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Lok Sabha chunav 2024: राजस्थान की इस सीट पर लोकसभा चुनाव करेंगे नई पार्टी का भविष्य तय! BJP को ये पार्टी दे सकती है कड़ी चुनौती

Lok Sabha chunav 2024: राजस्थान की एक सीट पर लोकसभा चुनाव नई पार्टी का भविष्य तय कर सकते हैं. BJP को ये पार्टी कड़ी चुनौती दे सकती है.

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Nizam Kantaliya|Updated: Apr 22, 2024, 01:02 PM IST
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Rajasthan Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 देश में एक नए राजनीतिक दल का भविष्य भी तय कर सकते हैं.डूंगरपुर व बांसवाड़ा जिलों में विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले बनी भारत आदिवासी पार्टी ने भाजपा व कांग्रेस की दोनों की चुनावी गणित बिगाड़ दी है. 

प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत बांसवाड़ा - डूंगरपुर लोकसभा सीट पर भी 26 अप्रैल को मतदान होगा. बांसवाड़ा में आम जनता में वर्तमान व्यवस्था के प्रति नाराजगी साफ नजर आई. रेल का विकास ना होना, युवाओं के लिए रोजगार, प्रदेश के दूसरे क्षेत्र में आम जनता के आवागमन के मुख्य केंद्र बांसवाड़ा केंद्रीय बस स्टेंड की बेहाल व्यवस्था और ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क की कमी जैसे मुद्दे बीजेपी के लिए काफी मुश्किल पैदा कर सकते हैं क्योंकि इस लोकसभा से लगातार दो बार बीजेपी जीत दर्ज कर रही थी,इस बार यहां राष्ट्रीय मुद्दे के बजाय आदिवासी एकता और स्थानीय मुद्दे हावी हैं.

बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट एसटी वर्ग के लिए आरक्षित है. यहां 70 फीसदी एसटी होने से इस सीट पर जीत का फैसला एसटी वोटर ही करता है. बांसवाड़ा का घाटोल क्षेत्र में भारतीय आदिवासी पार्टी का मजबूत आधार है.

पिछले दो लोकसभा चुनाव में एसटी वोटर की वजह से भाजपा ने जीत दर्ज की, लेकिन इस बार कांग्रेस के गठबंधन से भाजपा की जीत की गणित बिगाड़ सकती है. बीजेपी के लिए इस सीट का महत्व बहुत बढ़ गया हैं क्योंकि उसने कांग्रेस के महेन्द्र जीत सिंह मालवीय जैसे बड़े नेता को शामिल कर उन्हे प्रत्याशी बनाया हैं.

बीएपी की मौजूदगी ने बांसवाड़ा-डूंगरपुर जिलों में एसटी वोटर को कांग्रेस व भाजपा दोनों से ही दूर कर दिया है. बड़े असमंजस के बाद कांग्रेस ने इस सच्चाई को स्वीकार कर लिया और अंत में ना नुकुर के बाद भी बाप पार्टी को अपना समर्थन दे दिया.कांग्रेस का लक्ष्य यहां महेन्द्रजीत सिंह मालवीय की हार है.तो वहीं बीजेपी के लिए इस सीट को जीतना प्रतिष्ठा का सवाल बन गया हैं.

प्रदेश की इस सबसे महत्वपूर्ण और हॉट लोकसभा सीट के महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता हैं कि पीएम मोदी ने 11 साल बाद बांसवाड़ा शहर में किसी चुनावी सभा को संबोधित किया है. इससे पहले साल 2013 के विधानसभा चुनाव मे गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में बांसवाड़ा रैली को संबोधित किया था.

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