Sharad Pawar with Ajit Pawar: एनसीपी में दो फाड़ होने के बाद एक बार फिर चाचा-भतीजा (शरद पवार और अजित पवार) एक ही मंच पर दिखाई दिए लेकिन दोनों ने एक दूसरे को जमकर इग्नोर किया और एक साथ बैठने से भी परहेज किया. गुरुवार को वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट की वार्षिक आम बैठक में दोनों के एक साथ बैठने की व्यवस्था की गई थी लेकिन आखिर में कुछ ऐसा हुआ कि दोनों अलग-अलग बैठ गए. यह एक सप्ताह में दूसरा मौका था जब दोनों नेता सार्वजनिक रूप से एक साथ देखे गए. इससे पहले उन्होंने बारामती में '2025 कृषि महोत्सव' के उद्घाटन समारोह में एक मंच साझा किया था.
प्रोग्राम में बोलते हुए अजित पवार ने कहा कि अच्छा प्रदर्शन करने वाले किसानों को 10000 रुपये का पुरस्कार दिया जाता है. आज दस हजार का कोई खास मूल्य नहीं है. इसलिए मेरा अनुरोध है कि इस रकम को बढ़ाकर एक लाख रुपये किया जाए. बेशक, अजित पवार ने मांग की है कि शरद पवार ही फैसला लें कि कब बढ़ोतरी करनी है. शरद पवार ने इस मांग को स्वीकार कर लिया है.
पुण्यात वसंतदादा शुगर इन्स्टिट्यूटची ४८ वी वार्षिक सर्वसाधारण सभा आणि पुरस्कार वितरण समारंभ मोठ्या उत्साहात पार पडला. यावेळी संस्थेच्या गव्हर्निंग गव्हर्निंग कौन्सिलचे सदस्य, सहकारी मंत्री आणि सामान्य नागरिक मोठ्या संख्येने उपस्थित होते. pic.twitter.com/nVJMt3YQDU
— Ajit Pawar (@AjitPawarSpeaks) January 23, 2025
अब तक संगठन के ज़रिए व्यक्तिगत प्रदर्शन के लिए दिया 10000 रुपये का इनाम दिया जाता था, लेकिन आज से इनाम की रकम बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी जाएगी. अम्बालिका शुगर फैक्ट्री को दी जाने वाली कुल पुरस्कार राशि 2 लाख रुपये थी जो अब 5 लाख रुपये होगी.
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शरद पवार के बगल में बैठने से परहेज किया. कहा जा रहा है कि दोनों के बराबर में बैठने की व्यवस्था की गई थी लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. बारामती में दोनों एक ही मंच पर मौजूद थे लेकिन शरद पवार और अजित पवार एक-दूसरे को नजरअंदाज करते नजर आए थे.
'कृषि महोत्सव' के दौरान चाचा-भतीजे की जोड़ी ने एक-दूसरे के बगल में बैठने से परहेज किया. जबकि शरद पवार की बेटी, बारामती की सांसद सुप्रिया सुले और अजित पवार की पत्नी, राज्यसभा सांसद सुनेत्रा पवार मौजूद थीं एक-दूसरे के बगल में बैठी थीं. हालांकि इन दोनों के बीच भी कुछ खास बातचीत नहीं देखने को मिल पाई, इनकी बातचीत भी विनम्र मुस्कान तक ही सीमित थी.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के दो हिस्से होने के बाद से परिवार के हालात तनावपूर्ण हो गए हैं. अजित पवार ने बार-बार अपने चाचा के साथ सार्वजनिक रूप से उपस्थिति से परहेज किया है, खासकर लोकसभा और विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान, जहां दोनों गुटों ने तीखी बयानबाजी की और जमकर मुकाबला किया. हालांकि महायुति गठबंधन के दूसरे कार्यकाल में अजित पवार के उपमुख्यमंत्री बनने के बाद से कुछ समय तक सुलह की भी कोशिश हुई. दिसंबर में अजित पवार उनके परिवार के सदस्य और सीनियर एनसीपी नेता शरद पवार के दिल्ली वाले घर पर उनके जन्मदिन पर उन्हें बधाई देने पहुंचे थे. हालांकि कोई अच्छी खबर आती दिखाई नहीं दे रही है.
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