Anupgarh News: अनूपगढ़ जिले के निरस्त करने के बाद से स्थानीय राजनीति में उबाल आ गया है. जिले को बहाल रखने की मांग के साथ वार्ड नंबर 15 के कांग्रेस के पार्षद और नेता प्रतिपक्ष दीपक गोयल, वार्ड 12 के निर्दलीय पार्षद राकेश सोनी, वार्ड 17 के निर्दलीय पार्षद सुखविंदर मक्कड़, वार्ड 18 के निर्दलीय राजू चलाना, वार्ड 21 के निर्दलीय पार्षद संजय अरोड़ा, वार्ड 22 के निर्दलीय पार्षद भूपेंद्र सिंह और वार्ड 26 की निर्दलीय पार्षद रीटा रानी ने अपने पदों से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है.
यह निर्णय मंगलवार देर शाम पार्षद राजू चलाना के प्रतिष्ठान पर हुई बैठक में लिया गया. पार्षदों ने कहा कि यह कदम जनता की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए उठाया है. उन्होंने कहा कि 13 दिसम्बर 2020 को अनूपगढ़ नगरपालिका में 15 वर्षों बाद भाजपा का बोर्ड बना था. नगर पालिका क्षेत्र के 35 वार्ड में से 18 वार्डों में भाजपा, 12 वार्डों में निर्दलीय और पांच वार्डों में कांग्रेस के पार्षद बने थे.
निर्दलीय पार्षदों में से कई पार्षदों ने नगरपालिका अध्यक्ष के चयन के दौरान भाजपा के पक्ष में मतदान दिया था लेकिन अब उन्होंने कहा कि जनता की भावनाएं सरकार के विरोध में है. इस विरोध को और ताकत देने के लिए जनता के हित को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि उनके अलावा अन्य 13 पार्षद भी इस फैसले के खिलाफ समर्थन देंगे.
पार्षदों का कहना है कि यदि सरकार ने अपना फैसला वापिस नहीं लिया, तो सामूहिक रूप से इस्तीफे की प्रक्रिया को अंजाम दिया जाएगा. जिससे बोर्ड में एक साथ 35 में से 20 पार्षद निकल जाएंगे. पार्षदों का कहना है कि जिले को बहाल करने के लिए वह हर संभव कदम उठाएंगे. इस मुद्दे को लेकर जनता के बीच भी रोष का माहौल है, और जल्द ही जो प्रदर्शन चल रहा है उसके और बड़े होने की संभावना है.
विरोध को और अधिक संगठित करने के लिए सभी पार्षद एक बैठक आयोजित करने की योजना बना रहे हैं. उनका उद्देश्य सरकार पर दबाव बनाकर अनूपगढ़ जिले को रद्द करने का निर्णय पलटवाना है.
रिपोर्टर- दीपक अग्रवाल