Sandeshkhali Case West Bengal: कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने संदेशखाली घटना की सीबीआई (CBI) जांच के आदेश दे दिए हैं. कलकत्ता हाईकोर्ट ने इसी के साथ पश्चिम बंगाल की राज्य सरकार को भी इस मामले में अपनी तरफ से हर सहयोग करने के निर्देश दिए हैं. आज हाईकोर्ट ने कहा, 'पश्चिम बंगाल की राज्य सरकार को हरसंभव सहायता देनी होगी. वहां के लोग अपनी शिकायतें सीधे सीबीआई को बता सकते हैं. सीबीआई को पोर्टल बनाने काश निर्देश. अब केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई संदेशखाली में जमीन हड़पने, रेप, कृषि भूमि को भेड़ी के नाम करने समेत सभी आरोपों की जांच करेगी. यह जांच कोर्ट की निगरानी में होगी.
दो मई को अगली सुनवाई
इसके साथ ही अदालत ने प्रभावित क्षेत्र में 15 दिन के अंदर सीसीटीवी (CCTV) लगाने के निर्देश दिए हैं. 15 दिन के अंदर इलाके में एलईडी (LED) लाइटें लगाने और मामले की सभी गवाहों को सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश भी हाईकोर्ट ने दिया है. हाईकोर्ट में अब इस केस की अगली सुनवाई 2 मई को होगी. संदेशखाली लगातार सुर्खियों में है. पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में बीते मंगलवार यानी 9 अप्रैल की सुबह एक पुलिस शिविर पर बदमाशों ने हमला किया था. इस वारदात में एक कांस्टेबल गंभीर रूप से घायल हो गया. उसकी हालत अभी तक गंभीर बनी हुई है.
CBI को मिली स्पेशल पावर
एक महत्वपूर्ण याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि सीबीआई संदेशखाली मामले की जांच के लिए राज्य सरकार के किसी भी रैंक के व्यक्ति को बुला सकेगी. सीबीआई की टीम भी उस दिन अपनी एक रिपोर्ट कोर्ट में सौपेगी.
संदेशखाली में क्या हुआ था?
पश्चिम बंगाल (West Bengal) का उत्तर 24 परगना जिले का संदेशखाली बीते चार महीनों से लगातार सुर्खियों में है. संदेशखाली की महिलाओं ने TMC के नेता शाहजहां शेख और उसके आदमियों पर बलात्कार और जमीन कब्ज़ा करने के गंभीर आरोप लगाए थे. उसी दौरान TMC नेता शाहजहां शेख के ठिकाने पर रेड डालने पहुंचे ED के अधिकारियों पर भीड़ ने हमला किया था. उस दौरान जांच एजेंसी के एक अफसर का सिर फट गया. 5 जनवरी को संदेशखाली की घटना ने पूरे देश की सुर्खियां बटोरी थीं.
ममता बनर्जी इस मामले की जांच सीआईडी से कराना चाहती थीं. बीजेपी केंद्रीय एजेंसी से कराने की मांग कर रही थी. ED ने शाहजहां शेख के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया. लुकआउट नोटिस जारी किया, लेकिन वो लंबे समय तक फरार रहा. उसे कई नोटिस भी दिए गए. उसने किसी का जवाब नहीं दिया. आगे चलकर ‘संदेशखाली’ का आरोपी आखिरकार हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी और टीएमसी सरकार की किरकिरी के बाद पुलिस के हत्थे चढ़ता है. उससे पहले ही संदेशखाली की कई स्थानीय महिलाओं ने शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर यौन उत्पीड़न जैसे कई संगीन आरोप लगाए थे.
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