Arvind Singh Mewar Passes Away: मेवाड़ के पूर्व राज परिवार से एक दुःखद खबर आ रही है, जिसमें बताया गया है कि पूर्व राज परिवार के वरिष्ठ सदस्य श्रीजी अरविंद सिंह मेवाड़ का निधन हो गया है. वह लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे और उनके निधन से मेवाड़ में शोक की लहर छा गई है. अरविंद सिंह मेवाड़ मेवाड़ राजवंश के एक प्रमुख सदस्य थे और उनके निधन से राजस्थान के राजनीतिक और सामाजिक हलकों में शोक की लहर दौड़ गई है.
उदयपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ का निधन हो गया. वह लंबे समय से बीमार थे और सिटी पैलेस के निवास में ही उनका इलाज चल रहा था. अरविंद सिंह मेवाड़ महाराणा भगवत सिंह मेवाड़ और सुशीला कुमारी मेवाड़ के छोटे बेटे थे. उनके बड़े भाई महेन्द्र सिंह मेवाड़ का निधन पिछले साल 10 नवंबर 2024 को हुआ था.
अरविंद सिंह मेवाड़ ने अपनी शिक्षा अजमेर के प्रतिष्ठित मेयो कॉलेज से प्राप्त की, जहाँ उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की. इसके बाद, उन्होंने उदयपुर के महाराणा भूपाल कॉलेज से कला में स्नातक की उपाधि प्राप्त की. इसके अलावा, उन्होंने यूके के सेंट एल्बंस मेट्रोपॉलिटन कॉलेज से होटल प्रबंधन में डिग्री भी प्राप्त की थी.
अरविंद सिंह ने अपने जीवनकाल में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं. उन्होंने अमेरिका में कुछ समय तक नौकरी की और एचआरएच ग्रुप ऑफ होटल्स के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में कार्य किया. इसके अलावा, वह महाराणा मेवाड़ फाउंडेशन ट्रस्ट, महाराणा मेवाड़ ऐतिहासिक प्रकाश ट्रस्ट और राजमाता गुलाब कुंवर चेरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष भी थे.
अरविंद सिंह मेवाड़ का निधन उदयपुर और मेवाड़ के लिए एक बड़ी क्षति है, जिन्होंने इन क्षेत्रों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया था. उन्हें उदयपुर के पर्यटन उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का श्रेय दिया जाता है, जो उनकी पर्यटन, संस्कृति और धरोहर संरक्षण के प्रति समर्पण का परिणाम था. सिटी पैलेस, जग मंदिर और मेवाड़ के अन्य ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही, जो उनकी विरासत के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है.
उनके निधन की खबर मिलते ही परिवार के सदस्यों, राजघराने से जुड़े लोगों और समर्थकों में शोक की लहर दौड़ गई. उदयपुर समेत पूरे मेवाड़ अंचल में उनके योगदान को याद किया जा रहा है, जो उनकी विरासत को जीवित रखेगा. अरविंद सिंह मेवाड़ का जाना उदयपुर और मेवाड़ के लिए एक बड़ी क्षति है, लेकिन उनकी विरासत और योगदान हमेशा याद रखे जाएंगे.