Sebi chief Madhabi Puri Buch: सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच आज गुरुवार को संसद की पब्लिक अकाउंट कमिटी (पीएसी) के सामने पेश हो सकती हैं. सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर अमेरिका के शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग के लगाए गए आरोपों के जवाब देने के बाद भी सेबी अध्यक्ष के लिए ये बैठक काफी अहम हो जाती है और इसमें काफी हंगामा होने के आसार भी हैं, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य निशिकांत दुबे पहले ही समिति के अध्यक्ष और कांग्रेस सांसद के सी वेणुगोपाल पर राजनीति से प्रेरित होकर कदम उठाने का आरोप लगा चुके हैं.
मीटिंग में नहीं शामिल होंगी बुच?
इसी बीच एक नया अपडेट सामने आया है. सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने मीटिंग में शामिल होने से पहले पीएसी से निवेदन किया है कि वह मीटिंग में नहीं शामिल हो पाएंगी. उन्होंने कहा कि' इमरजेंसी काम आ गया है ऐसे में आ पाना मुश्किल है'.
बुच को आखिर किसने मीटिंग में बुलाया?
बैठक के एजेंडे में ‘‘संसद के अधिनियम द्वारा स्थापित नियामक निकायों के कामकाज की समीक्षा’’ के लिए समिति के निर्णय के हिस्से के रूप में वित्त मंत्रालय और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के प्रतिनिधियों के मौखिक साक्ष्य शामिल हैं. एजेंडे में कानून द्वारा स्थापित नियामक निकायों के कामकाज की समीक्षा को शामिल करने के समिति के फैसले का कोई विरोध नहीं हुआ. हालांकि बुच को बुलाने के वेणुगोपाल के कदम ने सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्यों को परेशान कर दिया, क्योंकि वह अमेरिकी संस्था ‘हिंडनबर्ग’ के आरोपों से खड़े हुए राजनीतिक विवाद के केंद्रबिंदु में रही हैं.
बुच के विरोध में कांग्रेस?
बुच के खिलाफ अमेरिकी शॉर्ट-सेलर कंपनी के हितों के टकराव के आरोप लगाए थे जिसके बाद कांग्रेस ने उन पर और सरकार पर तीखे हमले किए थे. पीएसी के सदस्य निशिकांत दुबे ने गत पांच अक्टूबर को समिति के अध्यक्ष वेणुगोपाल पर केंद्र सरकार को बदनाम करने और देश के वित्तीय ढांचे तथा अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने के लिए निरर्थक मुद्दे उठाने का आरोप लगाया था.
निशिकांत दुबे ने आखिर कांग्रेस पर क्या लगाया आरोप?
भाजपा सांसद दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में वेणुगोपाल पर आरोप लगाया था कि वह अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं और देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए एक 'टूल किट' के हिस्से के रूप में काम कर रहे हैं. वेणुगोपाल ने दुबे के आरोपों पर प्रतिक्रिया नहीं दी थी. समिति में भाजपा और उसके सहयोगियों के सांसदों का बहुमत है और वे विपक्षी सदस्यों द्वारा उन मुद्दों को उठाने के किसी भी कदम का जोरदार विरोध कर सकते हैं, जिनके बारे में उनका मानना है कि वे समिति के दायरे से बाहर हैं.
दूबे ने क्या कहा?
दुबे ने कहा है कि लोक लेखा समिति का एकमात्र कार्य भारत सरकार के विनियोग खातों और भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रपटों की जांच करने तक ही सीमित है. पीएसी की बैठक के एजेंडे में संचार मंत्रालय और भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के प्रतिनिधियों के मौखिक साक्ष्य भी शामिल हैं.
बुच की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधवी पुरी बुच की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. वित्तीय गड़बड़ी के आरोपों से घिरीं बुच को संसद की लोक लेखा समिति (PAC) मीटिंग में क्या हुआ, आज तय हो जाएगा.. पीएसी ने ‘संसदीय कानून द्वारा बने निकायों के प्रदर्शन की समीक्षा’ को एक विषय के रूप में शामिल किया है, जिनकी उसे 2024-25 के दौरान जांच करनी है.इनपुट भाषा से भी
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