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INS Vikrant: अगर पाकिस्‍तान बातचीत करना चाहता है...राजनाथ सिंह ने रखी एकदम सीधी डिमांड

Operation Sindoor: राजनाथ सिंह ने कहा कि 1971 इसका गवाह है कि जब भारतीय नौसेना हरकत में आई थी, तो पाकिस्तान एक से दो हो गया था. अगर ऑपरेशन सिंदूर में, भारतीय नौसेना अपने फॉर्म में आई होती तो पाकिस्तान के दो टुकड़े ही न होते बल्कि मैं समझता हूं शायद चार टुकड़े हो जाते.

INS Vikrant: अगर पाकिस्‍तान बातचीत करना चाहता है...राजनाथ सिंह ने रखी एकदम सीधी डिमांड
Atul Chaturvedi|Updated: May 30, 2025, 03:05 PM IST
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि 1971 इसका गवाह है कि जब भारतीय नौसेना हरकत में आई थी, तो पाकिस्तान एक से दो हो गया था. अगर ऑपरेशन सिंदूर में, भारतीय नौसेना अपने फॉर्म में आई होती तो पाकिस्तान के दो टुकड़े ही न होते बल्कि मैं समझता हूं शायद चार टुकड़े हो जाते. रक्षा मंत्री ने शुक्रवार को गोवा के तट से कुछ ही दूरी पर आईएनएस विक्रांत पर यह बात कही. इसके साथ ही उन्होंने कहा, ''मैं यह बात फिर से बेहद दृढ़ता से कहना चाहता हूं कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है. यह सिर्फ एक विराम है, एक चेतावनी. अगर पाकिस्तान ने फिर वही गलती की तो भारत का उत्तर और भी कठोर होगा, और इस बार, उसे संभलने का मौका नहीं मिलेगा.''

रक्षा मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक मिलिट्री एक्शन नहीं है बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत का फ्रंटल असॉल्ट है. हम आतंकवाद के खिलाफ हर उस तरीके का इस्तेमाल करेंगे जो पाकिस्तान सोच सकता है, मगर हम उन तरीकों का इस्तेमाल करने में भी संकोच नहीं करेंगे, जो पाकिस्तान सोच भी नहीं सकता है. रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारी फोर्स की फॉरवर्ड तैनाती के साथ-साथ विक्रांत कैरियर बैटल ग्रुप की फोर्स प्रोजेक्शन ने भी हमारे इरादे और क्षमता का प्रभावी संकेत दिया.

हाफिज सईद और मसूद अजहर को सौंपना होगा
रक्षा मंत्री ने कहा कि आपकी इस मजबूत तैयारी ने दुश्मन के हौसले को पहले ही पस्त कर दिया. पाकिस्तान के लिए आपकी तैयारी मात्र ही बहुत थी. आपको तो एक्शन की जरूरत ही नहीं पड़ी, आपकी तैयारी से ही दुश्मन सकते में आ गया. पाकिस्तान ने भारतीय नौसेना की प्रचंड शक्ति, उसकी सैन्य सूझबूझ और विध्वंसक क्षमताओं को न सिर्फ महसूस किया, बल्कि वह उससे भयभीत भी हुआ. रक्षा मंत्री ने कहा कि हाफिज सईद 'मुंबई हमलों' का गुनहगार है. समुंदर के रास्ते मुंबई में मौत बरसाने का जो गुनाह उसके संगठन ने किया है, उसका इंसाफ होना चाहिए. यह काम पाकिस्तान में नहीं हो सकता है. मुंबई हमलों के एक आरोपी तहव्वुर राणा को पिछले दिनों भारत लाया गया है. पाकिस्तान की ओर से बार-बार बातचीत की पेशकश की जा रही है. कल ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने फिर यह बात दोहराई है, मगर भारत ने साफ कह रखा है कि बात होगी, तो आतंकवाद पर होगी, पीओके पर होगी. अगर पाकिस्तान बातचीत को लेकर गंभीर है, तो उसे हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों को भारत के सुपुर्द करना चाहिए ताकि इंसाफ किया जा सके.

