S Jaishankar slams Justin Trudeau govt: इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने कहा था कि भारत रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करने में अहम भूमिका निभा सकता है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और रूस के राष्ट्रपति पुतिन से जबसे जंग में भारत के पीएम मोदी ने मुलाकात की तबसे पूरी दुनिया को एक अलग तरह का संदेश गया कि नया वाला भारत असल में क्या है. तभी तो आज पूरी दुनिया भारत की तरफ एक आशा के तौर पर देख रही है.
भारत की तरफ लोग देश रहे
पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में इसी बात को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पदभार संभालने के बाद से पश्चिम एशियाई देशों के साथ भारत के संबंधों में उल्लेखनीय बदलाव आया है. जयशंकर ने कहा कि दुनिया भारत आ रही है क्योंकि भारत में अवसर हैं. हमें अपने राष्ट्रीय हितों को आगे रखने में संकोच नहीं करना चाहिए.
यूक्रेन और रूस से बात करने की किसके पास क्षमता?
कितने देशों में यूक्रेन और रूस जाकर राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात करने की क्षमता है? दुनिया को भारत से अपेक्षाएं हैं. किसी को तो कुछ करना ही होगा, आखिर युद्ध कब तक चलता रहेगा. दुनिया ने कभी इतना अद्भुत G20 नहीं देखा होगा (जिसकी मेजबानी भारत ने की) और दुनिया इसे याद रखेगी.
कनाडा की खुलकर निंदा
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को कनाडा के मामले पर भी बात की और कहा कि भारत ने कनाडा में संगठित अपराध के मुद्दे को सबसे पहले उठाया था, लेकिन लंबे समय तक वहां इस मुद्दे को नजरअंदाज किया गया. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्रूडो सरकार द्वारा भारतीय उच्चायुक्त और राजनयिकों को निशाना बनाए जाने की आलोचना भी की.
भारत हमेशा अपनी अखंडता के लिए लड़ेगा
जयशंकर ने कहा कि जब बात भारत के राष्ट्रीय हित, अखंडता और संप्रभुता की आएगी तो भारत स्पष्ट रूप से कड़ा रुख अपनाएगा. जयशंकर ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘कनाडा सरकार ने जिस तरह हमारे उच्चायुक्त और राजनयिकों को निशाना बनाया, हम उसकी पूरी तरह से निंदा करते हैं.’’
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘मुद्दा यह है कि वहां कुछ ऐसे लोग हैं जिन्होंने खुद को एक बड़ी राजनीतिक ताकत बना लिया है. दुर्भाग्य से उस देश की राजनीति उस राजनीतिक समूह को कुछ हद तक एक ऐसा स्थान दे रही है, जो न केवल हमारे लिए और हमारे संबंधों के लिए हानिकारक है, बल्कि मैं यह भी कहूंगा कि यह कनाडा के लिए भी नुकसानदेह है.’’
कनाडा ने कर दी गलती
न्होंने कहा कि भारत ने सबसे पहले कनाडा में संगठित अपराध की मौजूदगी का मुद्दा उठाया था. विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘हम उन्हें बता रहे थे और वे सुन नहीं रहे थे....’’ जयशंकर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह एक विशेष राजनीतिक चरण या राजनीतिक ताकतों के समूह का मुद्दा है. हम निश्चित रूप से आशा करते हैं कि अधिक समझदारी, अधिक संयमित, अधिक जिम्मेदार रुख सामने आएगा.’’
पुतिन ने भी मानी भारत की ताकत
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, पुतिन ने कहा था कि भारत, चीन या ब्राजील दोनों देशों के बीच मध्यस्थता कर सकते हैं. रूस के शहर व्लादिवोस्तोक में ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम (EEZ) में बातचीत के दौरान पुतिन ने कहा था कि 2022 में जब जंग शुरू हुई थी, तब तुर्किये ने दोनों देशों के बीच समझौता कराने की कोशिश की थी. हालांकि, उन शर्तों को कभी लागू नहीं किया गया था. अब नए सिरे से बातचीत शुरू करने के लिए पिछली कोशिश को आधार बनाया जा सकता है. जिसमें भारत विशेष भूमिका निभा सकता है.
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