trendingNow/india/rajasthan/rajasthan12161193
Home >>nagaur

Russia Ukraine War: रूस में राजस्थान के युवकों के साथ धोखा, नौकरी के बहाने War में भेजा, युवक का वीडियो सामने आया

Russia Ukraine War : डीडवाना से रूस में नौकरी के लिए गए युवकों को रूसी सेना में शामिल करने के मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है. डीडवाना के डाबड़ा गांव निवासी चेनाराम के पुत्र रणजीत ने टेलीग्राम पर 32 सेकंड का एक वीडियो भेजा है.

Advertisement
Russia Ukraine War: रूस में राजस्थान के युवकों के साथ धोखा, नौकरी के बहाने War में भेजा, युवक का वीडियो सामने आया
Zee Rajasthan Web Team|Updated: Mar 17, 2024, 03:55 PM IST
Share

Russia Ukraine War : डीडवाना से रूस में नौकरी के लिए गए युवकों को रूसी सेना में शामिल करने के मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है. अब दूसरे युवक रणजीत का वीडियो सामने आया है, जिसमें उसने बताया है कि उसे भी रूसी सेना में शामिल कर युद्ध के मैदान में धकेल दिया गय, जिससे वह भी युद्ध में घायल हुआ है.

राजस्थान के युवक को रूसी सेना में शामिल करने का मामला

इससे पहले डीडवाना क्षेत्र के ही एक युवक नेमाराम का भी वीडियो सामने आया था, जिसमें नेमाराम ने भी खुद को सेना आर्मी में शामिल करने और युद्ध के दौरान उसे गोलियां लगने की बात कही थी.

डीडवाना के युवक का वीडियो आया सामने 

आपको बता दें कि डीडवाना के डाबड़ा गांव निवासी चेनाराम के पुत्र रणजीत ने टेलीग्राम पर 32 सेकंड का एक वीडियो भेजा है, जिसमें वह कहता दिख रहा है कि वह रूस के एक अस्पताल में है और यहां फंस चुका है. रणजीत के मुताबिक उसे ड्राइवर की नौकरी के लिए रूस भेजा गया था, लेकिन यहां उसे ड्राइवर की नौकरी के बजाय युद्ध के मैदान में धकेल दिया गया है.

टेलीग्राम पर 32 सेकंड का एक वीडियो भेजा

उसके साथ आए मित्र नेमाराम को भी रूसी सेना में शामिल कर रूस-यूक्रेन युद्ध में उतार दिया गया है, जिससे नेमाराम को हाथ और पैर में गोलियां लगी है और अब उसके कंधे पर चोट लगी है. उसने अपने परिवार से उसे जल्द से जल्द रूस से निकालने की अपील की है.

रूस में अच्छी नौकरी और अच्छे वेतन का झांसा 

रणजीत के अनुसार उन्हें रूस में अच्छी नौकरी और अच्छे वेतन का झांसा देकर रूस भेजा गया था, जैसे ही रणजीत रूस पहुंचा, तो वहां एजेंट का फोन आया कि यदि वह 50 हजार रुपए का भुगतान करते हैं तो जिस काम के लिए उन्हें बुलाया गया है, उसी काम पर उनकी ड्यूटी लगा देंगे. इसके बाद रणजीत ने एजेंट को 50 हजार रुपए दे दिए.

तत्पश्चात रणजीत को 15 दिन की सामान्य ट्रेनिंग दी गई, जिसमें रूसी फ़ौज की वर्दी और भाषा ट्रांसलेटर के साथ ही आधुनिक हथियार चलाने की भी ट्रेनिंग दी गई. बाद में उन्हें किसी अन्य कैंप में भेज दिया गया और 21 फरवरी को उनके मोबाइल और दस्तावेज छीनने के बाद उन्हें रूस-यूक्रेन युद्ध में धकेल दिया गया.

इस पूरे मामले में यह जानकारी भी सामने आ रही है कि संभवत: यह अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र भी हो सकता है, जिसके तहत भारत के युवाओं को बरगलाकर नौकरी के नाम पर रूस-यूक्रेन युद्ध में धकेला जा रहा है, क्योंकि डीडवाना क्षेत्र के चार युवाओं को कंप्यूटर ऑपरेटर और ड्राइवर की नौकरी के लिए रूस भेजा गया, लेकिन वहां उन्हें युद्ध में धकेल दिया गया.

रणजीत और नेमाराम को जिन एयर टिकटों के माध्यम से भेजा गया है, उसमें फॉरवर्ड मैसेज में हरियाणा के दो युवकों के नाम आ रहे हैं. बताया जा रहा है कि दोनों हरियाणा के शातिर एजेंट है, जो अपने आप को न्यूजीलैंड का रहने वाला बताते हैं. हो सकता है कि यह एजेंट यूक्रेन युद्ध में दलालों की कड़ी का काम कर रहा है.

Read More
{}{}