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आईएनएस विक्रांत
गौरतलब है कि आईएनएस विक्रांत भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत है. इस भारतीय एयरक्राफ्ट कैरियर में फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर दोनों ही हैं. एयरक्राफ्ट कैरियर में 30 से ज्यादा एयरक्राफ्ट आ सकते हैं. यहां मौजूद रक्षा मंत्री ने कहा, “हमने पाकिस्तान के आतंकी अड्डे और उसके इरादों को ध्वस्त कर दिया. हमारा प्रहार इतना तगड़ा था, कि पाकिस्तान पूरी दुनिया से भारत को रोकने की गुहार लगाने लग गया. अंत में हमने अपनी शर्तों पर, मैं फिर दोहरा रहा हूँ, हमने अपनी शर्तों पर अपने सैन्य एक्शन को रोका है. अभी तो हमारी सेनाओं ने अपनी आस्तीनें पूरी मोड़ी भी नहीं थी, अभी तो हमने अपना पराक्रम दिखाना शुरू भी नहीं किया था. आज आईएनएस विक्रांत पर, अपने नौसैनिक योद्धाओं के बीच आकर मुझे बड़ी ख़ुशी हो रही है. जब मैं भारत की समुद्री शक्ति के गौरव, आईएनएस विक्रांत पर खड़ा हूं, तो मेरे अंदर खुशी के साथ-साथ एक गर्व और विश्वास का भाव भी है, कि जब तक राष्ट्र की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा आपके मजबूत हाथों में है, तब तक भारत को कोई तिरछी निगाहों से देख नहीं सकता.”

रक्षा मंत्री ने कहा, “मैं आप सभी को, ऑपरेशन की सफलता पर बधाई देता हूँ. पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के बाद, जब भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, तो हमारे सशस्त्र बलों ने जिस गति, गहराई और स्पष्टता के साथ कार्रवाई की, वह अद्भुत था. उसने न केवल आतंकवादियों को, बल्कि उन्हें पालने-पोसने वाले सरपरस्तों को भी स्पष्ट संदेश दे दिया, कि भारत अब सहन नहीं करता, भारत अब सीधा जवाब देता है. इस पूरे ऑपरेशन में नौसेना की भूमिका गौरवशाली रही है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जब वायु सेना ने पाकिस्तान की धरती पर आतंक के अड्डों को ध्वस्त किया, तब अरब सागर में आपकी आक्रामक तैनाती, बेजोड़ समुद्री डोमेन जागरूकता और समुद्री वर्चस्व ने पाकिस्तानी सेना को उसके ही तटों के पास सीमित कर दिया. वे खुले समुद्र में आने का साहस तक नहीं जुटा सके.” 

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रक्षा मंत्री ने बताया कि समुद्र में तैनात हमारे पश्चिमी फ्लीट शिप्स ने आतंकवादी हमले के 96 घंटों के भीतर, पश्चिमी और पूर्वी तट पर सर्फेस टू सर्फेस और सर्फेस टू एयर मिसाइल्स और टॉरपीडो से कई सफल फायरिंग की, जो हमारे प्लेटफॉर्म, सिस्टम और चालक दल की युद्ध तैयारियों को दिखाता है. इन लंबी दूरी के हमलों ने दुश्मन के खिलाफ हमारी तैयारियों को भी दिखाया.

रक्षा मंत्री ने कहा कि आज वह यहां केवल रक्षा मंत्री के नाते नहीं आए हैं बल्कि यहां एक कृतज्ञ भारतीय के रूप में आए हैं. उन्होंने कहा, मैं आपके समर्पण को नमन करने, आपके शौर्य को सराहने और आपके परिश्रम को सलाम करने आया हूँ. वैसे भी 'विक्रांत' का अर्थ ही होता है — अदम्य साहस, और अपराजेय शक्ति. आज आप सभी जांबाजों के बीच खड़े होकर, मैं इस नाम के अर्थ को साकार होता देख रहा हूं. आपकी आँखों में जो दृढ़ता है, उसमें भारत की असली शक्ति झलकती है. रक्षा मंत्री ने कहा कि आज हम एक ऐसे युग में हैं, जहाँ युद्ध सिर्फ गोलियों और बमों से नहीं लड़े जाते, बल्कि साइबर स्पेस, टाटा डोमिनेंस और स्ट्रैटेजिक डिटेरेंस से भी लड़े जाते हैं. मैं यह गर्व से कह सकता हूँ, कि हमारी नौसेना इन सभी क्षेत्रों में मजबूती से आगे बढ़ रही है. भारतीय नौसेना आज सिर्फ हिंद महासागर की प्रहरी नहीं है, बल्कि एक रणनीतिक ताकत बन चुकी है.

उन्होंने कहा, मैं इस अवसर पर यह भी कहना चाहूंगा कि इस ऑपरेशन की एक खासियत यह भी थी, कि हमारी तीनों सेनाओं ने बेहतरीन तालमेल दिखाया. विभिन्न मंत्रालयों और सरकारी एजेंसियों के साथ समन्वय भी बहुत ही अच्छा रहा.

(इनपुट: एजेंसी आईएएनएस के साथ)

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