Sri Ganganagar News: खेतों में लगी गेहूं की 2851 किस्म की फसल इन दिनों पकाव पर है, बालियों में दाना बन चुका है. लेकिन कुछ खेतों में येलो रस्ट रोग की समस्या दिखाई दे रही है. किसानों का मानना है कि इससे फसल के उत्पादन में कमी आएगी. जानकारी के अनुसार जैतसर क्षेत्र के गांव 6 एलसी, कीकरवाली जोहड़ी, 3 बीजीएम के काश्तकार पेस्टीसाइड विक्रेताओं के पास पहुंच रहे हैं.
काश्तकारों ने बताया कि उनके द्वारा बिजान की गई गेहूं की किस्म 2851 में येलो रस्ट रोग का प्रकोप दिखाई दे रहा है. इस रोग में गेहूं के नीचे की तरफ लगा पता पीला हो जाता है, जिसके बाद बालियों तक पर्याप्त आहार नहीं पहुंचने से बालियों में दाना कमजोर रह जाता है. पेस्टीसाइड विक्रेता अरूण चुघ ने बताया कि इस संबंध में कुछ काश्तकार उनके पास आए थे व फंगस रोग को लेकर जानकारी दी थी.
पूर्व में कुछ काश्तकार फंगीसाइड रोग को रोकने क लिए कीटनाशक दवा लेकर गए थे. मौसम की प्रतिकूलता के कारण दवा का छिड़काव गेहूं फसल पर नहीं कर पाए. किसानों का मानना है कि इस रोग के कारण गेहूं की फसल में 50 से 90 किलों प्रति बीघा उत्पादन में कमी आ सकती है.
कृषि पर्यवेक्षक विक्रम सोलंकी व सहायक कृषि अधिकारी दिनेश बिश्नोई ने बताया कि अभी तक विभाग के पास इस तरह की सूचना नहीं आई है. किसान अब अगर कीटनाशक दवा का छिड़काव करता है तो इस रोग को बढ़ने से रोका जा सकता है. वहीं कृषि विभाग ने बिजान की गई 2851 किस्म के खेतों में जाकर बीमारी के प्रकोप को देखने की बात कही है.
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