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Rajasthan Crime: कर्ज में डूबे मां-बाप ने 'क्राइम पेट्रोल' देख उठाया खौफनाक कदम, मासूम बेटे...

Rajasthan News: सिरोही में गत 21 जनवरी शाम को लावारिश हालत में 6 माह का मासूम मिला था, जिसके पास हस्त लिखित एक खत मिलनें से हड़कंप मच गया था. पूरे मामले को लेकर GRP थानाधिकारी नें मामला दर्ज करके जांच पड़ताल शुरू कर दी. उसके बाद जो खुलासा हुआ उसको जानकर हर क़ोई हैरान है.

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Sirohi News Zee Rajasthan
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Zee Rajasthan Web Team|Updated: Jan 25, 2025, 03:44 PM IST
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Rajasthan News: गत 21 जनवरी को सिरोही जिले के रेलवे स्टेशन पिंडवाड़ा के प्लेटफार्म पर लावारिस हालत में 6 माह का मासूम बच्चा मिला था. इस पूरे मामले का खुलास GRP पुलिस नें कर दिया है. थानाधिकारी मनोज कुमार चौहान नें बताया कि थाने की टीम द्वारा रेलवे स्टेशन पिंडवाड़ा पर मिले बच्चे के परिजनों की पहचान करने में सफलता हाथ लगी है. 

थानाधिकारी नें कहा कि स्टेशन अधीक्षक रेलवे स्टेशन पिंडवाड़ा ने टेलीफोन करके सूचना दी कि रेलवे स्टेशन पिंडवाड़ा पर एक बच्चा लावारिस हालत में मिला है, जिसकी उम्र करीब 6 माह है. इस सूचना पर थाने से तुरन्त हैड़ कास्टेबल मन्साराम को मौके पर भेजा था. 22 जनवरी को हैड कॉस्टेबल मन्साराम मय टीम नें परिजनों कि तलाश हेतु जांच पड़ताल शुरू की. इस दौरान बच्चे के पास हिंदी में लिखा पत्र भी मिला था. आरपीएफ पुलिस नें बच्चे का मेडिकल जांच करवाकर बच्चे को सुरक्षा एवं देखरेख के लिए राजकीय सम्प्रेक्षण एंव किशोर ग्रह सिरोही में दाखिल करवा दिया गया था. GRP पुलिस ने  भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 93 के तहत मामला दर्ज करके जांच मन्साराम के हवाले की .

मामले की खुलासे को लेकर विशेष टीम का किया गठन 
पूरे मामले की जल्द खुलासे को लेकर विशेष टीम का गठन किया गया. SHO नें. विशेष निर्देश देकर टीम को बच्चे के अज्ञात परिजनों की तलाश के लिए रवाना किया गया. इस दौरान पुलिस को अपने ख़ुफ़िया तंत्र इनपुट मिले. साथ ही सोशल मीडिया  प्लेटफार्म के माध्यम से परिजनों की तलाश के प्रयास किए गए. इस दौरान मुखबिर तंत्र से सूचना प्राप्त हुई कि एक व्यक्ति रेलवे स्टेशन पिंडवाड़ा पर बच्चे के बारे में पूछ रहा है, जिस पर मुखबीर को समझा कर कर उस व्यक्ति को आबूरोड भेजने का बोला गया. उसके बाद रेलवे स्टेशन आबूरोड पर वह व्यक्ति मिला, जिसे थाने लाकर गहनता से पूछताछ करने पर नाम पता पूछा तो अपना नाम  ईश्वर भाई पुत्र अमृत भाई जाति पटनी उम्र 35 साल निवासी एच 2-3 अभिलासा अपार्टमेंट बोम्बे हाउसिंग सरसपुर अहमदाबाद शहर पुलिस थाना शहर कोटवा जिला अहमदाबाद गुजरात होने का बताया. जब आबूरोड थानाधिकारी द्वारा बच्चे का फोटो दिखाकर पूछताछ की तो उसने अपना पुत्र रूद्ध उर्फ किट्टू उम्र 6 माह होने का बताया.

पूछताछ में मासूम के पिता ने उगले यह राज 
जब पूरे मामले की थानाधिकारी मनोज सिंह द्वारा मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की, तो हैरान कर देने वाले खुलासे हुए. मासूम के पिता ईश्वर भाई ने पुलिस को बताया कि गत 21 जनवरी को रेलवे स्टेशन पिंडवाड़ा पर मेरी पत्नी ने मूलवश मासूम को छोड़ दिया था. पत्नी को मानसिक रूप से बीमार रहना व दवाई चलना बताने पर उसे  परिजनों व पत्नी को बुलाने हेतु समझाइश करने पर। कुछ समय पश्चात उसकी पत्नी  सुनिता बेन उम्र 33 साल और अन्य परिजन थाने में उपस्थित हुए. पूछताछ करने बताया कि सुनिता बेन मानसिक रूप से बीमार है. वह कभी-कभी अपनी याददाश्त खो देती है. उसे कुछ याद नहीं रहता है. 21 जनवरी को उसके द्वारा मासूम बालक को भूल से कहीं रख दिया था. मानसिक रूप से कमजोर होने के कारण उसे याद नहीं रहा. परिजनों द्वारा मानसिक बीमारी व इलाज के कागज पेश किए गए, जिसे राजकीय अस्पताल से जानकारी करवाई गई तो इलाज की पर्चीया मानसिक रोग से संबंधित होना पाई गई.

