व होता है. कहा जाता है कि इस दिन मौन होकर स्नान करने से लाभ होता है.
इसके साथ ही मौनी अमावस्या पर मौन रहकर जरूरतमंदों को दान करना चाहिए, इससे पितृ खुश होते हैं. पंचाग के मुताबिक, हर साल माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को माघ अमावस्या होती है. जानिए मौनी अमावस्या के बारे में...
हिंदू धर्म के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा भी की जाती है. इस साल पूर्णिमा फरवरी महीने में पड़ रही है. हिन्दू पंचांग के मुताबिक, 9 फरवरी को सुबह 7 बजकर 59 मिनट से पूर्णिमा तिथि की शुरुआत होगी, जो अगले दिन 10 फरवरी को सुबह 4 बजकर 26 मिनट समाप्त होगी. इसके चलते मौनी अमावस्या का पर्व 9 फरवरी को मनाया जाएगा.
मौन होकर करें स्नान और दान
मौनी अमावस्या पर गंगा या किसी भी पवित्र नदी में मौन रहकर स्नान करना चाहिए. वहीं, इसके बाद गरीबों को काले तिल से बना सामान और गुड़ दान करना चाहिए. साथ ही सामर्थ्य के हिसाब से रुपये दें. इसके अलावा आप तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला, कंबल और वस्त्र जैसी चीजें भी दान कर सकते हैं. कहा जाता है कि ऐसा करने से पितर खुश होते हैं.
शुभ संयोग
इस बार मौनी अमावस्या पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ वरियान योग बन रहा है. ऐसे में सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 7 बजकर 5 मिनट से शुरू होगा, जो रात 11 बजकर 29 मिनट समाप्त होगा. साथ ही सुबह 7 बजकर 8 मिनट से ही वरियान योग शुरू होगा. इसके चलते सुबह 7 बजकर 10 मिनट से 9 बजकर 58 मिनट तक का वक्त स्नान और दान के लिए काफी लाभदायक है.
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