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क्यों बिरले हैं 'बिरला', सोशल मीडिया पर छाने की क्या है वजह ?

Om Birla : ओम बिरला दूसरी बार स्पीकर बने हैं, और मोदी और अमित शाह के करीबी नेता माने जाते हैं. इतिहास में ये तीन बार ही ऐसा हुआ है, जब लोकसभा स्पीकर चुनने के लिए चुनाव कराना पड़ा हो. हालांकि कांग्रेस ने ओम बिरला के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतारा लेकिन वोटिंग नहीं की. लेकिन जब से ओम बिरला स्पीकर बने हैं, तब से सोशल मीडिया पर छाएं है. 

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Rajasthan News Om Birla unique qualities which making him popular on social media
Rajasthan News Om Birla unique qualities which making him popular on social media
Pragati Awasthi|Updated: Jun 29, 2024, 08:12 AM IST
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Om Birla : ओम बिरला दूसरी बार स्पीकर बने हैं, और मोदी और अमित शाह के करीबी नेता माने जाते हैं. इतिहास में ये तीन बार ही ऐसा हुआ है, जब लोकसभा स्पीकर चुनने के लिए चुनाव कराना पड़ा हो. हालांकि कांग्रेस ने ओम बिरला के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतारा लेकिन वोटिंग नहीं की. लेकिन जब से ओम बिरला स्पीकर बने हैं, तब से सोशल मीडिया पर छाएं है.
 

ओम बिरला सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने के लिए सख्त कदम उठाते हैं. जिसका उदाहरण  17 वीं लोकसभा में स्पीकर रहे, ओम बिरला ने शीतकालीन सत्र में 141 सांसदों को निलंबित कर दे दिया था. जिसमें 95 सांसद लोकसभा से और 46 सांसद राज्यसभा से थे. जिन सांसदों का निलंबन हुआ, उसमें  मनोज झा, जयराम रमेश,फ़ारूक़ अब्दुल्लाह, शशि थरूर, मनीष तिवारी,, रणदीप सिंह सुरजेवाला, प्रमोद तिवारी और डिंपल यादव जैसे दिग्गज शामिल हैं.

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मौजूदा संसद सत्र स्पीकर ओम बिरला की अबतक दी गई नसीहतें 

इन्हे ज्ञान नहीं है

ओम बिरला ने सासंद रुहुल्लाह मेहदी को आर्टिकल 370 और मुस्लिम सांसद को आंतकवादी कहने का विषय उठाने पर, कड़े शब्दों में नसीहत दी थी और कहा था कि इन्हे ज्ञान नहीं है.

भाषण बाद में दे लेना

पंजाब से सांसद हरसिमरत कौर ने, स्पीकर ओम बिरला से कहा कि आपसे अपील है कि हमें पहले से ज़्यादा बोलने का मौक़ा मिलेगा. जिसके बाद कौर ने आप पार्टी और कांग्रेस पर हमला शुरू कर दिया. जिस पर बिरला ने उन्हे बैठा दिया.

जय संविधान

शशि थरूर ने सांसद पद की शपथ ली और अंत में जय संविधान कहा, जिस पर ओम बिरला ने कहा, कि संविधान की शपथ तो ले ही रहे हैं. ये संविधान की शपथ है

कहा चलो बैठो
Om Birla on Constitution and Deependra Hooda
जब कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सर आपको आपत्ति नहीं होनी चाहिए थी तो जवाब में ओम बिरला ने कहा कि-किस पर आपत्ति और किस पर आपत्ति नहीं, इस पर सलाह मत दिया करो, चलो बैठो

राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने क्या कहा

संसद सत्र के दौरान राहुल गांधी ने स्पीकर ओम बिरला से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि स्पीकर उन्हें बोलने, जनता का प्रतिनिधित्व करने देंगे वहीं अखिलेश यादव ने कहा कि सदन में जनप्रतिनिधि की आवाज ना दबाई जाए और निष्कासन जैसी कार्रवाई दोबारा न हो, क्योंकि इससे संसद की गरिमा को ठेस पहुंचती है.

कुल मिलाकर कॉमर्स में मास्टर्स ओम बिरला, सियासत के शानदार खिलाड़ी रहे है, जो राजस्थान के जिला स्तर से विधानसभा और फिर लोकसभा तक पहुंचे है और चुनाव प्रबंधन से लेकर बूथ स्तर तक की नब्ज पकड़ लेते हैं. ओम बिरला का व्यक्तिव स्पीकर की कुर्सी पर कड़क होता है. ये ही वजह है कि सोशल मीडिया पर दुबारा स्पीकर बनने के बाद ओम बिरला छाएं हुए हैं.

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