Rajasthan News: सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र के नरोदडा व मानासी ग्राम पंचायत को लक्ष्मणगढ़ नगर पालिका में शामिल करने के प्रस्ताव का आज दोनों गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने विरोध जताते हुए जिला कलेक्टर पर जोरदार प्रदर्शन किया. मानासी व नरोदड़ा गांव के ग्रामीणों ने पीसीसी चीफ एवं लक्ष्मणगढ़ विधायक गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में सीकर शहर के डाक बंगले से जिला कलेक्ट्रेट तक जिला प्रशासन और भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आक्रोश रैली निकाली. ग्रामीणों में कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करने के बाद जिला कलेक्टर के नाम अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा.
पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने रालोपा सुप्रीमो एवं नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के बीते दिन सीकर में दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए कहा मेरा विधानसभा में क्या रवैया रहना चाहिए, यह कोई दूसरा व्यक्ति तय करेगा क्या? डोटासरा ने बोले कि लक्ष्मणगढ़ विधानसभा की जनता ने मुझे जिताया और राजस्थान की जनता ने 2016 में मुझे सर्वश्रेष्ठ विधायक का दर्जा दिलाया.
डोटासरा ने बेनीवाल को नसीहत देते हुए कहा कि बेनीवाल को देखना चाहिए कि खींवसर में नशे की प्रवृत्ति बढ़ रही है, युवा पीढ़ी में नशा खत्म करने के लिए बेनीवाल को प्रयास करना चाहिए. उन्होंने ने कहा कि बेनीवाल हमारे इंडिया गठबंधन के साथी है. इसलिए मैं उन पर किसी प्रकार की बात नहीं करूंगा. बेनीवाल को खींवसर की जनता ने चार-पांच बार जिताया और नागौर की जनता ने दो बार एमपी बनाया है, चाहे वह बीजेपी या कांग्रेस के समर्थन से बने हो. उनको वहां पर नशा मुक्ति का अभियान चलाकर युवा पीढ़ी को नशे से बचाना चाहिए. यह काम बेनीवाल की प्राथमिकता में होना चाहिए.
सांसद हनुमान बेनीवाल के बीते दिन सीकर दौरे पर डोटासरा ने कहा कि अगर मैं यहां होता तो उनका (हनुमान बेनीवाल) का स्वागत करता. दरअसल, हनुमान बेनीवाल बीते दिन सीकर जिले के दौरे पर थे. इस दौरान बेनीवाल ने सीकर के पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा था कि गोविंद सिंह डोटासरा का विधानसभा में आसन के प्रति रैवेया ठीक नहीं था. बेनीवाल के इसी बयान को लेकर आज डोटासरा ने पलटवार किया है.
इससे पहले पीसीसी चीफ एवं लक्ष्मणगढ़ विधायक गोविंद सिंह डोटासरा नरोदड़ा व मानासी ग्राम पंचायत को लक्ष्मणगढ़ नगर पालिका में शामिल करने के जिला प्रशासन के द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को लेकर कहा कि लक्ष्मणगढ़ एसडीएम और सीकर जिला कलेक्टर ने जो नगरपालिका सीमावृद्धि का प्रस्ताव भेजा है उसमें नरोदड़ा ग्राम पंचायत और मानासी ग्राम पंचायत को नगर पालिका में शामिल करने का प्रस्ताव है जो सरासर गलत है.
पीसीसी चीफ डोटासरा ने बिना नाम लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया पर निशाना साधते हुए कहा कि जिला कलेक्टर और एसडीएम ने भाजपा के पिटे हुए मोहरे जो 5- 5 और 6-6 चुनाव हार चुके हैं उनके कहने से दोनों ग्राम पंचायत मुख्यालय को खत्म करके और लक्ष्मणगढ़ नगर पालिका के वार्डों में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा है. डोटासरा ने कहा कि भेजे गए प्रस्ताव में नगर पालिका की कोई सहमति नहीं ली गई, नहीं वहां के चेयरमैन और नगर पालिका ईओ सहमति ली गई. इसके साथ ही नगर पालिका के पास तो की सहमति भी प्रस्ताव से पहले ली गई. सिर्फ मनमर्जी और राजनीतिक दुर्भावना से दोनों ग्राम पंचायत को नगर पालिका में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा गया है.
