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क्या वसुंधरा राजे बीजेपी में करने वाली हैं सक्रिय वापसी, लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद चर्चा तेज

Vasundhara Raje : राजस्थान में लोकसभा चुनावों में बीजेपी के क्लीन स्वीप का सपना टूटने के बाद से सियासी गलियारों में ये सवाल उठ रहा है कि क्या वसुंधरा राजे का चुनाव प्रचार में ना उतरना और पार्टी की तरफ उन्हे साइड लाइन करना, पार्टी के लिए आत्मघाती सिद्ध हुआ. ऐसे में आज NDA की बैठक में राजस्थान के 14 सांसदों के साथ ही वसुंधरा राजे की मौजूदगी कई मायनों में खास हो जाती है.

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Lok Sabha elections result 2024 Vasundhara Raje News
Lok Sabha elections result 2024 Vasundhara Raje News
Pragati Awasthi|Updated: Jun 07, 2024, 11:56 AM IST
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Vasundhara Raje : राजस्थान में लोकसभा चुनावों में बीजेपी के क्लीन स्वीप का सपना टूटने के बाद से सियासी गलियारों में ये सवाल उठ रहा है कि क्या वसुंधरा राजे का चुनाव प्रचार में ना उतरना और पार्टी की तरफ उन्हे साइड लाइन करना, पार्टी के लिए आत्मघाती सिद्ध हुआ. ऐसे में आज NDA की बैठक में राजस्थान के 14 सांसदों के साथ ही वसुंधरा राजे की मौजूदगी कई मायनों में खास हो जाती है.

ये भी पढ़ें : संसद में गूंजेगा भील प्रदेश और STआरक्षण वृद्धि का मुद्दा,  BAP की जीत से बदली दक्षिणी राजस्थान की राजनीति

विधानसभा चुनावों के बाद राजे की कई दिल्ली यात्राओं का असर नहीं दिखा और पर्ची सिस्टम से भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बना दिया गया था. धीरे-धीरे राजे पार्टी की राजनीतिक गतिविधियों से दूर होती दिखी और सिर्फ झालावाड़ बारां लोकसभा सीट पर फोकस शुरू कर दिया.

जिसका परिणाम दुष्यंत सिंह के एक बार फिर जीतने के रूप में देखा जा सकता है. एक समय था जब वसुंधरा राजे की राजस्थान बीजेपी में तूती बोलती थी. हालांकि राजे के बाद पार्टी की तरफ से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को चेहरा बनाने की कोशिश की गयी, लेकिन सफलता नहीं मिली.

लोकसभा चुनाव के दौरान राजस्थान की बाड़मेर, टोंक-सवाईमाधोपुर. धौलपुर-करौली और चूरू सीटों पर पार्टी की हार की वजह वसुंधरा राजे के समर्थकों का भजनलाल सरकार से मनमुटाव होना भी बताया जा रहा है. जबकि साल 2014 और फिर साल 2019 में बीजेपी ने कांग्रेस को इन सीटों पर पटखनी दी थी.

राजनीतिक जानकारों को मानना है कि अगर वसुंधरा राजे को प्रचार अभियान का हिस्सा बनाया जाता, तो शायद पार्टी को इतनी बड़ी हार का सामना नहीं करना पड़ता. इधर बारां झालावाड़ सीट पर वसुंधारा राजे ने अपनी पकड़ को बरकरार रखा. इस सीट पर राजे लोकसभा चुनाव लड़ती थी. राजे की पकड़ को दुष्यंत सिंह ने बखूबी निभाया और एक बार फिर से सांसद बने.

दुष्यंत सिंह ने 3 लाख 70 हजार 898 वोटों के बड़े अंतर से कांग्रेस की उर्मिला जैन को हराया है. अब आत्ममंथन कर रही राजस्थान बीजेपी को सिर्फ वसुंधरा राजे ही नहीं बल्कि पार्टी में भूमिका की तलाश में जुटे सतीश पूनिया और राजेंद्र सिंह राठौड़ जैसे वरिष्ठ नेताओं के बारे में भी सोचने की जरूरत है. जिनकी अनदेखी पार्टी को आगे आने वाले वक्त में और भारी पड़ सकती है.

हाल फिलहाल वसुंधरा राजे ने लोकसभा चुनाव परिणाम पर कहा है कि देश की जनता अपना फैसला सुना चुकी है. तीसरी बार देश में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने जा रही है. उन्होनें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि- आदरणीय प्रधानमंत्री जी की उन नीतियों और योजनाओं की जीत है, जिन्होंने देश को विकास के शिखर पर पहुंचाया है, ये एक समृद्ध, विकसित और आत्मनिर्भर भारत की जीत है. राजे ने NDA की इस जीत के लिए BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह के साथ मतदाताओं और सभी नवनिर्वाचित सांसदों को भी शुभकामनाएं दी हैं.

 

 

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