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UP विधानसभा में सपा ने अपने ही विधायक को छोड़ा अकेला? क्या है इसके पीछे की स्टोरी

UP Assembly Winter Session: उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान समाजवादी पार्टी के विधायकों ने बागी विधायक पल्लवी पटेल का साथ नहीं दिया.

UP विधानसभा में सपा ने अपने ही विधायक को छोड़ा अकेला? क्या है इसके पीछे की स्टोरी
Sumit Rai|Updated: Dec 18, 2024, 02:35 PM IST
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उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र अब तक काफी हंगामेदार रहा है. इस बीच सिराथू से समाजवादी पार्टी की बागी विधायक पल्लवी पटेल ने योगी सरकार के मंत्री आशीष पटेल पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने दावा किया है कि आशीष पटेल के विभाग में आरक्षण को लेकर बड़ा घोटाला हुआ है. इसको लेकर पल्लवी पटेल विधानमंडल परिसर में चौधरी चरण सिंह की मूर्ति के पास धरने पर बैठ गईं. बता दें कि पल्लवी पटेल अपना दल कमेरावादी की नेता हैं और साल 2022 के चुनाव में सिराथू से सपा के सिंबल पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची हैं.

पल्लवी पटेल को नहीं मिला सपा विधायकों का साथ

पल्लवी पटेल के धरने पर बैठने के दौरान एक अजीब चीज देखने को मिली और उनको अपनी ही पार्टी (सपा) के विधायकों का साथ नहीं मिला. बता दें कि इस साल फरवरी में राज्यसभा सीटों के चुनाव में पल्लवी पटेल ने सपा प्रत्याशियों के चयन पर आपत्ति जताई थी, लेकिन बाद में उनकी नाराजगी दूर हो गई थी और उन्होंने सपा के पक्ष में किया था. फिर लोकसभा चुनाव के दौरान पल्लवी पटेल ने अखिलेश यादव के पीडीए की रणनीति से अलग अपना पीडीएम बनाया. उन्होंने सपा से अलग चुनाव लड़ा. इसके बाद से ही अखिलेश यादव और पल्लवी पटेल के बीच नाराजगी चल रही है.

अब उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान जब पल्लवी पटेल ने यूपी सरकार के मंत्री आशीष पटेल के खिलाफ आवाज उठाया तो समाजवादी पार्टी के विधायकों का उनका साथ नहीं दिया. तकनीकी शिक्षा विभाग में कथित अनियमितताओं के खिलाफ जांच की मांग को लेकर सोमवार देर रात तक विधानसभा परिसर में धरने पर बैठने के बाद पल्लवी पटेल ने मंगलवार को आरोप लगाया कि वादा किए जाने के बावजूद उन्हें सदन में यह मामला उठाने की अनुमति नहीं दी गई.

पल्लवी पटेल ने आशीष पटेल पर क्या आरोप लगाए?

बता दें कि पल्लवी पटेल केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की बड़ी बहन हैं. अनुप्रिया के पति आशीष पटेल राज्य के तकनीकी शिक्षा मंत्री हैं. तकनीकी शिक्षा विभाग में अनियमितताओं के गंभीर आरोप हैं. आरोप है कि आशीष पटेल के अधीन तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में विभागाध्यक्षों की सीधी भर्ती के बजाय कॉलेजों में कार्यरत व्याख्याताओं को पदोन्नत कर विभागाध्यक्ष बना दिया गया है. आरोप यह भी है कि अगर सीधी भर्ती से पद भरे जाते तो पिछड़े और दलित वर्ग के अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ मिलता, लेकिन कथित तौर पर पदोन्नति के कारण उन्हें वंचित कर दिया गया.

भविष्य की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर पल्लवी ने कहा कि वह अपनी रणनीति तैयार करेंगी. उन्होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि हाई कोर्ट इस मामले का स्वत: संज्ञान ले, जो गंभीर प्रकृति का है.' अपना दल (सोनीलाल) के वरिष्ठ नेता आशीष पटेल ने पूर्व में आरोप लगाया था कि शिक्षकों की पदोन्नति में कथित अनियमितताओं को लेकर उनकी राजनीतिक रूप से 'हत्या' करने की साजिश रची जा रही है. पटेल ने यह भी कहा कि जिस दिन उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आदेश मिलेगा, वह बिना किसी देरी के अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी भाषा)

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