ऐसे रची कर्ज से मुक्ति की कहानी 
पुलिस को बच्चे के पास एक पत्र मिला था. जब उसकी जांच पड़ताल कि गई, तो चौकाने वाले खुलासे हुए. दोनों पति पत्नि से बच्चे के पास मिले हस्त लिखित में जिक्र किया कि " मेरा नाम राधिका है हमने घर से भाग कर शादी की थी. हमारी शादी को दो साल हुए है. मेरे पति की कार एक्सीडेन्ट में मौत हो गई है. हम किराये के मकान में रहते थे. मुझे भी बीमारी ने जकड लिया है. इस बच्चे की परवरिश मैं नहीं कर पाऊंगी, तो आप लोगों से इतनी बिनती है कि इसे अनाथालय में छोड दे. मैं एक मीडिल कलाश फैमिली से हूँ. बीमारी की वजह से मैं भी कुछ दिन बाद आत्महत्या कर लूंगी. इस पत्र की पड़ताल करने पर उसके बारे में ईश्वर भाई से पूछा, तो पहले तो उससे अनभिज्ञता जाहिर की. राधिका कौन है यह मेरी जानकारी में नहीं हैं यह बताया. दम्पत्ति को राजकीय सम्प्रेक्षण एंव किशोर ग्रह सिरोही ले जाया गया व वहां पर भी पूछताछ में बच्चे के पास मिले पत्र के बारे में कोई जानकारी हासिल नहीं होना बताया और पुलिस को गुमराह करता रहा.

ऐसे हुआ पत्र का खुलासा 
आबूरोड़ थानाधिकारी मनोज कुमार चौहान द्वारा तसल्ली पूर्वक एंव मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की गई, तो बच्चे का पिता ईश्वर भाई टूट गया और बताया कि मैं ओटो रिक्शा चलाता हूँ, जिसमें मेरे को प्रतिमाह 16 से 17 हजार रूपये मासिक मिल जाते है. प्रति माह 18000 रुपये लोन किस्त के कटते है. प्रतिमाह 7000 रुपये मकान किराये के देने पडते है. बच्चे के स्कूल की फीस के प्रतिमाह 1500 रुपये देने पड़ते है. घर के खर्च सहित 30 से 32 हजार रुपये का कुल खर्च हो जाता है. इस वजह से आमदनी कम है व खर्चा ज्यादा होने के कारण परेशान रहने लगा. पत्नी बीमार होने से दोनों ने सोचा की दोनों मर जाते है.

टीवी सीरियल क्राइम पेट्रोल से आया आईडिया 
ईश्वर ने बताया कि में अक्सर टीवी पर क्राइम पेट्रोल सीरियल देखता हूँ, जिस पर पिछले 15-20 दिन पहले एक एपिसोड आया था, जिसमें राधिका नाम से पत्र लिखकर पुलिस को गुमराह किया जाता है. मैंने भी उसी की नकल कर ऐसा किया था कि बच्चे को अनाथालय से कोई ले लेगा व हमारी मौत के बाद मेरे बच्चों को मेरे दुर्घटना बीमा के 18 से 20 लाख रुपये मिल जाएंगे. पत्र का गुजराती से हिन्दी भाषा के लिए गुगल ट्रान्सलेट का उपयोग कर किया. इस पत्र को ईश्वर भाई द्वारा लिखकर पत्नी को बिना बताए बच्चे के पहने कपड़ों के पास रख दिया था. 

आत्महत्या करने का था इरादा 
दोनों पति पत्नी का गुजरात के पालनपुर में सुसाइड करने का इरादा था, परन्तु पत्नी ने बस में बैठने के बाद अपनी मां से बात की, तो सुनीता की मां ईश्वर को पालनपुर में मिलने पर उसे अहमदाबाद रवाना कर दिया व खुद अम्बा माताजी के दर्शन कर सुसाइड करने वाला था, लेकिन रात्रि में बच्चे की याद आने के कारण सुबह होते ही ईश्वर पिंडवाड़ा जाकर आबूरोड पहुंच कर बच्चे का पिता होने की बात कहता रहा.

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