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महाराष्ट्र-दिल्ली के बाद ममता के किले की फतह की तैयारी, एक्टिव हुआ RSS; मोहन भागवत ने संभाली हिंदूओं को जगाने की कमान

Bardhaman News: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने पश्चिम बंगाल में एक रैली को संबोधित करते हुए विविधता में एकता पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि हमें हिंदू समाज को एकजुट और संगठित करने की जरूरत है. 

महाराष्ट्र-दिल्ली के बाद ममता के किले की फतह की तैयारी, एक्टिव हुआ RSS; मोहन भागवत ने संभाली हिंदूओं को जगाने की कमान
Abhinaw Tripathi |Updated: Feb 16, 2025, 03:46 PM IST
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Bardhaman News: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत अपने बेबाक बयानों के लिए पूरे देश में चर्चित हैं. महाराष्ट्र-दिल्ली के विधानसभा चुनाव में RSS ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. जिसकी बदौलत दोनों राज्यों में भाजपा ने वापसी की थी. अब मोहन भागवत और RSS की निगाहें पश्चिम बंगाल पर है. यहां पर एक रैली को संबोधित करते हुए RSS प्रमुख ने विविधता में एकता पर जोर दिया और कहा हमें हिंदू समाज को एकजुट और संगठित करने की जरूरत है. 

विविधता में एकता पर जोर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने दुनिया की विविधता को अपनाने के महत्व पर जोर देते हुए रविवार को कहा कि हिंदू समाज का मानना ​​है कि एकता में ही विविधता समाहित है. बर्धमान के साई ग्राउंड में आरएसएस के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि हिंदू समाज में एकता की जरूरत है और अच्छे समय में भी चुनौतियां बनी रहेंगी. उन्होंने कहा, "हमें हिंदू समाज को एकजुट और संगठित करने की जरूरत है.समस्याओं की प्रकृति क्या है इसके बजाए यह महत्व रखता है कि हम उनका सामना करने के लिए कितने तैयार हैं. 

ऐसे मिली रैली की अनुमति
बता दें कि पश्चिम बंगाल पुलिस ने पहले रैली आयोजित करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद कलकत्ता उच्च न्यायालय से मंजूरी मिलने के बाद रैली आयोजित की जा रही है. भागवत ने कहा कि देश का निर्माण अंग्रेजों ने नहीं किया था. उन्होंने कहा कि भारत एकजुट नहीं है, यह भावना अंग्रेजों ने लोगों के मन में डाली थी. 

 प्रतीकात्मक महत्व पर डाला था प्रकाश 
आरएसएस प्रमुख ने व्यक्ति और राष्ट्र के विकास के लिए समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व के महत्व पर भी बल दिया और राष्ट्रीय ध्वज पर 'धम्मचक्र' (धर्म का पहिया) के प्रतीकात्मक महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को वैयक्तिकता के प्रति सम्मान और दमन से मुक्ति के साथ आगे बढ़ने का अवसर मिलना चाहिए. भागवत ने कहा, "हम चाहते हैं कि व्यक्ति आगे बढ़े और इसके लिए हमें स्वतंत्रता व समानता की आवश्यकता है. किसी को दबाया नहीं जाना चाहिए. सभी को अवसर मिलना चाहिए और भाईचारे के साथ लोग आगे बढ़ेंगे और समाज में अपनी सफलता का प्रसार करेंगे. (भाषा)

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