डोटासरा ने कहा कि जिन ग्राम पंचायत को नगर पालिका में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा गया है. वहां पिछले 15-20 सालों से कांग्रेस आईडियोलॉजी के सरपंच और डायरेक्टर जीते आए हैं, इसलिए भाजपा नेताओं को यह सहन नहीं हो रहा है. डोटासरा ने कहा कि पूर्व में लक्ष्मणगढ़ एसडीम ने कोई सीमा विस्तार नहीं करने का आश्वासन भी दिया था, लेकिन फिर भी राजनीतिक दबाव के कारण दोनों ग्राम पंचायत को खत्म करके नगर पालिका में शामिल करने का जो प्रस्ताव भेजा है, वह जनता को स्वीकार नहीं है और जनहित में नहीं है. डोटासरा ने कहा है कि यह प्रस्ताव भेजकर जनता के हितों पर कुठाराघात किया गया है जिसको कतई सहन नहीं किया जाएगा.
पीसीसी चीफ डोटासरा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री महरिया पर निशाना साधते हुए कहा कि यह कोई तानाशाही है क्या, अगर हार गए तो जनता ने हराया है, जिसका बदला लेकर ग्राम पंचायत को डिस्टर्ब करना चाह रहे हैं और नगर पालिका को भी डिस्टर्ब कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिन्हें ग्राम पंचायत को भाजपा नेता राजनीतिक दबाव के चलते खत्म करवाना चाहते हैं वहां पर करोड़ों रुपए के विकास कार्य हो चुके हैं. अगर ग्राम पंचायत को खत्म कर दिया जाएगा तो वहां आमजन के लिए होने वाले विकास कार्य, सड़कों और नरेगा के कार्य भी समाप्त हो जाएंगे. डोटासरा ने कहा कि जो वार्ड पहले से नगर पालिका में शामिल है उनका ही विकास नहीं हो पा रहे है, नगर पालिका में इनकम कोई है नहीं, नगर पालिका अपने इलाके में सफाई तक सही तरीके से नहीं करवा पा रही है तो अन्य ग्राम पंचायत को मिलाकर क्या विकास करना चाहते हैं.
डोटासरा ने कहा कि यह सिर्फ राजनीतिक हितों की पूर्ति के लिए भाजपा नेता तानाशाही पूर्ण और जन विरोधी निर्णय लेकर जो प्रशासनिक अधिकारियों को भेजा है वह ना तो संवैधानिक है और ना ही जनहित में है. इसलिए इस प्रस्ताव को उन्हें निरस्त करना चाहिए. डोटासरा ने कहा कि जिला कलेक्टर यह समझना चाहिए कि वह रिसिप्ट और बाबू नहीं है, जिला कलेक्टर जिले के सर्वोच्च पद पर बैठा हुआ एक आईएएस अधिकारी है. ऐसे में उसे नीचे से आए प्रस्ताव को समझ कर उस पर मंथन करना चाहिए. डोटासरा ने कहा कि पहले दिन दोपहर तक लक्ष्मणगढ़ एसडीएम ने प्रस्ताव नहीं भेजना की बात कही थी लेकिन रात को अचानक राजनीतिक दबाव आया और रातों-रात प्रस्ताव को भेजा गया. इसके बाद जिला कलेक्टर ने भी बगैर सोचे समझे प्रस्ताव को सरकार को भिजवा दिया. डोटासरा ने कहा कि जनता फैसला करती है, जनता ही सरकारें बनती है, जनता ही एमपी बनती है और जनता ही सरपंच बनती है, यह ब्यूरोक्रेटस नहीं बनाते हैं. इसलिए दोनों ग्राम पंचायत को अगर नगर पालिका में शामिल किया गया तो सरकार और प्रशासन के खिलाफ ग्रामीणों के साथ मिलकर बड़ा आंदोलन करेंगे.
रिपोर्टर- अंजनी शर्मा
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