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PoK पर बोलते हुए राजनाथ सिंह ने क्यों लिया महाराणा प्रताप के भाई का नाम? कहा- खुद आएगा...

Rajnath Singh on POK: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एक बार फिर से दोहराया है कि पीओके भारत का ही अंग है. देर-सबेर वो लौटेगा. दिल्ली के एक कार्यक्रम में राजनाथ ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र कर बताया कि भारत अब दुश्मन के किसी भी सुरक्षा कवच को भेजने की कुव्वत रखता है. 

Maharana Pratap
Maharana Pratap
Rahul Vishwakarma|Updated: May 29, 2025, 04:49 PM IST
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Operation Sindoor: 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिए भारत ने दुनिया को बता दिया है कि उसकी सरजमीं पर आतंक फैलाने का अंजाम क्या होता है. भारत के इस एक्शन के बाद से एक बार फिर से PoK को वापस लेने की मांग तेज हो गई है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने फिर हुंकार भरी है कि आज नहीं तो कल, PoK हमारा होगा. वहां के लोग हमारे परिवार का ही हिस्सा हैं. PoK और भारत के लोगों का रिश्ता समझाने के लिए राजनाथ ने महाराणा प्रताप सिंह और उनके छोटे भाई शक्ति सिंह का उदाहरण दिया.  

दिल्ली में गुरुवार को CII की एक बैठक में राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवाद का कारोबार चलाना 'कॉस्ट इफेक्टिव' नहीं है, बल्कि इसकी एक भारी कीमत अदा करनी पड़ सकती है. इसका अंदाजा आज पाकिस्तान को हो चुका है. ऑपरेशन सिंदूर में पूरे देश ने मेक इन इंडिया अभियान की सफलता को देखा, समझा और महसूस किया है. 

PoK हमारे परिवार का हिस्सा 

राजनाथ ने कहा कि मैं मानता हूं कि पाक PoK के लोग हमारे अपने हैं, हमारे परिवार का हिस्सा हैं. हम एक भारत श्रेष्ठ भारत के संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं. हमें यकीन है कि हमारे वो भाई जो आज हमसे भौगोलिक और राजनीतिक रूप से अलग हैं, वे भी अपने स्वाभिमान, आत्मा की आवाज और स्वेच्छा से भारत की मुख्य धारा में कभी न कभी जरूर लौटेंगे. वहां के लोग भारत के साथ गहरा जुड़ाव महसूस करते हैं. कुछ गिने-चुने लोग ही हैं, जिन्हें भटकाया गया. 

महाराणा प्रताप का जिक्र कर बताया संबंध

भारत और PoK के संबंध कैसा है, इसका उन्होंने उदाहरण देते हुए जिक्र किया. उन्होंने कहा कि PoK में रहने वाले हमारे इन भाइयों की स्थिति कुछ ऐसी ही है, जैसे वीर योद्धा महाराणा प्रताप के छोटे भाई शक्ति सिंह की थी. छोटे भाई शक्ति सिंह के अलग हो जाने पर भी बड़े भाई महाराणा प्रताप का विश्वास अपने छोटे भाई के प्रति बना रहता है और वो बड़े विश्वास से कहते हैं- 

'तब कुपंथ को छोड़ सुपथ पर स्वयं चला आएगा... 
मेरा ही भाई है, मुझसे दूर कहां जाएगा...

रक्षा मंत्री ने कहा कि हमें विश्वास है कि प्रेम, एकता और सत्य के मार्ग पर चलकर वो दिन दूर नहीं जब हमारा ही अंग पीओके स्वयं लौटकर कहेगा, मैं भारत ही हूं, मैं वापस आया हूं. पीओके की भारत से एकजुटता इस देश की सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक समृद्धि पर निर्भर करती है. 

ऑपरेशन सिंदूर पर बोले- हम और भी बहुत कुछ कर सकते थे...

ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए राजनाथ ने कहा कि आपने देखा कि किस तरह, हमने पहले आतंकी ठिकानों को, और उसके बाद दुश्मन के सैन्य अड्डों, एयरबेस को तबाह किया. हम और भी बहुत कुछ कर सकते थे, लेकिन शक्ति और संयम, इन दोनों के समन्वय का हमने दुनिया के सामने शानदार उदाहरण रखा. भारत की बढ़ती ताकत का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा, अनमैन सिस्टम और स्पेस सिक्योरिटी में भारत का लोहा दुनिया मानने लगी है.  

(ये भी पढ़ें- पहलगाम हमले से सहमे कश्मीर को इस बार भोले के भक्तों से बहुत उम्मीदें, क्या अमरनाथ यात्रा से होगा करिश्मा?)

 

AMCA को मंजूरी बेहद निर्णायक कदम

उन्होंने कहा कि देश की राष्ट्रीय सुरक्षा में मेक इन इंडिया अनिवार्य तत्व है. भारत की सेनाओं ने पाकिस्तान के निचले हिस्से से लेकर पाक अधिकृत कश्मीर तक आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई कर यह बता दिया है. रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए अभी दो दिन पहले ही 5वीं जनरेशन के फाइटर एयरक्राफ्ट एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट प्रोग्राम (AMCA) के प्रोटोटाइप मॉडल को बनाने की मंजूरी दे दी है. यह बेहद निर्णायक कदम है, जो भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूती देने के साथ-साथ देश में एयरोस्पेस सेक्टर को नई ऊंचाई प्रदान करेगा.

AMCA प्रोजेक्ट में पांच प्रोटोटाइप विकसित करने की योजना है, जिसका बाद में सीरीज प्रोडक्शन होगा. उन्होंने कहा कि यह निर्णय मेक इन इंडिया प्रोग्राम के इतिहास में एक मील का पत्थर माना जाना चाहिए क्योंकि पहली बार किसी मेगा डिफेंस प्रोजेक्ट में पब्लिक सेक्टर कंपनियों के साथ-साथ प्राइवेट सेक्टर को भी भागीदारी का मौका मिलेगा.

दुश्मन के किसी भी कवच को भेदने की हमारे पास ताकत

रक्षा मंत्री ने कहा कि आज हम सिर्फ लड़ाकू विमान या मिसाइल सिस्टम नहीं बना रहे, बल्कि हम न्यू ऐज वॉरफेयर टेक्नोलॉजी के लिए भी तैयार हो रहे. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पूरी दुनिया को चौंकाते हुए हमने यह साबित किया है कि हम दुश्मन के किसी भी कवच को भेदने की ताकत रखते हैं. आज देश में 16,000 से अधिक एमएसएमई रक्षा क्षेत्र से जुड़े हैं. हमारा रक्षा निर्यात जो दस साल पहले हजार करोड़ रुपए से भी कम था, वह आज 23,500 करोड़ तक पहुंच गया है. आज सिर्फ हथियार नहीं, बल्कि हमारे सिस्टम, सब सिस्टम, कंपोनेंट और सर्विस भी दुनिया के 100 से ज्यादा देशों तक पहुंच रही हैं. राजनाथ ने कहा कि 10-11 साल पहले, जहां हमारा रक्षा उत्पादन 43,746 करोड़ रुपए था, वहीं आज यह 1,46,000 करोड़ रुपए के रिकॉर्ड आंकड़े को पार कर चुका है. इसमें 32,000 करोड़ रुपए से अधिक का योगदान निजी क्षेत्र का रहा है.

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