Rajnath Singh on Pakistan: नीदलैंड लगातार पाकिस्तान को युद्ध पोत, गश्ती पोत जैसे खतरनाक रक्षा उपकरण दे रहा है. इसको लेकर भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नीदरलैंड से कहा कि वो पाकिस्तान को हथियार ना दे. नई दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके नीदरलैंड के समकक्ष रूबेन ब्रेकलमैन्स के बीच हुई बैठक में यह मुद्दा प्रमुख रहा. भारत ने साफ कहा कि पाकिस्तान लंबे समय से सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और उसे हथियारों की आपूर्ति से दक्षिण एशिया की स्थिरता और सुरक्षा पर खतरा बढ़ सकता है.
नीदरलैंड ने पहले पाकिस्तान को दो अल्कमार-क्लास माइंसवेपर युद्धपोत दिए थे, जो वान डेर गिसेन-डे नूर्ड शिपयार्ड में बने थे. इसके अलावा, नीदरलैंड की कंपनी डैमन शिपयार्ड्स पाकिस्तान को 1900 टन वजनी बहुउद्देश्यीय गश्ती पोत भी प्रदान कर रही है. कई डच कंपनियां पाकिस्तान के साथ सैन्य क्षेत्र, विशेष रूप से नौसेना क्षेत्र में सहयोग कर रही हैं.
इसी को लेकर राजनाथ सिंह ने मीटिंग में बताया कि भारत जम्मू-कश्मीर और अन्य हिस्सों में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का वर्षों से सामना कर रहा है. उन्होंने कहा कि भारत अपने सभी मित्र देशों से अपील करता है कि वे पाकिस्तान को किसी भी तरह की सैन्य सहायता न दें, क्योंकि उसका सरकारी रवैया ही आतंकवाद को बढ़ावा देने का है. मुलाकात के बाद राजनाथ सिंह ने कहा कि वह नीदरलैंड के युवा और ऊर्जावान रक्षा मंत्री से मिलकर खुश हैं और दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और गहरा करने की उम्मीद करते हैं.
Delighted to meet the young and dynamic Defence Minister of Netherlands, Mr. Ruben Berkelmans in New Delhi. We reviewed the full range of India-Netherlands defence cooperation.
We look forward to further deepen and elevate our defence partnership. The areas of our discussion… pic.twitter.com/S4x1bXk81n
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) March 18, 2025
भारत और नीदरलैंड ने अपनी मीटिंग में रक्षा, सुरक्षा, सूचना साझा करने, समुद्री सहयोग और नई तकनीकों जैसे AI और ड्रोन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर रजामंदी जाहिर की है. दोनों देशों ने जहाज बनाने, रक्षा उपकरण और अंतरिक्ष क्षेत्र में भी मिलकर काम करने की संभावनाओं पर गौर किया है. भारत ने नीदरलैंड की रक्षा कंपनियों से भारतीय विक्रेताओं को अपनी आपूर्ति श्रृंखला में शामिल करने का आग्रह किया.
भारत ने हाल ही में आतंकवाद और सिख अलगाववाद के खिलाफ अपने कूटनीतिक कोशिशें तेज कर दी हैं. क्योंकि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोमवार को न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन से वहां के खालिस्तानी समर्थकों पर सख्त कार्रवाई करने की अपील की थी. इसी तरह राजनाथ सिंह ने अमेरिकी खुफिया निदेशक तुलसी गैबार्ड से कहा कि अमेरिका को भारत में प्रतिबंधित संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (SFJ) को विदेशी आतंकी संगठन ऐलान करना चाहिए.
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