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सरकार से नहीं बनी बात, आज किसान करेंगे दिल्ली कूच, क्या फिर दिखेगा 26/1 जैसा मंजर?

Shambhu border news: इससे पहले किसानों के जत्थे के दिल्ली चलो मार्च (Delhi Chalo March) को लेकर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने दावा किया कि शंभू और खनौरी सीमाओं पर हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों के एक्शन में 70 किसानों चोटें आई हैं. इसके बावजूद हम झुकेंगे नहीं.

File Photo: सरवन सिंह पंढेर
File Photo: सरवन सिंह पंढेर
Shwetank Ratnamber|Updated: Dec 08, 2024, 03:44 PM IST
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Farmers delhi march latets update: रविवार का दिन हरियाणा और दिल्ली वालों के लिए खासकर शंभू बॉर्डर के आसपास रहने वालों के लिए चुनौतीभरा साबित होने वाला है. किसान संगठन रविवार को अपना मार्च निकालने पर अड़े हैं.  पंजाब के किसान नेता सरवन सिंह पंधेर (Sarvan singh pandher) ने शनिवार को कहा कि किसानों को उनके मुद्दों पर बातचीत के लिए केंद्र सरकार की ओर से कोई संदेश नहीं मिला है, लिहाजा 101 किसानों का एक समूह आठ दिसंबर को दिल्ली की ओर मार्च शुरू करेगा.

शुक्रवार को पंजाब-हरियाणा सीमा पर सुरक्षाकर्मियों द्वारा आंसू गैस के गोले दागे जाने के कारण कुछ किसानों के घायल होने के बाद प्रदर्शनकारी किसानों ने राष्ट्रीय राजधानी की ओर अपना पैदल मार्च स्थगित कर दिया था. किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी समेत विभिन्न मांगों को पूरा करने का दबाव बना रहे हैं.

शनिवार को पंजाब-हरियाणा सीमा पर शंभू में मीडिया को संबोधित करते हुए पंधेर ने कहा कि हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा आंसूगैस के गोले दागे जाने के कारण 16 किसान घायल हो गए. इनमें से एक की सुनने की क्षमता चली गई. उन्होंने कहा कि चार घायल किसानों को छोड़कर बाकी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. उन्होंने कहा, 'हमें बातचीत के लिए केंद्र से कोई संदेश नहीं मिला है. (नरेंद्र) मोदी सरकार बातचीत के मूड में नहीं है.'

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संयुक्त किसान मोर्चा का ऐलान

उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने पहले ही फैसला कर लिया है कि 101 किसानों का एक जत्था रविवार दोपहर को शांतिपूर्ण तरीके से फिर से दिल्ली की ओर मार्च निकालेगा. इससे पहले हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा लगाई गई बहुस्तरीय बैरिकेडिंग के कारण ‘जत्थे’ को रोक दिया गया. निषेधाज्ञा को अनदेखा कर किसानों ने अवरोधकों को पार करने का प्रयास किया, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया और आंसू गैस के कई गोले दागे, ताकि वे पंजाब में पड़ने वाले शंभू में अपने विरोध स्थल पर वापस चले जाएं.

'केंद्र की भाजपा सरकार का पर्दाफाश'

प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ सुरक्षाकर्मियों की कार्रवाई पर पंधेर ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार का पर्दाफाश हो गया है. पंधेर ने कहा, 'उन्होंने कल क्या किया? लोग इस कार्रवाई से नाराज हैं. लोग भाजपा से पूछ रहे हैं कि चूंकि किसान अपने साथ ट्रैक्टर-ट्रॉली नहीं ले जा रहे थे, तो उन्हें आगे क्यों नहीं बढ़ने दिया गया.' खनौरी बॉर्डर पर एक और किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल (jagjit singh dallewal) का आमरण अनशन जारी है. किसानों का दावा है कि डल्लेवाल का आठ किलो वजन कम हो गया है.

26/1 जैसा दिखेगा मंजर?

आपको बताते चलें कि 2021 में भी किसान आंदोलन चरम पर था. महीनों के गतिरोध के बाद तमाम आंदोलनकारी दिल्ली की सड़कों पर कोहराम मचाते हुए लाल किले में दाखिल हो गए थे. उस दौरान कई स्कूली बच्चे गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम को लेकर लाल किले में थे. उनकी जान को खतरा हो सकता था. दिल्ली पुलिस ने अपनी जान पर खेलकर बहुत टैक्टफुली उन हालातों पर काबू किया था. अब चूंकि एक बार फिर किसान आंदोलन को लेकर ऐसा ही गतिरोध दिख रहा है, ऐसे में दिल्लीवालों के मन में 26/1 जैसे मंजर का डर दिखने लगा है. (पीटीआई इनपुट के साथ)

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