Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार 12 अप्रैल 2025 को प्रवीण परदेशी को अपना नया चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर नियुक्त करने का ऐलान किया. इतना ही नहीं उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा भी दिया गया. प्रवीण परदेशी इससे पहले महाराष्ट्र इंस्टीट्यूट आफ ट्रांसफार्मेशन ( MITRA) के CEO रह चुके हैं. मुख्य आर्थिक सलाहकार की नियुक्ति पर अब विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है. विपक्ष का कहना है कि इसके जरिए मुख्यमंत्री वित्त विभाग में घुसपैठ कर रही है. पहले वह एकनाथ शिंदे के पीछे पड़े थे अब अजित पवार की बारी है.
वित्त विभाग में दखल कर रहे मुख्यमंत्री
NCP (शरद पवार) के विधायक रोहित पवार ने कहा कि एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री रहते हुए उनके ढाई साल के कार्यकाल के सभी फैसलों की समीक्षा करने के बाद अब अजित पवार की बारी है. भविष्य में वित्त विभाग का हर नीतिगत और प्राशसनिक फैसला अब सीएम के अधिकार में होगा. बता दें कि महाराष्ट्र में महायुति सरकार के बीच सबकुछ ठीक नहीं है. बीते दिनों अमित शाह के महाराष्ट्र दौरे पर डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने गृहमंत्री से मुलाकात कर पवार, फडणवीस और उनके बीच बढ़ती दरारों को लेकर बात की. वहीं उन्होंने पार्टी के मंत्रियों के काम में मुख्यमंत्री के ऑफिस के लगातार दखल की शिकायत भी की थी. ऐसे में मुख्यमंत्री का यह फैसला भी अजित पवार के वित्त विभाग में दखल बताया जा रहा है.
'अजित पवार के मंत्रालय में घुसपैठ की...'
NCP (शरद पवार) के विधायक और शरद पवार के पौत्र रोहित पवार ने अपने सोशल मीडिया हैंडल 'X'पर एक पोस्ट शेयर किया है. पोस्ट में रोहित ने लिखा,' मुख्यमंत्री ने राज्य मंत्री के दर्जे वाला मुख्यमंत्री का मुख्य आर्थिक सलाहकार पद बनाकर अजित पवार के फाइनेंस डिपार्टमेंट में घुसपैठ की है. अब से वित्त विभाग के सभी नीतिगत फैसले और प्रशासनिक फैसले भी CEA के जरिए सीएम के अधिकार क्षेत्र में आएंगे.'
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'तानाशाही कार्यशैली का है हिस्सा...'
विधायक रोहित पवार ने कहा कि मौजूदा मुख्यमंत्री केवल तानाशाही वाले व्यवहार की तरफ झुके हैं. यह नियुक्ति भी उनकी इस कार्यशैली का हिस्सा है. वहीं NCP के मुख्य प्रवक्ता और पूर्व लोकसभा सांसद आनंद पराजे ने इसको लेकर कहा,' सीएम हमेशा सरकार की कमान संभालते हैं और उनके पास नियुक्ति करने का पूरा अधिकार होता है. वहीं इस पद की नियुक्ति से पहले भी सीएम के पास वित्त विभाग की ओर से लिए गए हर निर्णय की समीक्षा करने का अधिकार था. ऐसे में हम इसे घुसपैठ के रूप में नहीं देखते हैं.'
भरोसेमंद माने जाते हैं प्रवीण परदेसी
बता दें कि प्रवीण परदेसी को देवेंद्र फडणवीस के कार्यकाल से ही उनके सबसे भरोसेमंद अफसरों में माना जाता है. परदेसी को साल 2047 का विजन तैयार करने का काम सौंपा गया है. यह राज्य के लॉन्ग टर्म इकोनॉमिक पॉलिसी का हिस्सा है. वह राज्य मंत्रिमंडल के सामने सीएम की तरफ से प्रदेश की आर्थिक स्थिति की तिाही समीक्षा पेश करेंगे. इसके साथ ही वे कई योजनाओं को लेकर अधिकारियों की बैठक भी बुलाएंगे.
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